FTA: भारत-न्यूजीलैंड के बीच फ्री ट्रेड डील; मंत्री गोयल ने बताया कैसे किसानों, उद्योगों-आम आदमी को मिलेगा फायद
भारत ने न्यूजीलैंड के साथ अपने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर सोमवार को मुहर लगा दी। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने सोमवार को इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि इससे उनके निर्यातकों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले बाजार तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
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भारत की व्यापार कूटनीति इस समय तेज रफ्तार में आगे बढ़ रही है। एक ओर अमेरिका के साथ बड़ी ट्रेड डील पर बातचीत तेजी से चल रही है। जबकि दूसरी तरफ भारत ने न्यूजीलैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को सफलतापूर्वक अंतिम रूप दे दिया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर मजबूत भरोसा जताया है। उन्होंने कहा यह समझौता सिर्फ व्यापार से जुड़े आंकड़ों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आम लोगों के जीवन पर भी सकारात्मक असर डालेगा। इस समझौते के तहत न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्षों में भारत में करीब 20 अरब डॉलर के निवेश का भरोसा दिया है। यह निवेश मैन्युफैक्चरिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सर्विस सेक्टर और इनोवेशन से जुड़े क्षेत्रों में किया जाएगा।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा,भारत–न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट लागू होने के बाद भारतीय निर्यात पर शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा। इससे किसानों, एमएसएमई, कर्मचारियों, कारीगरों, महिला-नेतृत्व वाले उद्योग और युवाओं के साथ-साथ टेक्सटाइल, कपड़ा, चमड़ा और फुटवियर जैसे श्रम प्रधान उद्योगों को सीधा फायदा पहुंचेगा। इस समझौते से इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, प्लास्टिक और केमिकल जैसे सेक्टर्स के लिए भी नए अवसर खुलेंगे और भारतीय उद्योगों की वैश्विक पहुंच मजबूत होगी।
मंत्री गोयल के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के नेतृत्व में तथा उनके समकक्ष मंत्री टॉड मैक्ले के सहयोग से यह अहम समझौता महज 9 महीनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। इस समझौता के लागू होते ही भारत से होने वाले सभी निर्यात पर न्यूजीलैंड में शून्य शुल्क लागू हो जाएगा। यानी अब भारतीय उत्पादों पर वहां कोई आयात कर नहीं लगेगा। इसका सीधा असर यह होगा कि न्यूजीलैंड के बाजार में भारतीय सामान की कीमतें घटेंगी और वे पहले से ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगे। इससे खास तौर पर कपड़ा, चमड़ा, फुटवियर और जेम्स-ज्वेलरी जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है, जहां बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होते हैं।
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भारत के किसानों को मिलेगा फायदा
गोयल ने कहा, यह फायदा केवल बड़े उद्योगों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि छोटे और मझोले उद्यमों, कारीगरों और महिला उद्यमियों को भी सीधा लाभ मिलेगा। अब ये वर्ग बिना अतिरिक्त अड़चनों के अपने उत्पाद सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचा सकेंगे। इसके साथ ही इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल, फार्मा, मशीनरी और प्लास्टिक जैसे क्षेत्रों के लिए भी नए कमाई के अवसर बनेंगे। यह कदम भारत की मैन्युफैक्चरिंग ताकत को वैश्विक मंच पर मजबूत पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने आगे कहा कि, यह एफटीए किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए न्यूजीलैंड के बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों के लिए नए अवसर खुलेंगे। इनमें फल, सब्जियां, कॉफी, मसाले, अनाज और प्रोसेस्ड फूड उत्पाद शामिल हैं। कृषि उत्पादकता साझेदारी, उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना और न्यूजीलैंड की उन्नत कृषि तकनीकों तक पहुंच से भारतीय किसानों को उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी। शहद, कीवी और सेब जैसे बागवानी उत्पादों पर केंद्रित विशेष पहलें इस क्षेत्र को और मजबूत करेंगी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देंगी।
आईटी से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगा फायदा
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि घरेलू हितों को ध्यान में रखते हुए भारत ने कुछ संवेदनशील क्षेत्रों को इस एफटीए से बाहर रखा है। इनमें डेयरी उत्पाद, चीनी, कॉफी, मसाले, खाद्य तेल, कीमती धातुएं जैसे सोना और चांदी, कीमती धातुओं का कबाड़, कॉपर कैथोड और रबर आधारित उत्पाद शामिल हैं। इसका उद्देश्य किसानों, एमएसएमई और घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना है। यह मुक्त व्यापार समझौता भारत के सेवा क्षेत्र के लिए नए रास्ते खोलता है। आईटी और आईटीईएस, वित्त, शिक्षा, पर्यटन, निर्माण समेत कई क्षेत्रों को इससे फायदा होगा। स्वास्थ्य सेवाओं, पारंपरिक चिकित्सा, छात्र गतिशीलता और पढ़ाई के बाद रोजगार से जुड़े न्यूजीलैंड के पहले समझौते भारतीय पेशेवरों और छात्रों के लिए नए अवसर लेकर आएंगे।
गोयल ने कहा, इस समझौते के तहत इसके अलावा बेहतर मोबिलिटी प्रावधानों के तहत वर्किंग हॉलिडे वीजा, पोस्ट-स्टडी वर्क के अवसर और 5,000 अस्थायी रोजगार वीजा का एक विशेष कोटा तय किया गया है। इससे कुशल भारतीय पेशेवरों को वैश्विक स्तर पर बेहतर अवसर मिल सकेंगे। यह परस्पर लाभकारी समझौता भारत–न्यूजीलैंड आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करेगा और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में भारत की यात्रा को आगे बढ़ाएगा।
यह समझौता कुशल रोजगार के नए रास्ते भी खोलता है। इसके तहत भारतीय पेशेवरों के लिए टेम्पररी एम्प्लॉयमेंट एंट्री वीजा की नई व्यवस्था की गई है, जिसमें एक समय में 5,000 वीजा और तीन साल तक ठहरने की अनुमति होगी। इसमें आयुष चिकित्सक, योग प्रशिक्षक, भारतीय शेफ, संगीत शिक्षक, साथ ही आईटी, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, शिक्षा और निर्माण जैसे उच्च मांग वाले क्षेत्र शामिल हैं। इसमें टैरिफ में कटौती के अलावा, FTA में नॉन-टैरिफ बाधाओं को दूर करने के लिए बेहतर नियामक सहयोग, पारदर्शिता, सरल कस्टम प्रक्रियाएं, SPS उपाय और टेक्निकल बैरियर्स टू ट्रेड से जुड़े प्रावधान भी शामिल किए गए हैं, ताकि निर्यातकों को वास्तविक और प्रभावी बाजार पहुंच मिल सके।
वाणिज्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक, इस समझौते में न्यूजीलैंड की ओर से भारत को अब तक की सबसे बेहतर बाजार पहुंच और सेवाओं की पेशकश शामिल है। इसमें कंप्यूटर सेवाएं, प्रोफेशनल सर्विसेज, ऑडियो-विजुअल, टेलीकॉम, निर्माण, पर्यटन और यात्रा से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं। कुल 118 सेवा क्षेत्रों और करीब 139 उप-क्षेत्रों में मोस्ट-फेवर्ड नेशन प्रतिबद्धताएं भी इस समझौते का हिस्सा हैं।