Hanuman Janmotsav 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जीवन में जब भी परेशानी आती है या फिर संकट के बादल छा जाते हैं तो आशा की किरण के तौर पर हमें संकटमोचन हनुमान की ही याद आती है। हनुमान जी उम्मीद की वह लौ बनते हैं, जो हमारे दिलों में आत्मविश्वास बनकर जगमगाने लगते हैं। हनुमान जी केवल बल, बुद्धि और भक्ति के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ऐसी शक्तियों के स्वामी हैं, जो भक्तों के सारे दुखों को हर लेते हैं। हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता भी कहा जाता है। जल्द ही हनुमान जयंती भी आने वाली है। ऐसे में आज की इस खबर में हम आपको हनुमान जी की अष्ट सिद्धियों और नव निधि के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
Hanuman Janmotsav 2025 : क्या है बजरंगबली की अष्ट सिद्धि और नव निधि? जानें हनुमान जी की रहस्यमयी शक्तियां
Hanuman Janmotsav 2025 kab hai: हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता भी कहा जाता है। जल्द ही हनुमान जयंती भी आने वाली है। ऐसे में आज की इस खबर में हम आपको हनुमान जी की अष्ट सिद्धियों और नव निधि के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
अष्ट सिद्धि के दाता हैं बजरंगबली
हनुमान चालीसा की पंक्तियों में तुलसीदास जी एक ऐसी बात कहते हैं जो साधारण नहीं है। माता जानकी ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि वे अष्ट सिद्धियों और नव निधियों के दाता होंगे। यह कोई कथन नहीं, बल्कि एक गूढ़ रहस्य है। अष्ट सिद्धियों का उल्लेख प्राचीन योग शास्त्रों में मिलता है। कहते हैं कि ये वे शक्तियां हैं, जो साधक को प्रकृति के नियमों से परे ले जाती हैं। इन शक्तियों में छोटा बन जाना, विशाल हो जाना, इच्छा से कहीं भी पहुंच जाना, सब कुछ प्राप्त कर लेना। बता दें कि ये कोई चमत्कार नहीं बल्कि आत्मविजय के अनुभव हैं।
ये हैं संकटमोचन की नौ निधियां
इन अष्ट सिद्धियों में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व आदि शामिल है। ये योग और तपस्या से प्राप्त होने वाली ये आठ दिव्य शक्तियां हनुमान जी के पास ऐसे समाहित हैं। हालांकि, बता दें कि हनुमान जी को नव निधि के दाता भी कहा जाता है। इन्हें धन, वैभव और समृद्धि का परम स्रोत माना जाता है। इन नौ निधियों में पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुक्ता, कुंद, नील और खर्व शामिल हैं। इनके नाम जितने सुंदर हैं, इनके अर्थ उतने ही गूढ़। इनमें जल, पृथ्वी, आकाश और चेतना के तत्व छिपे हैं, और हनुमान इनका रहस्य जानते हैं, इन्हें अपने भक्तों के लिए प्रयोग में भी लाते हैं।
माता सीता ने दिया था यह वरदान
माता सीता को खोजते हुए जब बजरंगबली अशोक वाटिका पहुंचे तो उस समय उन्हें लघिमा सिद्धि काम आई। माता सीता का दिया हुआ यह वरदान हनुमान जी को केवल संकटमोचन नहीं बनाता, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक और भौतिक, दोनों संसारों का सेतु बना देता है। जब कोई भक्त उन्हें पुकारता है, तो केवल उसका भय नहीं मिटता, बल्कि जीवन को एक नई दिशा मिलती है और भक्त भी आध्यात्म की तरफ तेजी से बढ़ता है।
हनुमान जयंती पर करें यह पूजा
बता दें कि इस हनुमान जयंती पर आप भी अपनी पूजा से हनुमान जी की महिमा में डूबा यह सत्य समझ सकते हैं कि उनका पूजन केवल संकट से मुक्ति नहीं, बल्कि शक्ति, ज्ञान और समृद्धि का आमंत्रण है। वे केवल पवनपुत्र नहीं, वे चेतना के वायु हैं, जो जहां भी जाते हैं, जीवन में गति और ऊर्जा भर देते हैं।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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