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Flood in Punjab: बाढ़ के दाैरान गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग ने किए खास प्रबंध, हर मां-बच्चा सुरक्षित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sat, 13 Sep 2025 12:43 PM IST
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सार
सरकार ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों और गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए लगभग 458 रैपिड रिस्पांस टीमें, 360 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 424 एम्बुलेंस तैनात कीं और बोट एम्बुलेंस के जरिए प्रसव सुविधाएं प्रदान कीं।

बाढ़ के दाैरान एक नवजात का रेस्क्यू
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दशकों के बाद पंजाब भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। इस मुश्किल घड़ी में सरकार अपने लोगों के साथ एक परिवार की तरह खड़ी है। महिलाओं की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करने में मान सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। गर्भवती महिलाओं का भी खास ख्याल रखा है।
आप पार्टी की युवा और महिला विंग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों नाभा, पठानकोट, गुरदासपुर और कई अन्य जिलों में राहत सामग्री, राशन पहुंचाया और ख़ास तौर पर महिलाओं और बच्चों की जरूरतों का ध्यान रखा। इसके अलावा, फिरोजपुर और फाजिल्का के राहत शिविरों में महिलाओं को सैनिटरी पैड और मच्छरदानियां भी बांटी गईं।
बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात 11,103 से अधिक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवाइयां उपलब्ध करा रही हैं। वे गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग और देखभाल को भी प्राथमिकता दे रही हैं। सरकार ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों और गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए लगभग 458 रैपिड रिस्पांस टीमें, 360 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 424 एम्बुलेंस तैनात कीं और बोट एम्बुलेंस के जरिए प्रसव सुविधाएं प्रदान कीं। विभाग ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कई चिकित्सा शिविर भी लगाए।
गुरदासपुर में, अधिकारियों ने गर्भवती महिलाओं सहित गंभीर रूप से बीमार मरीजों को आपातकालीन स्थिति में निकालने के लिए विशेष रूप से बोट एम्बुलेंस और एक हेलीकॉप्टर तैनात किया है। इन प्रयासों से आठ गर्भवती महिलाओं को बचाया गया है, जिनमें से एक महिला ने बोट पर ही चिकित्सकीय देखरेख में स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
एनडीआरएफ की टीमों को बचाव कार्यों के लिए सक्रिय किया गया। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाढ़ प्रभावित सीमावर्ती गांवों के निवासियों के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा की किरण बनकर उभरा है। सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर ने बताया कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विभाग को बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान करने, खासकर संकटग्रस्त गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालने और डिलीवरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन आदेशों का पालन करते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने टेंडी वाला से मंजीत कौर और कालू वाला से मनप्रीत कौर को सफलतापूर्वक बचाया और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने सुरक्षित रूप से अपने बच्चों को जन्म दिया। गर्भवती महिलाओं के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई।
सतलुज नदी के पास के गांवों में चिन्हित 45 गर्भवती महिलाओं में से पिछले सप्ताह चार डिलिवरियां हुई।

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आप पार्टी की युवा और महिला विंग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों नाभा, पठानकोट, गुरदासपुर और कई अन्य जिलों में राहत सामग्री, राशन पहुंचाया और ख़ास तौर पर महिलाओं और बच्चों की जरूरतों का ध्यान रखा। इसके अलावा, फिरोजपुर और फाजिल्का के राहत शिविरों में महिलाओं को सैनिटरी पैड और मच्छरदानियां भी बांटी गईं।
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बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात 11,103 से अधिक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवाइयां उपलब्ध करा रही हैं। वे गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग और देखभाल को भी प्राथमिकता दे रही हैं। सरकार ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों और गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए लगभग 458 रैपिड रिस्पांस टीमें, 360 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 424 एम्बुलेंस तैनात कीं और बोट एम्बुलेंस के जरिए प्रसव सुविधाएं प्रदान कीं। विभाग ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कई चिकित्सा शिविर भी लगाए।
गुरदासपुर में, अधिकारियों ने गर्भवती महिलाओं सहित गंभीर रूप से बीमार मरीजों को आपातकालीन स्थिति में निकालने के लिए विशेष रूप से बोट एम्बुलेंस और एक हेलीकॉप्टर तैनात किया है। इन प्रयासों से आठ गर्भवती महिलाओं को बचाया गया है, जिनमें से एक महिला ने बोट पर ही चिकित्सकीय देखरेख में स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
एनडीआरएफ की टीमों को बचाव कार्यों के लिए सक्रिय किया गया। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाढ़ प्रभावित सीमावर्ती गांवों के निवासियों के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा की किरण बनकर उभरा है। सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर ने बताया कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विभाग को बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान करने, खासकर संकटग्रस्त गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालने और डिलीवरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन आदेशों का पालन करते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने टेंडी वाला से मंजीत कौर और कालू वाला से मनप्रीत कौर को सफलतापूर्वक बचाया और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने सुरक्षित रूप से अपने बच्चों को जन्म दिया। गर्भवती महिलाओं के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई।
सतलुज नदी के पास के गांवों में चिन्हित 45 गर्भवती महिलाओं में से पिछले सप्ताह चार डिलिवरियां हुई।