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Cancer Risk: ऐसे लोगों को कैंसर का खतरा ज्यादा, वैज्ञानिकों की टीम ने किया खुलासा

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Fri, 29 Sep 2023 03:12 PM IST
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cancer risk in indian women 63% of cancer-related deaths were preventable
महिलाओ में कैंसर के जोखिम - फोटो : iStock

कैंसर दुनियाभर में होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है। लगभग सभी उम्र वालों में इसका खतरा देखा जाता रहा है। महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे कॉमन हैं, जबकि पुरुषों में लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक कैंसर के कारण साल 2022 में आठ लाख लोगों की जान गई। पिछले साल 14.61 लाख से अधिक लोगों में कैंसर का पता चला, 2020 जुलाई से 2023 तक में 69,000 मामलों में वृद्धि हुई है।

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कैंसर के जोखिमों को लेकर जारी एक हालिया रिपोर्ट में वैज्ञानिकों की टीम ने कहा, यदि समय पर स्क्रीनिंग और निदान में तेजी लाई गई होती तो देश में महिलाओं में कैंसर से संबंधित 63% मौतों को रोका जा सकता था। गौरतलब है कि कैंसर का जितनी शीघ्रता से निदान होता है, जान बचने की संभावना उतनी बढ़ जाती है।

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कैंसर का बढ़ता जोखिम - फोटो : Pixabay

महिलाओं में कैंसर का बढ़ता जोखिम

कैंसर के कारण होने वाली मौत और इसके जोखिमों को लेकर द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक कैंसर के जोखिमों को लेकर हमें गंभीरता से ध्यान देते रहने की जरूरत है। कैंसर का निदान ज्यादातर मामलों में तभी हो पा रहा है जब रोग गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। यह वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम है।

2020 में 50 वर्ष से कम आयु के जिन 30 लाख वयस्कों में कैंसर का पता चला, उनमें से हर तीन में से दो महिलाएं थीं। कैंसर महिलाओं में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है। इससे बचाव को लेकर उपाय करते रहना बहुत आवश्यक है।

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धूम्रपान के कारण होने वाली दिक्कतें - फोटो : istock

कैंसर के लिए ये हैं प्रमुख जोखिम कारक

शोधकर्ताओं की टीम ने महिलाओं में बढ़ते रोग के खतरे को समझने की कोशिश की, इसके अनुसार 2020 में कैंसर से पीड़ित लगभग 1.3 मिलियन महिलाओं की मौत के लिए कैंसर के चार प्रमुख जोखिम कारकों- तंबाकू, शराब, मोटापा और संक्रमण को जिम्मेदार पाया गया है।

महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे ज्यादा देखे जाते रहे हैं। वहीं हर साल 70 वर्ष से कम उम्र की लगभग 300,000 महिलाएं लंग्स कैंसर और 1.60 लाख महिलाएं कोलोरेक्टल कैंसर के कारण मौत का शिकार होती हैं। 

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कैंसर से बचाव के उपाय - फोटो : instagram

कैंसर से बचाव के लिए करें ये काम

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, महिलाओं को 40 वर्ष की आयु के बाद से हर साल वार्षिक मैमोग्राम कराना चाहिए। स्तन कैंसर के उच्च जोखिम वाली महिलाओं को पहले से ही जांच शुरू करने की आवश्यकता हो सकती है। 30 साल की उम्र तक अपने जोखिम के बारे में डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है, जल्दी निदान हो जाने से रोग के गंभीर स्थिति में पहुंचने का खतरा और इसके कारण मृत्यु के जोखिम को कम किया जा सकता है।

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कैंसर से करें बचाव - फोटो : iStock

लाइफस्टाइल को ठीक रखना भी जरूरी

डॉक्टर्स की टीम कहती है, कैंसर के कारण होने वाले जोखिमों को कम करने में समय पर टेस्टिंग मददगार हो सकती है। साथ ही सभी लोगों को लाइफस्टाइल को ठीक रखना बहुत आवश्यक है। धूम्रपान और शराब से बचाव, हानिकारक यूवी विकिरण से बचाव, वजन को कंट्रोल रखना आपमें कैंसर के साथ कई प्रकार की अन्य क्रोनिक बीमारियों के जोखिमों से बचाने वाली हो सकती है। सभी लोगों को कम उम्र से ही सुरक्षात्मक तौर पर इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।


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स्रोत और संदर्भ
Women, power, and cancer: a Lancet Commission


अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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