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Indore:आदिवासी युवाओं को 'नास्तिक' बनाने पर हिंदू संगठनों का हंगामा, आरोपियों से की मारपीट, पुलिस कर रही जांच
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Thu, 24 Jul 2025 02:33 PM IST
सार
देवास जिले के आदिवासी क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने वाले सौरभ बैनर्जी और उनके साथियों पर इंदौर में उस समय हमला हो गया जब वे अपने काम को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
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इंदौर में सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ बैनर्जी के साथ हुई मारपीट
- फोटो : अमर उजाला
देवास जिले के आदिवासी क्षेत्र में क्लब के माध्यम से सामाजिक कार्य करने का दावा करने वाले सौरभ बनर्जी और उनके साथियों के साथ इंदौर में मारपीट की घटना सामने आई है। यह घटना उस वक्त हुई जब सौरभ इंदौर में अपनी संस्था के कार्यों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उस युवती के परिजन भी पहुंच गए जो हाल ही में सौरभ के साथ रह रही थी। उन्होंने मंच पर ही जोरदार हंगामा किया, जिसके चलते प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच में ही रद्द करनी पड़ी। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया।

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सौरभ पर आदिवासी युवाओं को 'नास्तिक' बनाने का आरोप है
- फोटो : अमर उजाला
सौरभ पर आदिवासी युवाओं को 'नास्तिक' बनाने का आरोप
सौरभ बनर्जी पर आरोप है कि वह आदिवासी क्षेत्र में हट बनाकर युवक-युवतियों को अपने साथ रखता है और कथित रूप से उन्हें "नास्तिक" विचारधारा की ओर प्रेरित करता है। इन आरोपों को लेकर देवास पुलिस ने हाल ही में उनसे पूछताछ भी की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब सौरभ बनर्जी अपने साथियों के साथ बाहर निकले, तो कथित तौर पर बजरंग दल के कुछ पदाधिकारियों ने उन्हें घेर लिया और मारपीट की। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और क्लब से जुड़े सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
सौरभ बनर्जी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वे केवल आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा और विकास से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने गांव के विकास के लिए एक समिति बनाई है, जिसके माध्यम से कई बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है। लेकिन कुछ लोग हमें बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।” फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। मारपीट की घटना के सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। यह मामला अब सामाजिक कार्य और धार्मिक असहिष्णुता के बीच की रेखाओं पर एक नई बहस को जन्म दे रहा है।
सौरभ बनर्जी पर आरोप है कि वह आदिवासी क्षेत्र में हट बनाकर युवक-युवतियों को अपने साथ रखता है और कथित रूप से उन्हें "नास्तिक" विचारधारा की ओर प्रेरित करता है। इन आरोपों को लेकर देवास पुलिस ने हाल ही में उनसे पूछताछ भी की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब सौरभ बनर्जी अपने साथियों के साथ बाहर निकले, तो कथित तौर पर बजरंग दल के कुछ पदाधिकारियों ने उन्हें घेर लिया और मारपीट की। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और क्लब से जुड़े सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
सौरभ बनर्जी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वे केवल आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा और विकास से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने गांव के विकास के लिए एक समिति बनाई है, जिसके माध्यम से कई बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है। लेकिन कुछ लोग हमें बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।” फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। मारपीट की घटना के सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। यह मामला अब सामाजिक कार्य और धार्मिक असहिष्णुता के बीच की रेखाओं पर एक नई बहस को जन्म दे रहा है।
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लोगों ने दर्ज कराई थी शिकायत
- फोटो : अमर उजाला
जानें क्या है पूरा मामला
परवतपुरा पंचायत के अंतर्गत शुक्रवासा और पर्वतपुर गांव के ग्रामीणों ने बरोठा थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि गांव के नजदीकी जंगलों में एक संस्था से जुड़े युवक-युवतियां पिछले चार-पांच वर्षों से रह रहे हैं, जो स्थानीय आदिवासी समुदाय को आर्थिक मदद और अन्य सुविधाएं देकर धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास कर रहे हैं।
परवतपुरा पंचायत के अंतर्गत शुक्रवासा और पर्वतपुर गांव के ग्रामीणों ने बरोठा थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि गांव के नजदीकी जंगलों में एक संस्था से जुड़े युवक-युवतियां पिछले चार-पांच वर्षों से रह रहे हैं, जो स्थानीय आदिवासी समुदाय को आर्थिक मदद और अन्य सुविधाएं देकर धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास कर रहे हैं।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर की कार्रवाई
- फोटो : अमर उजाला
पुलिस ने मौके पर की कार्रवाई
शिकायत के बाद बरोठा थाना प्रभारी अजय गुर्जर, राजस्व टीम और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जंगल में प्लाईवुड की टपरियों में रह रहे 8-10 युवक-युवतियों को देखा गया। इनमें एक युवक सौरभ बनर्जी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, जबकि युवतियां इंदौर की बताई गई हैं। पूछताछ में इनके चार अन्य साथी भी सामने आए। पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों को लेकर जांच शुरू कर दी है। पूछताछ के दौरान मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए गए हैं। सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। जंगल में रहने का उद्देश्य और फंडिंग का स्रोत भी पुलिस जांच के दायरे में है।
संस्था से जुड़े प्रणय त्रिपाठी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी संस्था पिछले चार-पांच वर्षों से इस क्षेत्र में शिक्षा और ग्रामीण विकास पर कार्य कर रही है। उन्होंने दावा किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ आदिवासी समुदाय के बच्चों की पढ़ाई और जीवन स्तर सुधारना है। संस्था पर लगाए गए धर्मांतरण के आरोप निराधार हैं।
शिकायत के बाद बरोठा थाना प्रभारी अजय गुर्जर, राजस्व टीम और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जंगल में प्लाईवुड की टपरियों में रह रहे 8-10 युवक-युवतियों को देखा गया। इनमें एक युवक सौरभ बनर्जी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, जबकि युवतियां इंदौर की बताई गई हैं। पूछताछ में इनके चार अन्य साथी भी सामने आए। पुलिस ने संदिग्ध गतिविधियों को लेकर जांच शुरू कर दी है। पूछताछ के दौरान मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए गए हैं। सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। जंगल में रहने का उद्देश्य और फंडिंग का स्रोत भी पुलिस जांच के दायरे में है।
संस्था से जुड़े प्रणय त्रिपाठी ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी संस्था पिछले चार-पांच वर्षों से इस क्षेत्र में शिक्षा और ग्रामीण विकास पर कार्य कर रही है। उन्होंने दावा किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ आदिवासी समुदाय के बच्चों की पढ़ाई और जीवन स्तर सुधारना है। संस्था पर लगाए गए धर्मांतरण के आरोप निराधार हैं।
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ग्रामीणों ने की थी शिकायत
- फोटो : अमर उजाला
ग्रामीणों की आशंका, धर्म परिवर्तन का माहौल बन रहा
ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में बाहरी युवक-युवतियों की मौजूदगी और लगातार आर्थिक सहायता दिए जाने से उन्हें आशंका है कि यहां धर्म परिवर्तन का माहौल बनाया जा रहा है। साथ ही, गांव में अक्सर इस समूह के पास भीड़ जमा रहती है और संदिग्ध गतिविधियां देखने को मिलती हैं। जिस भूमि पर ये टपरियां बनी हैं, वह देवराज रावत नामक व्यक्ति के नाम 1.6 हेक्टेयर की बताई जा रही है। पुलिस जांच में सामने आया कि इस ट्राइबल क्षेत्र की जमीन पर संस्था ने एग्रीमेंट किया है, जो नियमों के खिलाफ है। पुलिस ने चार लोगों के बयान लिए हैं और आगे की जांच जारी है।
ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में बाहरी युवक-युवतियों की मौजूदगी और लगातार आर्थिक सहायता दिए जाने से उन्हें आशंका है कि यहां धर्म परिवर्तन का माहौल बनाया जा रहा है। साथ ही, गांव में अक्सर इस समूह के पास भीड़ जमा रहती है और संदिग्ध गतिविधियां देखने को मिलती हैं। जिस भूमि पर ये टपरियां बनी हैं, वह देवराज रावत नामक व्यक्ति के नाम 1.6 हेक्टेयर की बताई जा रही है। पुलिस जांच में सामने आया कि इस ट्राइबल क्षेत्र की जमीन पर संस्था ने एग्रीमेंट किया है, जो नियमों के खिलाफ है। पुलिस ने चार लोगों के बयान लिए हैं और आगे की जांच जारी है।