Congress Opposing VB-G Ram G Law: डिप्टी CM शिवकुमार बोले- सरकार ने मनरेगा का गला घोंटा, यह BJP के अंत का आगाज
VB-G RAM G Act: मनरेगा का नाम बदलकर वीबी-जी राम जी करने के प्रस्ताव पर सियासत तेज हो गई है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने केंद्र सरकार पर योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि फंडिंग अनुपात 90:10 से 60:40 करना और नाम बदलना मनरेगा का ‘गला घोंटने’ की साजिश है।
विस्तार
मनरेगा योजना के नाम को बदलने के लिए लाए गए कानून विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जी राम जी को लेकर देशभर में सियासत जारी है। ऐसे में अब कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस योजना के नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। साथ ही गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए देश के हर नागरिक को काम देने की व्यवस्था की गई थी और यह अधिकार कांग्रेस सरकार ने संविधान के तहत दिया था।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिवकुमार ने कहा कि पूरे देश में कनकपुरा वह विधानसभा क्षेत्र है, जहां उन्होंने नरेगा योजना (बाद में मनरेगा) का प्रयोग सबसे पहले किया था। शिवकुमार ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा ने वहां जांच करवाई और बेवजह अनियमितताओं के आरोप लगाए।
योजना को लेकर क्या बोले शिवकुमार?
कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि पहले नरेगा के तहत बनने वाले भवनों और अन्य कार्यों में राज्य सरकार को सिर्फ 10 प्रतिशत पैसा देना होता था, जबकि केंद्र सरकार 90 प्रतिशत खर्च उठाती थी। लेकिन अब यह अनुपात बदलकर 60:40 कर दिया गया है। शिवकुमार का कहना है कि इस बदलाव का मकसद इस योजना को कमजोर करना और धीरे-धीरे खत्म करना है।
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'योजना की गला घोंटने की साजिश'
उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर बनी योजना का 'गला घोंटने' की कोशिश की जा रही है। डीके शिवकुमार ने जानकारी दी कि मंत्री प्रियंक खरगे ने इस मुद्दे पर दिल्ली में बैठक बुलाई है, जहां इस पर विस्तार से चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
इस कानून से पंचायती राज सिस्टम सदमे में- शिवकुमार
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि इस नए कानून से पूरा पंचायती राज सिस्टम और उसके अधिकारी सदमे में हैं। पहले नरेगा का पैसा सीधे उन लोगों के खाते में जाता था, जिन्होंने इस योजना के तहत काम के लिए पंजीकरण कराया था। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि भाजपा कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए सांविधानिक अधिकार को छूने की हिम्मत करेगी। यह भाजपा के अंत की शुरुआत है।
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वीबी-जी राम जी कानून पहले था नरेगा, फिर कैसे हुआ मनरेगा?
गौरतलब है कि राष्ट्रपति मुर्मू के द्वारा कल मंजूरी के बाद वीबी-जी राम जी कानून बना मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना देश की एक बड़ी रोजगार योजना है। इसकी शुरुआत 2005 में हुई थी। उस समय इसका नाम सिर्फ नरेगा (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) था। इस कानून को संसद ने अगस्त 2005 में पास किया और इसे 2 फरवरी 2006 से देश में लागू किया गया। शुरुआत में यह योजना कुछ जिलों में लागू हुई, बाद में इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया।
इस योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार देना है। अगर सरकार काम नहीं देती, तो मजदूर को बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान है। साल 2009 में इस योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कर दिया गया और अब वीबी-जी राम जी।
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