चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाने वाला गुड़ी पड़वा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो खासतौर पर महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा वसंत ऋतु का त्यौहार है जो मराठी हिंदुओं के लिए पारंपरिक नए साल का प्रतीक है। यह चैत्र महीने (मार्च-अप्रैल) के पहले दिन चंद्र-सौर हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार रंगोली, एक विशेष गुड़ी ध्वज (फूलों, आम और नीम के पत्तों की माला, ऊपर से उलटे हुए मुकुट) के साथ मनाया जाता है। यह पर्व न केवल हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि इसमें कई सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी छिपा हुआ है।
Gudi Padwa 2025: कब है गुड़ी पड़वा? क्यों खास है ये पर्व ? जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Fri, 07 Mar 2025 11:55 AM IST
सार
Gudi Padwa 2025: गुड़ी पड़वा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सभी पहलु जुड़े हुए हैं।ह दिन न केवल महाराष्ट्र में रह रहे लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक नई शुरुआत, खुशी और समृद्धि के आगमन का संदेश लेकर आता है।
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