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shitla ashtami 2021: इस दिन किया जाता है ठंडा भोजन, जानें तिथि, महत्व और पूजा विधि

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: Shashi Shashi Updated Sat, 27 Mar 2021 02:29 PM IST
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shitla ashtami 2021 date timing importance and vrat puja vidhi
शीतला अष्टमी 2021
प्रत्येक वर्ष होली के आठवें दिन यानि चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार शीतला अष्टमी का व्रत 4 अप्रैल 2021 को पड़ रहा है। इस दिन को बसोड़ा भी कहा जाता है। शीतला अष्टमी के लिए अष्टमी से एक दिन पहले शाम को भी प्रसाद का भोजन जिसे बसौड़ा कहते हैं, बनाकर तैयार कर लिया जाता है और शीतला अष्टमी पर माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और स्वयं भी प्रसाद के रूप में बासी भोजन किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि शीतला अष्टमी पर क्यों लगाते हैं बासी भोजन का भोग, क्या है शीतला अष्टमी का महत्व, शुभ समय और पूजा विधि।


 
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shitla ashtami 2021 date timing importance and vrat puja vidhi
शीतला अष्टमी 2021 (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शीतला अष्टमी का महत्व
शीतला अष्टमी से ग्रीष्मकाल का आरंभ हो जाता है और मौसम बहुत तेजी से गर्म होने लगता है। शीतला माता के स्वरूप को शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है। इसके साथ ही माता शीतला का व्रत करने से चेचक, खसरा व नेत्र विकार ठीक होते हैं। यह व्रत रोगों से मुक्ति दिलाकर आरोग्यता प्रदान करता है। 

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शीतला अष्टमी 2021 (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शीतला अष्टमी को क्यों किया जाता है बासी भोजन
शीतला अष्टमी पर माता शीतला को मुख्य रूप से दही, राबड़ी, चावल, हलवा, पूरी, गुलगुले का भोग लगाया जाता है, लेकिन इस भोजन को सप्तमी तिथि की रात में ही बनाकर रख लिया जाता है। अष्टमी तिथि को घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। माता शीतला को ठंडी चीजों का भोग लगाकर परिवार के सभी सदस्या भी ठंडा भोजन ग्रहण करते हैं, इसके पीछे मान्यता है कि माता शीतला को ठंडा भोजन और शीतल जल प्रिय है।शीतला अष्टमी पर शीतल  जल से ही स्नान किया जाता है। शीतला अष्टमी पर बासी खाना खाने के पीछे यह तर्क भी है कि इस दिन के बाद से वातावरण में गर्मी बढ़ने लगती है, जिससे इस दिन पर ही बासी भोजन करने के बाद रात का रखा हुआ भोजन करने की मनाही होती है। 

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शीतला अष्टमी 2021 (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : अमर उजाला

शीतला अष्टमी मुहूर्त
अष्टमी तिथि आरंभ-04 अप्रैल 2021 को सुबह 04 बजकर 12 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त -05 अप्रैल2021 को प्रातः जल्दी 02 बजकर 59 मिनट से
पूजा मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम को 06 बजकर 41 मिनट तक
पूजा की कुल अवधि- 12 घण्टे 33 मिनट

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शीतला अष्टमी 2021 पूजा विधि (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शीतला अष्टमी की पूजा विधि-
  • शीतला अष्टमी के दिन सर्वप्रथम सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प करें।  
  • थाली में भोग का सभी सामान दही, पुआ,राबड़ी, सप्तमी को बने मीठे चावल, नमक पारे और मठरी रखें।
  • पूजा की थाली में आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, होली वाली बड़कुले की माला, सिक्के और मेहंदी आदि सभी पूजा का सामान रख लें। 
  • यह सारा सामान रखने के साथ ही एक लोटा शीतल जल भी भरकर रखें।
  • माता शीतला की पूजा आरंभ करें, उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
  • रोली और हल्दी से माता का तिलक करें और उन्हें मेहंदी, मोली, वस्त्र आदि सभी चीजें अर्पित कर दें। 
  • इसके बाद माता को शीतल जल और भोग का सामान अर्पित करें। 
  • पूजा के पश्चात बचे हुए जल को सभी सदस्यों को दें और उन्हें आंखो से लगाने को कहें।
  • बाकी के शेष जल को पूरे घर में छिड़क दें। 
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