Cough Syrup: कफ सिरप पीने से हुई 20 से ज्यादा बच्चों के मौत का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। पूरे देश में आक्रोश के साथ लोगों के मन में सवाल बना हुआ है कि आखिर इस लापरवाही और बच्चों की मौत का असली जिम्मेदार कौन है? मामले को लेकर 6 अक्तूबर को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशाल (डीजीएचएस) ने बच्चों के इलाज के लिए कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग पर सलाह जारी की। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न देने की सलाह भी दी है।
Cough Syrup: बच्चों की मौत से लेकर दवा बनाने वाली कंपनी बंद होने तक, 10 प्वाइंट्स में जानिए पूरा घटनाक्रम
- तमिलनाडु में मिलावटी कफ सिरप कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी का न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है बल्कि कंपनी को बंद करने का आदेश भी दिया गया है।


सिरप में पाया गया था डायथिलीन ग्लाइकॉल
गौरतलब है कि दूषित दवा के प्रयोगशाला परीक्षणों में डायथिलीन ग्लाइकॉल के मिलावट की पुष्टि हुई थी जो एक जहरीला रसायन है और बड़े पैमाने पर विषाक्तता की घटनाओं से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रक डीके मौर्य ने बताया था कि इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मात्रा 48% से ज्यादा पाई गई, जबकि स्वीकार्य सीमा केवल 0.1% है। यह मात्रा बेहद खतरनाक है।
आइए बच्चों की मौत से लेकर कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के बंद होने तक के पूरे घटनाक्रम के सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं।

10 प्वाइंट्स में जानिए पूरा घटनाक्रम
1. सबसे पहले इस महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश से कुछ बच्चों की मौत की सूचना मिली। शुरुआती संदेह कोल्ड्रिफ सिरप की ओर था जिसे बच्चे की खांसी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स इस कफ सिरप को बनाती थी।
2. मामले की गंभीरता और कारणों का पता लगाने के लिए कफ सिरप के सैंपल प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे गए। तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा किए गए परीक्षणों से कफ सिरप में 48.6 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकॉल की पुष्टि हुई जो स्वीकार्य सीमा से कहीं अधिक है।
3. ये एक प्रकार का औद्योगिक रसायन हैं जिनका उपयोग आमतौर पर ब्रेक द्रव, एंटीफ्रीज, पेंट, प्लास्टिक और कुछ घरेलू सामान बनाने में किया जाता है। ये सस्ते और रंगहीन तरल पदार्थ होते हैं, दवाओं को तरल रूप में घोलने में इसका प्रयोग किया जा रहा था।
4. जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद आनन-फानन में कई राज्यों ने कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया और केंद्र ने सभी राज्यों को एक सलाह जारी की जिसमें कहा गया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए।
5. अक्तूबर 8-10 के बीच तमिलनाडु का औषधि नियंत्रण विभाग श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की विनिर्माण सुविधा का औचक निरीक्षण करता है। अधिकारियों ने गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (जीएमपी) और गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिसेज (जीएलपी) के 300 से ज्यादा उल्लंघनों का खुलासा किया, जिनमें स्वच्छता में कमी, अनुचित रिकॉर्ड-कीपिंग और गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र की कमी शामिल हैं।
6. अक्तूबर 11 को मध्य प्रदेश के एक विशेष जांच दल ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक राजा रंगनाथन को गैर इरादतन हत्या और दवा सुरक्षा कानूनों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया।
7. यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राजा रंगनाथन की गिरफ्तारी पर ₹20,000 के इनाम की घोषणा के कुछ दिनों बाद हुई है। मध्य प्रदेश पुलिस का आरोप है कि कंपनी ने पर्याप्त गुणवत्ता जांच के बिना मिलावटी दवाइयां मार्केट में उतारीं, जिसके कारण मौतें हुईं।
8. अक्तूबर 13 को ईडी ने कंपनी के परिसरों और संबंधित ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छापे मारे, जिससे मिलावटी दवाओं के वितरण और बिक्री से जुड़ी संभावित वित्तीय अनियमितताओं का संकेत मिला।
9. तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का दवा निर्माण लाइसेंस आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया और उसकी सुविधा को तत्काल बंद करने का आदेश दिया।
10.. राज्य सरकार के एक बयान में पुष्टि की गई है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तमिलनाडु में सभी दवा निर्माण इकाइयों की व्यापक समीक्षा के निर्देश जारी किए गए हैं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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