पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में कमी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 27 हजार से अधिक नए संक्रमित मरीज मिले हैं। हालांकि केरल में संक्रमण अभी भी चिंता का सबब बना हुआ है। वहां रोजाना 25 हजार से अधिक नए मरीज सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि यहां कोरोना का डेल्टा वैरिएंट लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में टीकाकरण अभियान तेज करने से संक्रमण के मामलों में भी कमी आ रही है। इस अभियान के तहत देश में अब तक 74 करोड़ 38 लाख से अधिक कोविड रोधी टीके लगाए जा चुके हैं। चूंकि ये टीके संक्रमण से 100 फीसदी तो बचा नहीं सकते हैं, लेकिन गंभीर रूप से बीमार होने से जरूर बचा सकते हैं। आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कोरोना और वैक्सीन से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब...
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विशेषज्ञ से जानें: वैक्सीन के अलावा क्या कोरोना के इलाज के लिए कोई दवा भी आ गई है?
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सोनू शर्मा
Updated Mon, 13 Sep 2021 02:30 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर
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कोरोना वैक्सीन पर विशेषज्ञ की राय
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अगर किसी की दूसरी डोज में गैप हो गया है तो क्या करें?
- दिल्ली स्थित एम्स के डॉ. पीयूष रंजन कहते हैं, 'अगर तय तारीख पर दूसरी डोज नहीं ले पाए हैं, तो उससे 2-4 दिन आगे-पीछे भी लगवा सकते हैं। इसलिए परेशान न हों कि तारीख तो आज की थी और अब कल कैसे लगवाएं। इससे बहुत ज्यादा अंतर नहीं होगा, बल्कि दूसरी डोज लगवाना जरूरी है। हां अगर कुछ समस्या हो गई है या कोई मेडिकल इमरजेंसी हो गई है तो डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं कि कब लगवानी है। वैसे इस तरह की परिस्थिति बहुत कम आती है।'
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कोरोना पर विशेषज्ञ की राय
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वैक्सीनेटेड और नॉन वैक्सीनेटेड में कौन कितना सुरक्षित है?
- डॉ. पीयूष रंजन कहते हैं, 'एम्स में एक स्टडी की गई थी, जिसके मुताबिक वैक्सीन नहीं लगवाने वालों की तुलना में वैक्सीन लगवाने वालों में संक्रमण होने की संभावना करीब 12 गुना कम होती है। संक्रमण अगर हो भी गया तो गंभीर रूप से बीमारी होने की संभावना 18 गुना कम हो जाती है। मृत्यु और किसी तरह की गंभीर समस्या होने की संभावना भी 200 से 250 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसके अलावा अगर किसी ने एक डोज ली है और उसे 14 दिन हो चुके हैं, वहीं वह व्यक्ति जिसे दोनों डोज लिए 14 दिन हो चुके हैं, उसमें 200 गुना तक संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। इसके साथ उन्हें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन भी करना है। इसलिए वैक्सीन की दोनों डोज लेना जरूरी है।'

कोरोना पर विशेषज्ञ की राय
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कोविड से जंग में जनभागीदारी को कैसे देखते हैं?
- डॉ. पीयूष रंजन कहते हैं, 'कोविड की जंग अभी चल रही है और हम लड़खड़ाए, फिर संभले, लेकिन सफर अभी अधूरा है। मंजिल तक पहुंचने के लिए एक-एक व्यक्ति का साथ जरूरी है। तभी हम जंग जीत कर मंजिल तक पहुंच सकते हैं और कोविड से जंग जीत सकेंगे। यानी जब तक सीरो सर्वे में हर्ड इम्यूनिटी न आ जाए, वैक्सीन 70-80 प्रतिशत लोगों को न लग जाए, तब तक हमें नियमों का पालन करना नहीं छोड़ना है।'
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कोरोना पर विशेषज्ञ की राय
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क्या कोरोना के इलाज के लिए कोई दवा भी आ गई है?
- डॉ. पीयूष रंजन कहते हैं, 'कोरोना वायरस की बीमारी के इलाज के लिए अभी कोई दवा नहीं आई है। इस बीमारी की वजह से मरीज में जो लक्षण नजर आते हैं, उन एक-एक लक्षणों को दूर करने के लिए दवा दी जाती है। जैसे बुखार को कम करने के लिए दवा, सर्दी-जुकाम हो गया है तो उसकी दवा आदि। ऑक्सीजन की कमी हो रही है तो वह देते हैं। इनके अलावा इलाज के कुछ सपोर्टिव वैक्सीन और दवाएं हैं, जिसे डॉक्टर की निगरानी में दिया जाता है। लेकिन जैसे कई बीमारियों में होता है कि ये दवा इस बीमारी के लिए है और इसे खाते ही ठीक हो जाएंगे, वैसे निश्चित दवा अभी कोरोना के लिए नहीं आई है। इसपर तमाम वैज्ञानिक लगे हुए हैं और शोध कर रहे हैं।'