रामायण हिंदू धर्म का सबसे प्रमुख ग्रंथ है। रामायण की हर घटना में एक रहस्य और रोमांच छिपा हुआ है। भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास इस ग्रंथ की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। रामायण के अनुसार माता कैकेयी ने राजा दशरथ से वरदान स्वरुप भगवान राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा था। माता कैकेयी चाहती तो राम का पूरा जीवन भी महाराज दशरथ से मांग सकती थी परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। आज हम आपको बताते हैं माता कैकेयी ने राम के लिए सिर्फ 14 साल का वनवास ही क्यों मांगा।
{"_id":"5dd79a548ebc3e547865a3ab","slug":"effects-of-shani-on-life-of-ram-ravan-and-kaikeyi","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"शनि का प्रभाव देखिए, राम को मिली कीर्ति, रावण को मुक्ति और कैकेयी के साथ हुआ ये...","category":{"title":"Religion","title_hn":"धर्म","slug":"religion"}}
शनि का प्रभाव देखिए, राम को मिली कीर्ति, रावण को मुक्ति और कैकेयी के साथ हुआ ये...
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: योगेश जोशी
Updated Sat, 30 Nov 2019 06:34 AM IST
विज्ञापन
रामायण की हर घटना में एक रहस्य और रोमांच छिपा हुआ है
Trending Videos
माता कैकयी को सबसे अधिक प्रिय थे भगवान राम
माता कैकेयी को सबसे अधिक प्रिय थे भगवान राम
महाराज दशरथ की तीसरी पत्नी कैकयी भगवान राम से भरत से भी ज्यादा प्रेम किया करती थी और उन्हें राम पर सबसे अधिक भरोसा था। भरत को जब पता चला की माता कैकयी ने भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास दे दिया है तो उन्हें बड़ी ही हैरानी हुई क्योंकि वे इस बात से भली-भांति परिचित थे कि माता कैकेयी को भगवान राम सबसे अधिक प्रिय हैं। आपको इस बात को जानकर थोड़ा हैरानी होगी कि यह खेल सब देवताओं का रचा हुआ था। आइए जानते हैं क्या हैं पूरी कथा।
महाराज दशरथ की तीसरी पत्नी कैकयी भगवान राम से भरत से भी ज्यादा प्रेम किया करती थी और उन्हें राम पर सबसे अधिक भरोसा था। भरत को जब पता चला की माता कैकयी ने भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास दे दिया है तो उन्हें बड़ी ही हैरानी हुई क्योंकि वे इस बात से भली-भांति परिचित थे कि माता कैकेयी को भगवान राम सबसे अधिक प्रिय हैं। आपको इस बात को जानकर थोड़ा हैरानी होगी कि यह खेल सब देवताओं का रचा हुआ था। आइए जानते हैं क्या हैं पूरी कथा।
विज्ञापन
विज्ञापन
महर्षि दुर्वासा ने माता कैकेयी को आशीर्वाद दिया था कि भविष्य में भगवान तुम्हारी गोद में खेलेंगे
- फोटो : amar ujala
दशरथ ने दिया था माता कैकयी को आशीर्वाद
महर्षि दुर्वासा ने माता कैकेयी का एक हाथ बज्र का बना दिया और आशीर्वाद दिया था कि भविष्य में भगवान तुम्हारी गोद में खेलेंगे। समय आगे बढ़ता रहा और माता कैकेयी का विवाह राजा दशरथ से हो गया। विवाह के कुछ समय बाद स्वर्ग पर असुरों ने आक्रमण शुरू कर दिया। तब देवराज इंद्र ने राजा दशरथ को सहायता के लिए बुलाया। रानी कैकेयी महाराज की रक्षा के लिए सारथी बनकर युद्ध में शामिल हो गई। युद्ध के दौरान दशरथजी के रथ के पहिये से कील निकल गई और रथ लड़खड़ाने लगा। तब माता कैकेयी ने कील की जगह अपनी उंगली लगाकर महाराज की जान बचाई।
महर्षि दुर्वासा ने माता कैकेयी का एक हाथ बज्र का बना दिया और आशीर्वाद दिया था कि भविष्य में भगवान तुम्हारी गोद में खेलेंगे। समय आगे बढ़ता रहा और माता कैकेयी का विवाह राजा दशरथ से हो गया। विवाह के कुछ समय बाद स्वर्ग पर असुरों ने आक्रमण शुरू कर दिया। तब देवराज इंद्र ने राजा दशरथ को सहायता के लिए बुलाया। रानी कैकेयी महाराज की रक्षा के लिए सारथी बनकर युद्ध में शामिल हो गई। युद्ध के दौरान दशरथजी के रथ के पहिये से कील निकल गई और रथ लड़खड़ाने लगा। तब माता कैकेयी ने कील की जगह अपनी उंगली लगाकर महाराज की जान बचाई।
कैकेयी ने भगवान राम के लिए 14 वर्षो का वनवास मांगा था
राजा दशरथ ने तब प्रसन्न होकर तीन वरदान मांगने के लिए कहा। कैकेयी ने उस समय कोई वरदान नहीं मांगा और कहा अगर कभी जरूरत होगी तो मांग लूंगी। कैकेयी ने भगवान राम के लिए 14 वर्षो का वनवास इस वरदान के बदले में मांगा था। माता कैकेयी राम का जीवन भी मांग सकती थी परंतु यही वरदान क्यों मांगा इसके पीछे भी कही कारण हैं। आइए, जानते हैं क्या रहे वो कारण जिनकी वजह से माता कैकेयी ने मांगा था 14 वर्षों का वनवास।
विज्ञापन
रावण को मारने के लिए जरूरी था 14 वर्ष का वनवास
रावण को मारने के लिए जरूरी था 14 वर्ष का वनवास
रावण एक महान योद्धा था उसे मारना इतना आसान नहीं था और कैकयी को इस बात का पता था। कैकेयी ने 14 वर्ष का वनवास मांगकर यह समझाया कि अगर व्यक्ति युवावस्था में पांच ज्ञानेन्द्रियां (कान, नाक, आंख, जीभ, त्वचा) पांच कर्मेन्द्रियां (वाक्, पाणी, पाद, पायु, उपस्थ) तथा मन, बुद्धि, चित और अहंकार को वनवास (एकान्त आत्मा के वश) में रखेगा तभी अपने अंदर के घमंड और रावण को मार पाएगा।
रावण एक महान योद्धा था उसे मारना इतना आसान नहीं था और कैकयी को इस बात का पता था। कैकेयी ने 14 वर्ष का वनवास मांगकर यह समझाया कि अगर व्यक्ति युवावस्था में पांच ज्ञानेन्द्रियां (कान, नाक, आंख, जीभ, त्वचा) पांच कर्मेन्द्रियां (वाक्, पाणी, पाद, पायु, उपस्थ) तथा मन, बुद्धि, चित और अहंकार को वनवास (एकान्त आत्मा के वश) में रखेगा तभी अपने अंदर के घमंड और रावण को मार पाएगा।

कमेंट
कमेंट X