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'मणिकर्णिका' पर ब्राह्मणों को ऑब्जेक्शन, 'झांसी की रानी' से ये है उनका कनेक्शन
अमर उजाला टीम डिजिटल/जयपुर
Updated Wed, 07 Feb 2018 09:52 AM IST
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फाइल फोटो
दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावत के बाद अब कंगना रानौत की फिल्म मणिकर्णिका को लेकर भी बवाल होने लगा है। ब्राह्मण समाज की ओर से विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। अब सवाल यह उठता है राजपूत समाज ने रानी पद्मिनी के वंशज होने के चलते विरोध दर्ज करवाया था। रानी लक्ष्मी बाई पर बन रही फिल्म से ब्राह्मण समाज का क्या कनेक्शन है।
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महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार में हुआ था जन्म
manikarnika
जानकारों की मानें तो रानी लक्ष्मीबाई का जन्म एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वाराणसी में 1828 में उनका जन्म हुआ था। लक्ष्मी बाई के पिता मोरोपंत तांबे और माता भागीरथी थी। जो एक घरेलु महिला थी। लक्ष्मी बाई का नाम बचपन में मणिकर्णिका रखा गया था। उन्हें प्यार से मनु भी पुकारा जाता था। उनकी माता का देहंता तब हो गया था जब मनु केवल चार साल की थी। लक्ष्मी बाई की शादी 1842 में उत्तर भारत के झांसी के महाराज गंगाधर राव नेवलेकर से हुई थी। तभी से उन्हें झांसी की रानी के रूप में पहचान मिली थी।
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इतिहास से छेड़छाड़ तो होगा विरोध
rani laxmi bai
- फोटो : file photo
यही कारण है कि ब्राह्मण समाज झांसी की रानी से जुड़े इतिहास को लेकर गलत तथ्य पेश करने का विरोध कर रहा है। हाल ही में सर्व ब्राह्मण महाराज की ओर से कहा गया था कि अगर फिल्म में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की गई तो विरोध किया जाएगा। राजस्थान में होने वाली फिल्म की शूटिंग रोक दी जाएगी।
विवादित किताब फिल्म का आधार
डेमो इमेज
जानकारी के अनुसार फिल्म 'मणिकर्णिका' को लेकर कयास ये लगाए जा रहे हैं कि इसकी कहानी लेखिका जयश्री मिश्रा की किताब 'रानी' पर आधारित हो सकती है। दरअसल, इस विवादित किताब में ईस्ट इंडिया कंपनी के रॉबर्ट एलिस नाम के एक पॉलिटिकल एजेंट से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बीच प्रेम संबधों का जिक्र किया गया है।
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दस साल पहले हो गई थी बैन
किताब
- फोटो : अमर उजाला
इस किताब को उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सरकार में साल 2008 में बैन कर दिया गया था, लेकिन यह किताब ऑनलाइन उपलब्ध है। इस किताब की लेखिका जयश्री मिश्रा यूके में रह रही हैं, जिन्होनें इस किताब को हिस्टॉरिकल फिक्शन का रूप दिया था।