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70 साल पहले आई थी पहली 'आम आदमी की कार'

Updated Fri, 01 Jan 2016 06:16 AM IST
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70 साल पहले आई थी पहली 'आम आदमी की कार'

VW is Celebrating 70th Anniversary of First Beetle Rolling off the Production Line

दुनिया में धूम मचाने वाली फॉक्सवेगन बीटल के नाम से शायद ही कोई अनजान होगा। 'आम आदमी की कार' के नाम से मशहूर  इस जर्मन कार ने दुनिया में जितना नाम कमाया है, उतनी लोकप्रियता शायद ही किसी और कार के खाते में दर्ज हो। साल का यह गुजरता वक्त वही समय है जब 70 साल पहले पहली बीटल कार फैक्ट्री में तैयार हुई थी।

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70 साल पहले आई थी पहली 'आम आदमी की कार'

VW is Celebrating 70th Anniversary of First Beetle Rolling off the Production Line

जर्मनी के वूल्फ्सबर्ग में फॉक्सवेगन की फैक्ट्री से दिसंबर 1945 में पहली बीटल बनकर तैयार हुई थी। क्रिसमस के दौरान कार का निर्माण शुरू हुआ था और साल 1945 गुजरते-गुजरते कंपनी केवल 55 बीटल कारें ही बना पाई थी। बीटल के इतिहास में एक वक्त ऐसा भी आया था जब कच्चे माल की कमी के चलते कंपनी को इसका निर्माण घटाना पड़ा और हर महीने बनने वाली कारों की संख्या को 1000 यूनिट पर सीमित करना पड़ा।

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फॉक्सवेगन की कॉरपोरेट हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. मैनफ्रेड ग्रेगर बताते हैं कि ‘उस वक्त फॉक्सवेगन काफी भाग्यशाली रही क्योंकि तब की ब्रिटिश मिलिट्री सरकार को यह गाड़ी काफी पसंद आई थी। यह कार उनकी उम्मीदों पर खरी उतरी थी और इसने अपनी ड्यूटी काफी अच्छे तरीके से निभाई थी। इन सबके बीच एक और नाम है जिसने बीटल की सफलता की नींव रखी थी वो हैं इवान हर्स्ट।

70 साल पहले आई थी पहली 'आम आदमी की कार'

VW is Celebrating 70th Anniversary of First Beetle Rolling off the Production Line
इवान के हाथों में फैक्ट्री की कमान थी। वह बहुत ही व्यवहारिक और लक्ष्यों के प्रति समर्पित आदमी थे। हर्स्ट को पता था कि फॉक्सवेगन की इस कार में क्या खासियत छुपी है। अपनी लगन से उन्होंने इसे हकीकत में बदला और बीटल को सड़क पर उतारा। इसी का नतीजा है कि जिसे सबसे खारिज़ किया वह दुनिया के कार बाजार में सबसे सफल कार बनीं।
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दरअसल बीटल को यह नाम दूसरे विश्व युद्ध के बाद मिला था। इस कार को तैयार करने का विचार हिटलर की देन था। हिटलर ने इंजीनियरों को एक ऐसी कार तैयार करने को कहा था जिसमें पांच लोग बैठ सकें, वह सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चले और इसकी कीमत आम जर्मन परिवार की आमदनी के मुताबिक ही हो। दूसरे विश्व युद्ध से पहले ऐसी 630 कारें बनी थीं जिन्हें 'केडीएफ वेगन' कहा गया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यही कार बीटल कहलायी।

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