ED: फर्जी क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म के जरिए विदेशियों से धोखाधड़ी, बिना सहमति विशेषज्ञों के फोटो इस्तेमाल
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में बैंगलोर में नकली क्रिप्टोकरेंसी निवेश प्लेटफॉर्म के जरिए विदेशियों और स्थानीय नागरिकों के साथ जमकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), बैंगलोर क्षेत्रीय कार्यालय ने एक ऐसे मामले की जांच की है, जिसमें हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। नकली क्रिप्टोकरेंसी निवेश प्लेटफॉर्म के जरिए विदेशियों और स्थानीय नागरिकों के साथ जमकर धोखाधड़ी की गई। धोखाधड़ी के इस खेल में बिना सहमति के क्रिप्टो विशेषज्ञों/मशहूर हस्तियों के फोटो इस्तेमाल किए गए। आरोपी, निवेश के बहाने मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के रूप में धन इकट्ठा कर रहे थे। यह धोखाधड़ी, आरोपियों द्वारा बनाई गई वेबसाइटों के माध्यम से की गई थी।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत ईडी ने गत सप्ताह कर्नाटक, महाराष्ट्र और दिल्ली में स्थित 21 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया है।
ईडी के अनुसार, इस मामले में आरोपियों द्वारा संचालित क्रिप्टोकरेंसी (आभासी संपत्ति) आधारित निवेश प्लेटफार्मों के माध्यम से बड़े पैमाने पर संगठित वित्तीय धोखाधड़ी की गई थी। आरोपी, विदेशी नागरिकों के साथ-साथ भारतीय नागरिकों को भी निशाना बना रहे थे। यह कार्रवाई, मेसर्स फोर्थ ब्लॉक कंसल्टेंट्स और अन्य के मामले में की गई है। तलाशी अभियान के दौरान, आरोपियों द्वारा इस्तेमाल की गई खास कार्यप्रणाली का पता चला है।
• नकली क्रिप्टोकरेंसी निवेश प्लेटफॉर्म बनाना, जो असली निवेश प्लेटफॉर्म की तरह दिखते हैं और भारी मुनाफे का विज्ञापन करते हैं।
• भारत और विदेश के भोले-भाले निवेशकों को त्वरित लाभ का वादा करके निशाना बनाना। प्रचार के लिए प्रतिष्ठित क्रिप्टो विशेषज्ञों और मशहूर हस्तियों की तस्वीरों का बिना सहमति के इस्तेमाल करना।
• शुरुआती निवेशकों को कुछ रिटर्न देकर उनका भरोसा जीतना और अधिक निवेशकों को आकर्षित करना, बिल्कुल एक क्लासिक मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजना की तरह।
• रेफरल बोनस देना और धोखाधड़ी को बढ़ाने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना।
• अपराध की आय (पीओसी) इकट्ठा करने के लिए कई क्रिप्टो वॉलेट, विदेशी बैंक खाते और कंपनियां बनाना।
• हवाला, आवास प्रविष्टियों और पीयर-टू-पीयर, क्रिप्टो ट्रांसफर के माध्यम से भारत में धनराशि भेजना।
• भारत और विदेश में संपत्ति सृजित करने के लिए पीओसी का उपयोग।
उपरोक्त कार्यप्रणाली का उपयोग अभियुक्तों द्वारा वर्ष 2015 से किया जा रहा था। क्रिप्टोकरेंसी के रूप में उत्पन्न पीओसी का उपयोग अभियुक्तों द्वारा जहां भी संभव हो, सीधे क्रिप्टो लेनदेन में किया गया। कुछ क्रिप्टो प्लेटफॉर्मों का उपयोग करके पीयर-टू-पीयर क्रिप्टो लेनदेन के माध्यम से इसे नकद/बैंक बैलेंस में परिवर्तित किया गया। इस प्रकार उत्पन्न पीओसी का उपयोग अभियुक्तों द्वारा भारत और विदेश में चल और अचल संपत्तियों के अधिग्रहण में किया गया है। इनमें से कुछ संपत्तियों की पहचान तलाशी के दौरान की गई है। तलाशी अभियान से अभियुक्तों के कुछ क्रिप्टो वॉलेट पतों की पहचान करने में भी मदद मिली है, जिनका उपयोग पीओसी प्राप्त करने और आगे उपयोग करने के लिए किया गया था। तलाशी की कार्यवाही के दौरान यह खुलासा हुआ है कि अधिकांश आरोपी, व्यक्ति द्वारा अर्जित धन को वैध बनाने के लिए अघोषित विदेशी बैंक खाते और विदेशी संस्थाएं चला रहे हैं। इस कार्यप्रणाली को अंजाम देने के लिए अभियुक्तों द्वारा बनाई और उपयोग की गई कुछ वेबसाइट ... goldbooker, fincorp, wozur, theapexpower, mygoldrev, cryptexify, hawkchain, paymara, hackandpool, growmore, bitrobix, primetrades, zylotrade, cryptogames24hrs, hydrominers, bitleeds, bixotrade, jumboticket, Metaaibox, Cryptobrite, Goldxcapital, Cubigains, Bitcodeals, Bitcodeals, turbominers, Bitminerclub, cryptobtctrade