रावण को बुरी शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि रावण का दहन बुरी शक्तियों का अंत होता है। इसी कारण काफी विद्वान होने के बावजूद भी रावण की अधिकतर जगह पूजा नहीं की जाती। हालांकि देश में रावण के कुछ मंदिर है, लेकिन देश में एक ऐसा मंदिर है जहां रावण की पूजा भगवान शिव से पहले की जाती है। यह अनोखा मंदिर राजस्थान के उदयपुर जिले में मौजूद है। भगवान शिव का यह मंदिर कमलनाथ महादेव के नाम से प्रसिद्घ है, जो कि उदयपुर से करीब 80 किमी दूर झाडौल तहसील में आवारगढ़ की पहाड़िया पर स्थित है।
भगवान की पूजा करने से पहले यहां होती है रावण की पूजा
amarujala.com- written by: किरण सिंह
Updated Sat, 06 May 2017 06:04 PM IST
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