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Highcourt: अमृतसर को पवित्र शहर घोषित करने की मांग, हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Tue, 18 Nov 2025 09:13 AM IST
सार

गुरु रामदास की ओर से 1577 में बसाया गया अमृतसर देश के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। यह श्री हरिमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त, दुर्ग्याणा मंदिर, राम तीर्थ मंदिर और गुरु के महल गुरुद्वारा, गुरु तेग बहादुर की जन्मभूमि जैसे पवित्र तीर्थस्थलों का घर है।

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Demand to declare Amritsar holy city High Court seeks response from Punjab government
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अमृतसर को पवित्र शहर घोषित करने और शहर की सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए कदम उठाने की मांग वाली जनहित याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। 
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केएस राजू लीगल ट्रस्ट की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई है कि पंजाब सरकार को शहर की सीमा के अंदर सिगरेट, तंबाकू उत्पाद, शराब और मीट की बिक्री व खपत पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया जाए।
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याची ने बताया कि गुरु रामदास की ओर से 1577 में बसाया गया अमृतसर देश के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। यह श्री हरिमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त, दुर्ग्याणा मंदिर, राम तीर्थ मंदिर और गुरु के महल गुरुद्वारा, गुरु तेग बहादुर की जन्मभूमि जैसे पवित्र तीर्थस्थलों का घर है। इस शहर में हर दिन भारत और विदेश से लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं। उनमें से लगभग 90 प्रतिशत धार्मिक या आध्यात्मिक कारणों से आते हैं। इसके पवित्र दर्जे के बावजूद, शहर के भौतिक और नैतिक माहौल में गंभीर गिरावट आई है। पवित्र स्थलों की ओर जाने वाली सड़कों के किनारे शराब की दुकानें, मीट की दुकानें और तंबाकू की दुकानें दिखाई देने लगी हैं। खराब सफाई व्यवस्था ने एक ऐसे शहर की छवि को और नुकसान पहुंचाया है जिसे पवित्रता और अनुशासन दिखाना चाहिए।

श्री हरमंदिर साहिब के आसपास शराब बिक्री पर है रोक

याचिका में यह तर्क दिया गया कि राज्य ने खुद अमृतसर की पवित्रता को माना है और इसलिए श्री हरमंदिर साहिब के पास चारदीवारी वाले शहर में शराब की बिक्री पर रोक है। हालांकि यह रोक एक छोटे से इलाके तक ही सीमित है और बड़े म्युनिसिपल इलाके को कवर नहीं करती है जहां से तीर्थयात्री आसानी से आते-जाते हैं। याची ने कहा कि दिसंबर 2024 में उनके ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री से संपर्क करके अमृतसर को पवित्र शहर घोषित करने और पूरे शहर में शराब, मांस और तंबाकू पर रोक लगाने की मांग की थी। जनवरी 2025 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी ऐसी ही मांग उठाई थी। हालांकि, सरकार इस पर सहमत नहीं हुई है।

कचरे के सही निपटान के लिए कदम उठाएं

याचिका में यह भी दावा किया गया है कि अमृतसर स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार की स्वच्छता रैंकिंग में सबसे नीचे है। इसलिए प्रतिवादियों को म्युनिसिपल सीमा में कचरे के सही तरीके से निपटान के लिए कदम उठाने और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने और भगतांवाला से डंप साइट को किसी दूसरी जगह हटाने का निर्देश दिया जाए।
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