Health Tips: गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। साथ ही डिलीवरी से पहले तक कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि लोगों का मानना होता है कि प्रसव के बाद सब सामान्य हो जाएगा। महिला का शरीर गर्भावस्था से पहले की स्थिति में आ जाएगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है। बच्चे की डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को बवासीर की बीमारी हो जाती है। भले ही प्रेगनेंसी से पहले महिला को बवासीर की समस्या न हो लेकिन गर्भावस्था में होने वाली पेट संबंधी समस्या के कारण प्रसव के बाद पाइल्स की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान ही अगर महिलाएं इस समस्या से बचाव के उपायों को अपना लें तो बवासीर की समस्या से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं गर्भवती महिला को डिलीवरी के बाद क्यों बवासीर की समस्या हो जाती है और पाइल्स से बचाव के लिए गर्भवती को क्या उपाय अपनाने चाहिए।
Health Tips: गर्भावस्था में महिलाओं को हो सकती है बवासीर की समस्या, जानें कारण, लक्षण और उपचार
बवासीर क्या है?
बवासीर में मलाशय के आसपास की नसों में सूजन हो जाती है। असामान्य सूजन और गांठ की समस्या से खुजली व मल त्यागने के दौरान दर्द की शिकायत होती है। बवासीर का आकार बाहर की ओर उभरा हुआ छोटे दाने जैसा होता है।
गर्भावस्था में बवासीर होने की वजह
दरअसल, गर्भावस्था के दौरान यूट्रस का आकार बढ़ जाता है और रक्त संचार में वृद्धि होने लगती है। इस वजह से नसों में आसानी से सूजन आ जाती है। इसके अलावा प्रोजेस्टेरोन नाम के हार्मोन में वृद्धि होने से गर्भवती महिला को कब्ज हो सकता है। कब्ज के दौरान मल काफी सख्त हो जाता है और बवासीर की स्थिति गंभीर हो जाती है। आसान शब्दों में कह सकते हैं कि गर्भवती महिलाएं कब्ज के कारण पाइल्स का शिकार बन जाती हैं। डिलीवरी के दौरान बहुत ज्यादा दबाव बनाने के कारण बवासीर हो सकता है।
बवासीर के लक्षण
-बवासीर की बीमारी में गुदा में दर्द, जलन और खुजली होने लगती है।
-मल त्यागने के दौरान दर्द बढ़ जाता है।
-बैठते समय भी बवासीर के कारण दर्द होता है।
-बवासीर होने पर मल त्यागने के बाद भी फ्रेश महसूस नहीं करते।
-मलाशय के पास ऊतकों में सूजन, घाव और रक्तस्राव के संकेत मिलते हैं।
गर्भावस्था में बवासीर से बचाव के उपाय
फाइबर युक्त भोजन का सेवन
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज की समस्या से परेशान महिलाओं को डाइट में फाइबर युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए। इसके लिए फल, सब्जी और अनाज का सेवन कर सकती हैं। फाइबर युक्त भोजन कब्ज से निजात दिलाता है और स्टूल को सॉफ्ट रखता है। इससे पाइल्स होने का खतरा कम होता है।