Nipah Virus: केरल में निपाह संक्रमण का अलर्ट, जून-जुलाई में क्यों बढ़ जाता है प्रकोप? विशेषज्ञ से जानिए
- केरल में इन दिनों निपाह वायरस के संक्रमण के चलते अलर्ट जारी किया गया है।
- केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को बताया कि उत्तरी केरल में निपाह वायरस से संक्रमित मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है और हर संभव उपचार मुहैया कराया जा रहा है।

विस्तार
Nipah Virus Alert: देश के दक्षिणी राज्य केरल में इन दिनों निपाह वायरस के संक्रमण के चलते अलर्ट जारी किया गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को बताया कि उत्तरी केरल में निपाह वायरस से संक्रमित मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है और हर संभव उपचार मुहैया कराया जा रहा है। 38 वर्षीय महिला का सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। वहीं मलप्पुरम निवासी एक अन्य मरीज की पिछले सप्ताह संक्रमण के कारण मौत हो गई थी।

स्वास्थ्य मंत्री ने पलक्कड़ मेडिकल कॉलेज में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, महिला को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार दिया गया है। डॉक्टर्स की टीम लगातार प्रयास कर रही है जिससे उसकी स्थिति सुधर सके।

केरल में जारी अलर्ट
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक रोगियों के संपर्क में आए कुल 173 लोगों की पहचान की गई है, जिसमें से 100 प्राइमरी और 73 मरीज सकेंडरी स्तर के हैं।
मरीज के घर के आसपास के तीन किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, जहां जिला कलेक्टर और जिला पुलिस प्रमुख द्वारा कड़ी निगरानी की जा रही है। इतना ही नहीं मंत्री ने प्रकोप से संबंधित गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।

निपाह से सबसे प्रभावित राज्य रहा है केरल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की वेबसाइट के अनुसार, निपाह वायरस का संक्रमण एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। इसके अलावा दूषित भोजन या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी इसके फैलने का खतरा देखा जाता रहा है।
ये पहला मौका नहीं है जब केरल में निपाह के प्रकोप और इसके कारण चिंता देखी जा रही है। केरल में नियमित अंतराल पर निपाह की खबरें सामने आती रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में इसके पैटर्न पर नजर डालें तो पता चलता है कि मानसून के दिनों में इस वायरल संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है। आखिर इसकी वजह क्या है?

क्या है केरल में बार-बार संक्रमण फैलने की वजह?
महामारी विशेषज्ञों के अनुसार, वन्यजीवों के व्यवहार और मानव जीवनशैली में बदलाव के कारण, ऐसे वायरस लगातार जोखिम पैदा कर रहे हैं, जिससे निरंतर निगरानी आवश्यक हो जाती है। केरल में हर साल निपाह वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है, मुख्य रूप से इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी इसका कारण हो सकती है।
केरल की जलवायु और घने फलों के पेड़ चमगादड़ों की एक बड़ी आबादी के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बन जाते हैं।

जून-जुलाई के महीनों में बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा
इसके अलावा निपाह के मामले मानसून कि दिनों में ज्यादा देखे जाते रहे हैं, इसका मुख्य कारण मानसून के मौसम में नमी बढ़ना है। नमी की वजह से फल जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे वे चमगादड़ों के लिए और भी आकर्षक हो जाते हैं।
मानसून के दौरान जलभराव और स्थानीय पारिस्थितिकी में बदलाव के कारण मनुष्य, चमगादड़ और पालतू जानवर एक-दूसरे के ज्यादा करीब आ सकते हैं, जिससे चलते निपाह सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियों के फैलने का जोखिम बढ़ जाता है।
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नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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