होलिका दहन 28 मार्च को किया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के दिन किया जाता है। धार्मिक दृष्टि से इस पर्व को अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में देखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णुजी के परम भक्त प्रहलाद को लेकर उनकी बुआ होलिका इसी दिन जलती हुई चिता में बैठी थीं। होलिका को ब्रह्मा जी ने अग्नि में ना जलने का वरदान दिया था। लेकिन भक्त प्रहलाद को अग्नि जला न सकी, बल्कि इस आग में स्वयं होलिका जलकर राख हो गई थीं। होलिका दहन के पावन अवसर पर कुछ विशेष उपाय कर जातक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ये आपके जीवन में खुशियों के रंग भरने में कारगर साबित हो सकते हैं।
Holi 2021: होली में करें ये पांच असरदार उपाय, जीवन में भर जाएंगे खुशियों के रंग
सरसों के उबटन से करें मालिश
होलिका दहन की रात घर के सभी सदस्यों को सरसों का उबटन बनाकर पूरे शरीर पर मालिश करना चाहिए। इससे जो भी मैल निकले उसे होलिकाग्नि में डाल दें। ऐसा करने से जादू टोने का असर समाप्त होता है।
अगर किसी के ऊपर नकारात्मक ऊर्जा हावी है तो होलिका की भस्म को ताबीज में बांधकर पहनने से उसके ऊपर बुरी आत्माओं का साया और टोने-टोटके का असर नहीं रहता है।
शास्त्रों में होली की भस्म को काफी शुभ माना जाता है। होलिका की राख को माथे पर लगाने से अच्छा परिणाम मिलता है और नकारात्मक शाक्तियां दूर हो जाती है।
होलिका दहन की भस्म को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस भस्म को घर में लाकर हर कोने में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं रहता।

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