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Devi Ahilya Birth Anniversary: देवी अहिल्या की परंपरा को इंदौर के महारथियों ने सींचकर देश में हमेशा पाई ख्याति
सार
इंदौर में 31 मई को देवी अहिल्याबाई होल्कर के जन्मोत्सव पर गौरव दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने शहर के विकास की नींव रखी। इंदौर ने शिक्षा, उद्योग, कला, साहित्य, चिकित्सा व स्वच्छता में ऐतिहासिक योगदान दिया है। यहां आईआईएम, आईआईटी जैसे संस्थान और अनेक प्रसिद्ध हस्तियां रही हैं।
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महाराजा यशवंत राव होल्कर ने नए और आधुनिक इंदौर की बुनियाद रखी थी।
- फोटो : फाइल फोटो
देवी अहिल्या बाई के जन्म दिवस 31 मई को इंदौर गौरव दिवस के साथ उनके जन्म शताब्दी समारोह का समापन भी होने जा रहा है। देवी अहिल्या परम शिवभक्त थीं। एक संयोग है कि नगर के एक और महाकाल दो दूसरी और ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग है। देवी अहिल्या और अन्य होल्कर राजाओं ने शहर को विकास और सोच के मामले में हमेशा समय से आगे रखा। उनकी इसी गौरवशाली परंपरा को इंदौर की हस्तियों ने भी आगे बढ़ाया। यह सिलसिला पिछले सैकड़ों वर्षों से आज तक जारी है। आज भी इंदौर में देश के कई प्रमुख संस्थान, नामचीन चिकित्सक, वैज्ञानिक, इंजीनियर, गायक, संगीतकार, व्यापारी, उद्योगपति, शिक्षक और राजनेता मौजूद हैं। उनकी देश में विशिष्ट छाप है।
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इंदौर का गौरव- लता मंगेश्कर
- फोटो : फाइल फोटो
लता मंगेशकर, महादेवी, आमिर खां का शहर
प्रख्यात कवियत्री महादेवी वर्मा की आरंभिक पढ़ाई इंदौर में ही हुई थी। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म इंदौर के सिख मोहल्ला में हुआ था। उस्ताद आमिर खां साहब का इंदौर से नाता रहा, मकबूल फिदा हुसैन की आरंभिक पढ़ाई इंदौर में हुई थी।
ये भी पढ़ें- त्रि जन्म शती प्रसंग: देवी अहिल्या बाई की राजकाज के पत्र मोड़ी लिपि में लिखे जाते थे, अब लुप्त हो रही लिपि
पीएम मोदी ने बताया इंदौर को स्वाद की राजधानी
इंदौर वह नगर है, जिसने नर्मदा के जल को इंदौर में लाने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर राज्य सरकार को नर्मदा का जल लाने के लिए तैयार किया था। इंदौर की खानपान परंपरा और यहां के स्वादिस्ट व्यंजनों की देशभर में पहचान है। इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले इंदौर के प्रवासी भारतीय सम्मेलन में इस शहर को स्वाद की राजधानी बताया था।
आईआईटी और आईआईएम वाला शहर
इंदौर देश का पहला नगर है जहां अत्याधुनिक शिक्षा के बड़े केंद्र भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) एक साथ है।
प्रख्यात कवियत्री महादेवी वर्मा की आरंभिक पढ़ाई इंदौर में ही हुई थी। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म इंदौर के सिख मोहल्ला में हुआ था। उस्ताद आमिर खां साहब का इंदौर से नाता रहा, मकबूल फिदा हुसैन की आरंभिक पढ़ाई इंदौर में हुई थी।
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पीएम मोदी ने बताया इंदौर को स्वाद की राजधानी
इंदौर वह नगर है, जिसने नर्मदा के जल को इंदौर में लाने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर राज्य सरकार को नर्मदा का जल लाने के लिए तैयार किया था। इंदौर की खानपान परंपरा और यहां के स्वादिस्ट व्यंजनों की देशभर में पहचान है। इसीलिए पीएम नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले इंदौर के प्रवासी भारतीय सम्मेलन में इस शहर को स्वाद की राजधानी बताया था।
आईआईटी और आईआईएम वाला शहर
इंदौर देश का पहला नगर है जहां अत्याधुनिक शिक्षा के बड़े केंद्र भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) एक साथ है।
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इंदौर के सूती वस्त्र उद्योग ने देश भर में अपनी पहचान बनाई थी
- फोटो : फाइल फोटो
इन हस्तियों पर है शहर को नाज
इंदौर की पहचान नगर की कुछ महत्वपूर्ण शख्सियतों से भी है। उनके कारण आज देश भर में इंदौर की पहचान है। इनमें ये कुछ प्रमुख हैं –
राष्ट्रीय अलंकरणों से सम्मानित प्रमुख हस्तियां
विजय जागीरदार (अशोक चक्र), विंग कमांडर पी. गौतम (महावीर चक्र), मेजर रत्नेश चतुर्वेदी, अशोक करकरे, हरीश मसंद, (वीर चक्र) हर्ष कौल, नायक बद्रीलाल (शौर्य चक्र), कमांडर एसएन डार, कर्नल यशवंत नायडू, एसएस पाठक, गजेंद्र सिंह सरीन, कमल पॉल, आरटी चंदानी, मनोहर मसंद, एसएस चौहान, डीके चंदानी, गौतम जैन (सेना मैडल) से सम्मनित हो चुके हैं। नगर में पद्मश्री और पद्मभूषण से कई प्रमुख हस्तियां सम्मनित हो चुकी हैं।
इंदौर की पहचान नगर की कुछ महत्वपूर्ण शख्सियतों से भी है। उनके कारण आज देश भर में इंदौर की पहचान है। इनमें ये कुछ प्रमुख हैं –
- शिक्षा क्षेत्र से- डॉ. वा. वि. भागवत, प्रभाकर नारायण कवठेकर, डॉ. ब्राम्हो, एस एम् दासगुप्ता, माधव परांजपे, रामचंद्र जोशी, दामोदर जोशी, एनएस लुनिया, एसजी हरमलकर, पद्माकर वी. खड़ीकर और शालिनी मोघे
- समाजसेवा- रुस्तम जी. कावसजी जाल, बालकिशन—हरिकिशन मुछाल, बाबा बालमुकुंद, नारायण वामन पंतवैद्य
- साहित्य- डॉ. रामविलास शर्मा, दत्तो वामन पोतदार, चंद्रसेन विराट, मंगलकांत लालगे, सरोज कुमार, रमेश बक्षी
- पत्रकारिता- राहुल बारपुते, राजेंद्र माथुर, प्रभाष जोशी, डॉ. वेदप्रताप वैदिक
- न्याय क्षेत्र- जी जी सोहनी, गोवर्धनलाल ओझा, पीडी मुल्ये, वीडी ज्ञानी, नेवासकर साहब
- खेल- सीके नायडू, चंदू सरवटे, मेजर एमएस जगदाले, राजसिंह डूंगरपुर, हीरालाल गायकवाड़, सुशील दोषी, मीररंजन नेगी, ए. कनमड़ीकर, पुष्पा भामोदकर, सुषमा सारोलकर, पप्पू यादव, रम्मू पहलवान, भाऊ शिंदे, प्रभाकर दादा कुलकर्णी
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी- भगीरथ सिलावट। सआदत खां, काशीनाथ त्रिवेदी, बैजनाथ महोदय एवं अन्य
- राजनीति- भाई कोतवाल, विनायक सीताराम सरवटे, नंदलाल जोशी, कन्हैया लाल खादीवाला, होमी दाजी, प्रकाशचंद्र सेठी, सुमित्रा महाजन एवं और अन्य
- महिलाएं- शांताबेन पटेल, मैत्रयी पद्मनाभन, विमला जगदाले, इंदु मेहता
- वैद्यराज- जूनी इंदौर के रावले वाले छोटे जमींदार, गोविंद भाऊ, रामनारायण शास्त्री, सीताराम अजमेरा, पंडित ख्यालीराम दिवेदी, हरिशंकर जोशी
- चिकित्सक- एसके मुखर्जी, वीवी ओहरी, बीएन जंगलवाला, बिहारीलाल सिपाहा, चमनलाल नागरथ, आरपी ढंडा, ए एस वडनेरे, पीएस हार्डिया, जे एन पोहेवाला, नंदलाल बोर्डिया, जेएस महाशब्दे
- इंजीनियर- जी एस घाटपांडे, पीजी जोगलेकर, वीजी आप्टे
- उद्योग- कैलाश अग्रवाल, पीएस कालानी, आईएस गजरा, डॉ. रमेश बाहेती, नेमनाथ जैन, कैलाश शाहरा, शरद सांघी, कासलीवाल परिवार, विनोद अग्रवाल
- संगीत- केशवराव आप्टे, डागर बंधू, पवार बंधू, नाना साहब पानसे, चौघुले बंधू, रामूभैया दाते, प्रताप पंवार, गोकुलोत्सव महाराज, मामा मजूमदार, नारायणराव इंदूरकर, सुमन दांडेकर, लता मंगेशकर, किशोर कुमार, कुमार गंधर्व
- चित्रकला- नाना भुजंग, दत्तात्रय दामोदर देवलालीकर, मकबूल फिदा हुसैन, देवशंकर जटाशंकर जोशी, विष्णु चिंचालकर, बसंत अगासे, रामजी वर्मा, राजाराम, ईश्वरी रावल, नारायण श्रीधर बेंद्रे
- अभिनय, रंगमंच, फिल्म- कुंजबाला सहगल, बाबा डिके, जॉनी वाकर, सलमान खान, चंदू पारखी, विजेंद्र घाटगे, अच्चयुत पोद्दार
राष्ट्रीय अलंकरणों से सम्मानित प्रमुख हस्तियां
विजय जागीरदार (अशोक चक्र), विंग कमांडर पी. गौतम (महावीर चक्र), मेजर रत्नेश चतुर्वेदी, अशोक करकरे, हरीश मसंद, (वीर चक्र) हर्ष कौल, नायक बद्रीलाल (शौर्य चक्र), कमांडर एसएन डार, कर्नल यशवंत नायडू, एसएस पाठक, गजेंद्र सिंह सरीन, कमल पॉल, आरटी चंदानी, मनोहर मसंद, एसएस चौहान, डीके चंदानी, गौतम जैन (सेना मैडल) से सम्मनित हो चुके हैं। नगर में पद्मश्री और पद्मभूषण से कई प्रमुख हस्तियां सम्मनित हो चुकी हैं।

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