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Study: फ्लू को बस सर्दी-जुकाम समझने की न करें भूल, कहीं हार्ट अटैक का न बन जाए कारण

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Thu, 30 Oct 2025 06:07 PM IST
सार

  • कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 155 अध्ययनों की समीक्षा में पाया कि  कोविड, फ्लू या लंबे समय तक वायरल संक्रमण से पीड़ित होने से दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

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Covid, flu or long-term viral infection could raise your risk of a heart attack or stroke
फ्लू के कारण हार्ट अटैक का जोखिम - फोटो : Amarujala.com
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विस्तार
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Flu & Heart Attack: बीते कुछ महीनों में दुनिया के कई देशों में फ्लू के मामले तेजी से बढ़े हैं। मौसम में बदलाव, वायरस में हुए म्यूटेशन और कमजोर इम्युनिटी की वजह से लोग बड़ी संख्या में इसकी चपेट में आ रहे हैं। 



अमर उजाला में प्रकाशित रिपोर्ट में हमने जापान और फिर मलेशिया में फैले फ्लू के संक्रमण और इसके कारण बिगड़े हालात के बारे में जानकारी दी थी। भारत में भी फ्लू के नए वैरिएंट्स के कारण संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल देखा गया था। अगर आप इस संक्रमण को हल्के में लेते हैं, इसे सामान्य सर्दी-जुकाम मानकर अनेदखा कर देते हैं तो सावधान हो जाइए, कहीं ये किसी गंभीर समस्या का कारण न बन जाए?
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हालिया रिपोर्ट्स में विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार फ्लू के कुछ नए वैरिएंट्स सामने आए हैं, जो पहले की तुलना में न सिर्फ ज्यादा खतरनाक हैं बल्कि इसके कारण कई लोगों को अस्पतालों तक में भर्ती होना पड़ा है। इन्फ्लुएंजा वायरस लगातार बदलता रहता है। आमतौर पर इससे संक्रमण की स्थिति में बुखार, गले में खराश, बदन दर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण ज्यादा देखने को मिलते रहे हैं।

हालांकि अब अध्ययनों में अलर्ट किया जा रहा है कि फ्लू जैसे संक्रमण हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का कारण बन सकते हैं जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है। 

Covid, flu or long-term viral infection could raise your risk of a heart attack or stroke
फ्लू के मामलों को लेकर अलर्ट - फोटो : Freepik.com

कोविड, फ्लू के कारण हार्ट अटैक का जोखिम

 कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 155 अध्ययनों की समीक्षा में पाया कि कोविड, फ्लू या लंबे समय तक वायरल संक्रमण से पीड़ित होने से दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययन में पाया गया कि जो लोग लंबे समय तक कोविड या फ्लू के संक्रमण से पीड़ित थे, उनमें संक्रमण के बाद के हफ्तों में हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम, अन्य लोगों की तुलना में पांच गुना अधिक था।

जिन लोगों को फ्लू हुआ, उनमें संक्रमण के एक महीने के भीतर दिल का दौरा पड़ने का चार गुना और स्ट्रोक का पांच गुना अधिक जोखिम पाया गया।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, हम सभी को इस तरह के जोखिमों को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है, फ्लू जैसे संक्रमण भी कई बार गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

Covid, flu or long-term viral infection could raise your risk of a heart attack or stroke
हार्ट अटैक का जोखिम - फोटो : Adobe stock Images

अध्ययन में क्या पता चला?

अध्ययन में पाया गया कि कोविड से संक्रमित लोगों में संक्रमण के 14 हफ्तों के भीतर दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की आशंका तीन गुना अधिक देखी गई। 

यहां जोखिम सिर्फ वायरल संक्रमण तक ही सीमित नहीं हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि एचआईवी, हेपेटाइटिस सी जैसे संक्रमण से पीड़ित रोगियों में हार्ट अटैक का जोखिम 60 प्रतिशत और स्ट्रोक का जोखिम कुल मिलाकर 45 प्रतिशत अधिक देखा गया।

अध्ययन का नेतृत्व करने वाले महामारी विज्ञानी डॉ. कोसुके कवाई कहते हैं, यह सर्वविदित है कि मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी), हेपेटाइटिस बी वायरस और अन्य वायरस कैंसर का कारण बन सकते हैं। हालांकि, वायरल संक्रमण के कारण हृदय रोग जैसी गैर-संचारी बीमारियों के बीच संबंध को कम ही समझा गया है।

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ब्रेन स्ट्रोक का हो सकता है खतरा - फोटो : Freepik.com

वायरल संक्रमण कैसे बनता है हार्ट अटैक का कारण

वैज्ञानिकों ने कहा, दशकों से वायरल संक्रमण, दिल के दौरे या स्ट्रोक के बीच संबंध होने का संदेह रहा है। इस अध्ययन में इन संबंधों की पुष्टि होती है। 

यह स्पष्ट नहीं है कि संक्रमण इन जोखिम क्यों बढ़ाते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिरक्षा प्रणाली के अति सक्रिय होने से शरीर में इंफ्लेमेशन की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे रक्त के थक्के बनने और इसके कारण हृदय संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि संक्रमण से पीड़ित होने के बाद वृद्ध लोगों में युवाओं की तुलना में जोखिम कहीं अधिक होता है।

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यूटीआई और हार्ट अटैक का खतरा - फोटो : Amarujala.com

यूटीआई के कारण हार्ट अटैक का खतरा

इससे पहले अमर उजाला में सितंबर में प्रकाशित रिपोर्ट में हमने बताया कि किस तरह से यूटीआई के कारण हार्ट अटैक होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है।

शोध में विशेषज्ञों की टीम ने बताया है कि दुनियाभर में लाखों लोगों को होने वाले कुछ आम वायरल संक्रमण जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) हार्ट अटैक की समस्या को ट्रिगर करने वाले हो सकते हैं। इनका आपस में क्या संबंध है इसे जानने के लिए यहां क्लिक करें



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स्रोत
Viral Infections and Risk of Cardiovascular Disease: Systematic Review and Meta‐Analysis

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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