डॉ. आर्यभट्ट साधु
एमडी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, एम्स
कोरोना रोगियों की संख्या देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 3.23 लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए, वहीं 2771 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी है। इस तरह से देश में कोरोना के कुल मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1.76 करोड़ से ऊपर चला गया है। वायरस के डबल और ट्रिपल म्यूटेशन वाले वैरियंट्स के कारण दूसरी लहर में संक्रमित हो रहे लोगों में अलग-अलग तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं। डायरिया, थकान, आंख आने और त्वचा पर चकत्ते हो जाने के लक्षणों के साथ भी अब लोगों को संक्रमित पाया जा रहा है।
कई लोगों को अचानक से बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी की शिकायत हो रही है, क्या इसे भी कोरोना के लक्षण के रूप में देखा जाना चाहिए? आइए इस बारे में विशेषज्ञों से जानते हैं।
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कोरोना के नए लक्षणों को पहचानें
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अमर उजाला से बातचीत के दौरान डॉ आर्यभट्ट बताते हैं कि सर्दी-जुकाम और बुखार के साथ इस लहर में लोगों को कई अन्य तरह की दिक्कतें हो रही है। यदि आपको गले में खराश और बुखार के साथ बहुत ज्यादा थकान या कमजोरी महसूस हो रही है तो संभव है कि आप कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में घबराना नहीं चाहिए, रोगी को सबसे पहले खुद को आइसोलेट करके जल्द से जल्द कोरोना की जांच करानी चाहिए।
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टेस्ट निगेटिव आने तक घरों से न निकलें बाहर
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रोगियों को तब तक आइसोलेशन में रहना चाहिए जब तक उनका टेस्ट निगेटिव न आ जाए। कई बार लोगों को इतनी ज्यादा कमजोरी आ जाती है कि उनसे चला भी नहीं जाता। इस स्थिति में उन्हें दूसरे लोगों के सहायता की जरूरत पड़ सकती है। ऐसी परिस्थितियों में रोगी और उसका देखभाल कर रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
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शरीर में दर्द भी हो सकता है कोरोना का संकेत
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किन बातों का ऱखें ध्यान
विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के जो रोगी घर पर आइसोलेशन में हैं उन्हें अपने लक्षणों की लगातार निगरानी करते रहना चाहिए।
- ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि रोगी का बुखार तो कम हो जाता है लेकिन कमजोरी और शरीर में दर्द जैसी अन्य समस्याएं गंभीर होने लगती हैं।
- कोरोना के मरीजों को पेट के बल लेटने की कोशिश करनी चाहिए। इससे फेफड़ों पर दबाव कम होता है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर ठीक रहता है।
- समय-समय पर रोगी को ऑक्सीमीटर के माध्यम से ब्लड ऑक्सीजन की जांच करते रहना चाहिए।
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कोरोना को सिर्फ बुखार से न आंकें
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हर रोगी में एक ही लक्षण हों ऐसा जरूरी नहीं
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार कोविड -19 संक्रमितों को न्यूरोलॉजिकल या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) के लक्षण अथवा दोनों का अनुभव हो सकता हैं। जरूरी नही है कि इसमें आपको सांस लेने में दिक्कत वाले लक्षण और बुखार भी हो। कई रोगियों में देखने को मिला है कि वायरस मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है। कोविड-19 वाले रोगियों को गंध और स्वाद न आने, मांसपेशियों की कमजोरी, हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नता, चक्कर आना और भ्रम जैसे लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है, ऐसे संकेतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
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नोट: यह लेख एम्स में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन में एमडी डॉ. आर्यभट्ट साधु से एक बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है।
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