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Vijay Shah: मंत्री विजय शाह पर बढ़ा इस्तीफे का दबाव, SC और MPHC की फटकार के बाद सियासी उथलपुथल तेज, जानें सब

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: दिनेश शर्मा Updated Thu, 15 May 2025 04:51 PM IST
सार

Vijay Shah Controversy: कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान के बाद मंत्री विजय शाह की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उन पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है। बयान पर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। भाजपा की बैठक भी हो चुकी है। आइए जानते हैं विजय शाह के मामले में आज क्या हलचल रही। 

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Pressure on Minister Vijay Shah to resign increased, political turmoil intensified after reprimand from SC
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मंत्री विजय शाह अपने बयान के बाद बुरे फंसे हैं. - फोटो : अमर उजाला
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महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह के विवादित बयान पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद पर हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ लिखी गई FIR की कॉपी पर भी सवाल उठाए हैं। इधर सियासी उथलपुथल भी तेज हो गई है। उमा भारती भी इस मामले में लगातार मंत्री शाह के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। 



बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती ने विजय शाह को घेरते हुए गुरुवार को फिर से ट्वीट किया। उसमें लिखा कि कांग्रेस के कहने सुनने से हमें क्या मतलब, नैतिकता और देशभक्ति पर कांग्रेस खरी उतर ही नहीं पाई किंतु हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दी गई नसीहतों का तो हम ध्यान रखें।'

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कोर्ट की विजय शाह पर सख्ती - फोटो : Amar Ujala
पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
गुरुवार को युगलपीठ ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा है कि एफआईआर ऐसे कंटेंट के साथ लिखी गयी है,जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाये। युगलपीठ ने आदेश में उल्लेखित कंटेंट के बारे बताते हुए  एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। इसके अलावा एफआईआर में पुलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा की जाएगी।

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गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन यहां भी शाह को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संवैधानिक पद हैं और आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप किसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पहले इसी कोर्ट ने बुधवार को विजय शाह के बयान पर नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे कैंसर जैसा घातक बताया। हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए डीजीपी को विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि मंत्री शाह ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया है, जो अस्वीकार्य है। इसके बाद बुधवार देर रात महू पुलिस ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी।

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मंत्री विजय शाह - फोटो : अमर उजाला
दिल्ली में भाजपा की अहम बैठक
शाह का मामला दिल्ली के गलियारों तक भी पहुंच गया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी नाराजगी जता चुके हैं। गुरुवार को BJP में मंथन की बात सामने आ रही है। मंत्री विजय शाह को लेकर पार्टी महासचिव बीएल संतोष से मध्यप्रदेश भाजपा प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने मुलाकात की है। वहीं 
विजय शाह भी अमित शाह से मुलाकात के बाद इस्तीफे पर विचार करने का कह चुके हैं। हालांकि इसकी विस्तृत जानकारी फिलहान सामने नहीं आ सकी है। 



राज्यपाल से मिलेंगे कांग्रेस विधायक
FIR के बाद भी मंत्री का इस्तीफा नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कड़ा रुख अपनाया है। सिंघार ने कहा कि वो और उनके कांग्रेस विधायकदल के सदस्य 16 मई सुबह 10.30 बजे राज्यपाल महोदय से मिलेगा और विजय शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग करेगा। सिंघार ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री मोहन यादव मंत्री विजय शाह से इस्तीफा लेने में विफल रहे है। ऐसा लगता है कि भाजपा के नेता विजय शाह के सामने कठपुतली बन गए हैं। अगर विजय शाह जी में थोड़ी भी इंसानियत बची है तो उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी विजय शाह को फटकार लगाई है और हाइकोर्ट ने भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्हें उन्हें शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने न केवल एक महिला का अपमान किया हैं बल्कि भारतीय सेना का भी अपमान कर रहे हैं।

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मंत्री विजय शाह के बंगले के सामने प्रदर्शन करने पहुंचीं महिला कांग्रेस की सदस्य - फोटो : अमर उजाला
भोपाल में शाह के बंगले की सुरक्षा बढ़ाई
इधर गुरुवार को मंत्री विजय शाह के बंगले के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। गुरुवार को ही महिला कांग्रेस बंगले के बाहर प्रदर्शन करने पहुंची थीं। उनके प्रदर्शन के दौरान ही बंगले के दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगा दी गई थी। अतिरिक्त फोर्स लगाने की भी जानकारी सामने आई थी। 



कहां से शुरू हुआ ये बवाल
दरअसल, मोहन सरकार के मंत्री विजय शाह ने सोमवार को महू के आंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित सार्वजनिक समारोह में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। मानपुर में आयोजित हलमा कार्यक्रम में मंत्री शाह ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा, जिन आंतकियों ने पहलगाम में लोगों को मारा, उनके कपड़े उतरवाए, उन आंतकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा। मंत्री शाह ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई। बयान को लेकर जब राजनीति गरमा गई तो उन्होंने कहा कि हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ने वाले वालों को हमने उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है। उनके भाषण को अलग संदर्भ में नहीं देखना चाहिए। वो हमारी बहनें हैं। उन्होंने पूरी ताकत से सेना के साथ मिलकर काम किया है।

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बाद में मांगी माफी, 'कुरैशी मेरे लिए सगी बहन'
मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी मेरे लिए सगी बहन से बढ़कर हैं, जिन्होंने उनका बदला लिया। मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का न तो कोई इरादा था और न ही कोई इच्छा। अगर मेरी किसी बात से किसी को बुरा लगा हो, तो मैं दिल से माफी मांगता हूं। मंच से दिए गए अपने बयान पर उन्होंने भावनात्मक प्रतिक्रिया बताते हुए कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी धर्म या व्यक्ति को ठेस पहुंची हो तो वह क्षमाप्रार्थी हैं। पार्टी की ओर से दी गई फटकार और विपक्ष के हमलों के बीच मंत्री शाह के इस बयान ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। 

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला
मामले में गुरुवार रात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बड़ा बयान सामने आया है। गुरुवार को भोपाल में तिरंगा यात्रा के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार पूरी तरह से न्यायालय के निर्देशों का पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका जो आदेश देती है, हम उसका यथायोग्य पालन करते हैं। आगे भी जो निर्देश मिलेगा, हम उसी अनुसार कार्य करेंगे। 

कांग्रेस पर साधा निशाना 
कांग्रेस द्वारा विजय शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास नैतिकता का कोई आधार नहीं है। सिद्धारमैया सरकार में कांग्रेस के कई मंत्रियों पर मुकदमे चल रहे थे, तब क्या उन्होंने इस्तीफे दिए थे? कांग्रेस केवल बातें करना जानती है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव में केजरीवाल के साथ मिलकर प्रचार किया, "वो मुख्यमंत्री रहते हुए जेल गए, तब कांग्रेस कहां थी? कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने बेशर्मी की हर सीमा पार की है।" 
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