जब भी हम किसी बीमारी का शिकार होते हैं, तो इससे ठीक होने के लिए हमें कई तरह की दवाओं का सेवन करना पड़ता है ताकि हम जल्द से जल्द ठीक हो सके। दवा व्यक्ति को ठीक करने में अहम रोल निभाती हैं। वहीं, कोरोना महामारी आने के बाद से दवाइयों के क्षेत्र में तेजी देखनो को मिली है। लोगों ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सबसे ज्यादा दवाइयों को खरीदा है, क्योंकि इस खतरनाक वायरस से खुद को और अपनों को बचाने के लिए इन दवाओं का होना बेहद जरूरी है। लेकिन इन सबके बीच बाजार में नकली दवाइयों का कारोबार करने वाले लोगों ने खूब मुनाफा भी कमाया। यही नहीं, अब भी नाजाने कितनी ऐसी दवाएं हैं जो बाजार में नकली आ रही हैं। दरअसल, असली और नकली दवाइयों के बीच में आम आदमी आसानी से फर्क नहीं कर पाता है और इसी का फायदा उठाकर कई सारे लोग नकली दवाइयों का कारोबार आसानी से चला रहे हैं। लेकिन इन नकली दवाइयों का सेवन करने से कई सारे लोगों की सेहत में सुधार होने की बजाय उनकी हालत तक बिगड़ने लगती है, तो कई लोगों की मौत भी हो जाती है। ऐसे में आज हम आपको असली और नकली दवाई के बीच फर्क करने का सबसे आसान तरीका बताने जा रहे हैं, जिससे आप बहुत ही आसानी से नकली दवाइयों को पहचान पाएंगे क्योंकि ये सब होगा एक क्यूआर कोड की मदद से। जी हां, तो चलिए जानते हैं ये होगा कैसे...