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PM Modi: पीएम मोदी के जन्मदिन पर दुनिया की सबसे बड़ी देग में यहां बनेगा शाकाहारी लंगर, इसका अकबर से क्या नाता?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: उदित दीक्षित
Updated Tue, 17 Sep 2024 07:21 PM IST
सार
पीएम मोदी के जन्मदिन पर जिस शाही देग में चावल बनाए जाएंगे की उसकी कहानी भी बड़ी रोचक है। इस देग को श्रीलंका से लाया गया था और इसे मुगल बादशाह अकबर ने दरगाह शरीफ को भेंट किया था।
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पीएम मोदी का जन्मदिन आज, अजमेर दरगाह में बनेंगे मीठे चावल।
- फोटो : अमर उजाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 74 साल के हो गए। उनके इस जन्मदिन पर मंगलवार (17 सितंबर) को अजमेर शरीफ दरगाह में शाकाहारी लंगर का आयोजन किया जाएगा। इसकी शुरुआत रात 10 बजे से होगी। इस दौरान अमजेर शरीफ दरगाह की 'बड़ी शाही देग' 4000 किलो मीठे चावल, शुद्ध घी, मेवा और केसर मिलाकर बनाए जाएंगे, जिन्हें बाद में लोगों को वितरित किया जाएगा। इस शाकाहारी लंगर का आयोजन पीएम मोदी के जन्मदिन और 'सेवा पखवाड़ा' के तहत किया जा रहा है।
पीएम मोदी के जन्मदिन पर जिस शाही देग में चावल बनाए जाएंगे की उसकी कहानी भी बड़ी रोचक है। इस देग को श्रीलंका से लाया गया था और इसे मुगल बादशाह अकबर ने दरगाह शरीफ को भेंट किया था। दरगाह के पास दो देग हैं, जिसमें एक को बड़ी शाही देग और दूसरी को छोटी देग कहा जाता है। आइए, अब इन दोनो देग के बारे में जानते है...।
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एक बार में 4800 किलो मीठे चावल पकाए जा सकते हैं।
- फोटो : अमर उजाला
सबसे पहले जानिए बड़ी देग के बार में, जिसमें पीएम मोदी के जन्मदिन पर आज पकेंगे मीठे चावल
पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर दुनिया की जिस सबसे बड़ी डेग में मीठे चावल बनेगे उसका व्यास 37 फीट चौड़ा है। इस देग में एक बार में 4800 किलो मीठे चावल पकाए जा सकते हैं। यह देग सात धातुओं के मिश्रण से बनी है, इसका किनारा इस तरह से बनाया गया है जो खाना पकाने के दौरान कभी गर्म नहीं होता। इस देग को कोलंबो श्रीलंका से लाया गया था। इस तरह की देग अजमेर शरीफ दरगाह के अलावा कहीं और मौजूद नहीं है। 1568 में मुगल बादशाह अकबर ने उसकी मन्नत पूरी होने के बाद इस देग को दरगाह शरीफ को भेंट किया था। इसका उपयोग मीठे चावल बनाने में किया जाता है।
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मुगल बादशाह जहांगीर ने भेंट की थी यह देग।
- फोटो : अमर उजाला
अब छोटी देग के बारे में जानिए
अजमेर दरगाह में मौजूद इस डेग का व्यास 22 फीट है। इसमें एक बार में 2400 किलोग्राम मीठा चावल पकाए जा सकते हैं। मुगल बादशाह जहांगीर ने इस देग को पारिवारिक परंपरा के तहत दरगाह में पेश किया था।
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अजमेर दरगाह में एक बड़ी और एक छोटी देग।
- फोटो : अमर उजाला
बुकिंग का खर्च लाखों रुपये
चिश्तिया सुफी फाउंडेशन के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसारा बड़ी देग की बुकिंग करने के लिए तीन लाख 51 हजार रुपये खर्च करने होते हैं। वहीं, छोटी देग की बुकिंग के लिए दो लाख 51 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। यह सभी जानकारी https://www.chishtiyasufifoundation.com/ajmer_sharif_degs.html से ली गई है।
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