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Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर चंद्र दर्शन कब और कैसे करें? यहां जानें पूरी विधि

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दीली Published by: श्वेता सिंह Updated Fri, 03 Oct 2025 11:06 AM IST
सार

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए रखा जाता है, जो प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। 2025 में चंद्रमा उदय और पूजा के शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होगा, जिससे व्रत का फल अधिक शुभ माना जाएगा।

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Karwachauth 2025 Chandra Darshan Kab Aur Kese Karein
करवा चौथ 2025 - फोटो : amar ujala

Karwa Chauth Par Kaise Karein Chandra Darshan; भारत में त्योहार केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे समाज और भावनाओं को जोड़ने वाले विशेष अवसर भी होते हैं। करवा चौथ भी ऐसा ही एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हुए मनाती हैं। इस दिन महिलाएं सुबह से कड़ा व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा के उदय होते ही व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है, जो परिवार में सौहार्द और एकता को बढ़ाता है।


Karwa Chauth 2025: इस बार करवा चौथ पर कितने बजे निकलेगा चांद? जानें व्रत खोलने का समय
साल 2025 में करवा चौथ का चंद्रमा उदय का समय और पूजा के शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी समय व्रत खोलकर चंद्रदेव की पूजा की जाती है। सही समय पर पूजा करने से यह माना जाता है कि व्रत का फल अधिक शुभ और पूर्ण होता है। चंद्रमा की आराधना करते हुए महिलाएं पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं। इस पर्व की परंपराओं और पूजा विधि को जानना हर सुहागिन महिला के लिए जरूरी है ताकि वे इस पावन त्योहार को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मना सकें।
Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर बन रहा है बेहद खास संयोग,यहां जानें चंद्रमा निकलने का समय और पूजन विधि

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इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। - फोटो : पीटीआई

करवा चौथ पर चांद का महत्व
करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, खुशहाली और समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। पूजा के दौरान वे भगवान गणेश, शिव-पार्वती और कार्तिकेय की भी आराधना करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती को अखंड सौभाग्य का वरदान मिला है, इसलिए महिलाएं अपनी सात जन्मों के लिए पति के सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्रार्थना करती हैं। चंद्रमा का इस व्रत में विशेष महत्व है क्योंकि चंद्रमा के दर्शन व्रत खोलने का शुभ समय होते हैं।

एक कथा के अनुसार, भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था कि जो कोई भी उसे सीधे आंखों से देखेगा, उसे अपमान और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा को सीधे नहीं देखतीं, बल्कि छलनी के माध्यम से देखती हैं। इस दिन छलनी में जलता दीपक भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उसकी रोशनी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और व्रत का फल शुभ होता है।

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Karwachauth 2025 Chandra Darshan Kab Aur Kese Karein
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर होगी, जो रात 10:54 बजे शुरू होकर अगले दिन शाम 7:38 बजे समाप्त होगी। - फोटो : अमर उजाला

करवा चौथ 2025 का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ 2025 का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। यह तिथि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर होगी, जो रात 10:54 बजे शुरू होकर अगले दिन शाम 7:38 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ समय शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा। चंद्रमा इस दिन रात 8:13 बजे उदय होगा, और इसी समय व्रत खोलने का शुभ मुहूर्त माना जाएगा।

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पूजा मुहूर्त में व्रत का संकल्प लें। - फोटो : अमर उजाला ब्यूरो

करवा चौथ पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और सरगी ग्रहण करें।
  • पूजा के लिए साफ थाली में दीपक, गंगाजल, अक्षत, सिंदूर, हल्दी, फूल, गुड़, दूध, फल, दही आदि रखें।
  • पूजा मुहूर्त में व्रत का संकल्प लें।
  • कलश में जल भरकर उसका पूजन करें।
  • भगवान शिव, माता पार्वती और चंद्र देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • दीप प्रज्ज्वलित कर धूप और आरती करें।
  • फल, हल्दी, अक्षत, पुष्प और नैवेद्य चढ़ाएं।
  • शाम को पूजा के बाद करवा चौथ की कथा सुनें।
  • चंद्रमा दिखते ही उसे जल अर्पित करें (गंगाजल, दूध या शुद्ध जल)।
  • छलनी के माध्यम से चंद्रमा देखें, फिर पति की ओर देखें और उनसे पहला जल और भोजन ग्रहण करें।
  • पति के हाथों से पहला निवाला लेने के बाद व्रत पूरा करें और भोजन करें।

 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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