Ekadashi Vrat Niyam: एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं और जीवन के अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर माह में दो एकादशी व्रत आते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, पहले माह चैत्र के कृष्ण पक्ष की एकादशी से इसका प्रारंभ होता है, जिसे पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है। वहीं साल की अंतिम एकादशी 'आमलकी एकादशी' के साथ इसका समापन होता है, जो फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर होती है। एकादशी व्रत के लिए कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। इसके बिना व्रत को पूरा नहीं माना जाता है, इसलिए यदि आप एकादशी व्रत की शुरुआत करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसके लिए आपको शुभ दिन और नियमों के बारे में पता होना चाहिए है।
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Ekadashi Vrat Niyam: एकादशी व्रत की कब और कैसे करनी चाहिए शुरुआत? यहां जानें जरूरी नियम
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Wed, 20 Nov 2024 07:22 AM IST
सार
एकादशी व्रत के लिए कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। इसके बिना व्रत को पूरा नहीं माना जाता है। यदि आप एकादशी व्रत की शुरुआत करने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसके लिए आपको शुभ दिन और नियमों के बारे में पता होना चाहिए है।
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एकादशी व्रत नियम
- फोटो : Amar Ujala
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- फोटो : freepik
एकादशी व्रत की शुरुआत कब करें?
एकादशी व्रत शुरू करने के लिए सबसे उत्तम दिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को माना जाता है, जिसे उत्पन्ना एकादशी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी को ही देवी एकादशी उत्पन्न हुई थीं। यही वजह है कि एकादशी व्रत को प्रारंभ करने के लिए इस दिन को सबसे शुभ माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवी एकादशी मुर राक्षस का वध करने के लिए प्रकट हुई थीं।
कब है उत्पन्ना एकादशी?
नवंबर में मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर 2024 को रखा जाएगा। वहीं 27 नवंबर को व्रत का पारण किया जाएगा, जिसका समय दोपहर 01:12 बजे से 03:18 बजे तक रहेगा।
एकादशी व्रत शुरू करने के लिए सबसे उत्तम दिन मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को माना जाता है, जिसे उत्पन्ना एकादशी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी को ही देवी एकादशी उत्पन्न हुई थीं। यही वजह है कि एकादशी व्रत को प्रारंभ करने के लिए इस दिन को सबसे शुभ माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवी एकादशी मुर राक्षस का वध करने के लिए प्रकट हुई थीं।
कब है उत्पन्ना एकादशी?
नवंबर में मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर 2024 को रखा जाएगा। वहीं 27 नवंबर को व्रत का पारण किया जाएगा, जिसका समय दोपहर 01:12 बजे से 03:18 बजे तक रहेगा।
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- फोटो : adobe stock
एकादशी व्रत के नियम
- एकादशी व्रत से एक दिन पूर्व और एक दिन बाद तक सात्विक भोजन करें। इस दौरान तामसिक वस्तुओं का सेवन न करें।
- एकादशी व्रत में मसूर दाल, चावल, बैंगन, गाजर, शलगम, पालक, गोभी आदि का सेवन वर्जित है।
- एकादशी व्रत में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना जरूरी होता है। किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहना चाहिए।
- एकादशी व्रत के दिन 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें और पूजा के समय एकादशी व्रत कथा पढ़ें।
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- एकादशी व्रत की पूजा के समय भगवान विष्णु को पंचामृत, तुलसी के पत्ते अर्पित करें और मौसमी फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
- इस दौरान विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए और अंतिम में विष्णु जी की आरती करें।
- एकादशी व्रत पारण के दिन स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र, फल आदि का दान करना चाहिए।
- एकादशी व्रत करने वाले को असत्य, कटु वचन, काम, क्रोध और लोभ आदि से दूर रहना चाहिए।
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पूरे साल के एकादशी व्रत के नाम
एक साल में कुल 24 एकादशी व्रत होते हैं। वहीं अधिकमास लगने पर यह संख्या बढ़कर 26 तक हो सकती है।
1. उत्पन्ना एकादशी
2. मोक्षदा एकादशी
3. सफला एकादशी
4. पौष पुत्रदा एकादशी
5. षटतिला एकादशी
6. जया एकादशी
7. विजया एकादशी
8. आमलकी एकादशी
9. पापमोचिनी एकादशी
10. कामदा एकादशी
11. बरूथिनी एकादशी
12. मोहिनी एकादशी
13. अपरा एकादशी
14. निर्जला एकादशी
15. योगिनी एकादशी
16. देवशयनी एकादशी
17. कामिका एकादशी
18. श्रावण पुत्रदा एकादशी
19. अजा एकादशी
20. परिवर्तिनी एकादशी
21. इंदिरा एकादशी
22. पापांकुशा एकादशी
23. रमा एकादशी
24. देव उठनी एकादशी
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
एक साल में कुल 24 एकादशी व्रत होते हैं। वहीं अधिकमास लगने पर यह संख्या बढ़कर 26 तक हो सकती है।
1. उत्पन्ना एकादशी
2. मोक्षदा एकादशी
3. सफला एकादशी
4. पौष पुत्रदा एकादशी
5. षटतिला एकादशी
6. जया एकादशी
7. विजया एकादशी
8. आमलकी एकादशी
9. पापमोचिनी एकादशी
10. कामदा एकादशी
11. बरूथिनी एकादशी
12. मोहिनी एकादशी
13. अपरा एकादशी
14. निर्जला एकादशी
15. योगिनी एकादशी
16. देवशयनी एकादशी
17. कामिका एकादशी
18. श्रावण पुत्रदा एकादशी
19. अजा एकादशी
20. परिवर्तिनी एकादशी
21. इंदिरा एकादशी
22. पापांकुशा एकादशी
23. रमा एकादशी
24. देव उठनी एकादशी

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