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शहीदी दिवस पर नगर कीर्तन: श्रीनगर में नंंगे पांव गुरुद्वारा साहिब पहुंचे भगवंत मान और केजरीवाल, सुरक्षा कड़ी

करुण शर्मा , अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Wed, 19 Nov 2025 02:43 PM IST
सार

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर गुरुद्वारा छठी पातशाही से भव्य नगर कीर्तन सजाया जा रहा है।

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Guru Tegh Bahadur Martyrdom Day Bhagwant Mann arvind Kejriwal Gurdwara Chhathi Patshahi in Srinagar
श्रीनगर के गुरुद्वारा साहिब से नगर कीर्तन शुरू - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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श्रीनगर स्थित गुरुद्वारा छठी पातशाही से आज श्री गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर नगर कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। गुरुद्वारा के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है। पंजाब के सीएम भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और वित्त मंत्री हरपाल चीमा गुरुद्वारा साहिब पहुंच गए हैं। दोनों नेता गाड़ी से नंगे पांव उतर कर गुरुद्वारा पहुंचे।
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श्रीनगर में इस समय तापमान 4 डिग्री है।



जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपनी गाड़ी खुद चलाकर गुरुद्वारा पहुंचे।
 

इससे पहले मंगलवार को गुरुद्वारा छठी पातशाही में भव्य आयोजन हुआ। इस दौरान शबद कीर्तन गूंजते रहे। देर रात तक लंगर चला। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे।

कार्यक्रम शुरू होने के बाद श्रीनगर के मशहूर रागी हरजिंदर सिंह ने संगत को निहाल किया। इस दौरान किताबों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। देर रात तक चले लंगर में काफी संख्या में लोग उमड़े।  

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार आनंदपुर साहिब में कई बड़े कार्यक्रम करा रही है। मैं पूरी दुनिया के लोगों को आमंत्रित करता हूं कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में आएं और गुरु साहिब के सर्वोच्च बलिदान को नमन करें। मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि इस पवित्र जगह आने का मौका मिला।  



पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज नगर कीर्तन के रूप में जत्था आनंदपुर साहिब के लिए रवाना होगा। इसमें कश्मीरी पंडित शामिल होंगे। गुरु से धर्म की बात कहने जब कश्मीरी पंडित चले थे, उस को दोहराना है। यह जत्था जम्मू, पठानकोट, होशियारपुर होते हुए श्री आनंदपुर साहिब पहुंचेगा। ऐसे ही तीन अन्य जत्थे अमृतसर व अन्य जगहों से आनंदपुर साहिब पहुंचेंगे। यहां ऐतिहासिक समागम होगा।

जहां से उठी मदद की पुकार, वहीं से शुरू हुई शहादत दिवस की यात्रा

गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के उपलक्ष्य में पंजाब सरकार की ओर से श्रीनगर से शुरू नगर कीर्तन इस बार सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि ऐतिहासिक अध्याय के पुनर्जागरण जैसा क्षण बन गया है।

यह वही धरती है जहां करीब 350 साल पहले कश्मीरी पंडितों ने अपने धर्म और अस्तित्व की रक्षा के लिए गुरु घर से मदद की पुकार लगाई थी। अब उसी स्थान से यह यात्रा शुरू होकर आनंदपुर साहिब तक पहुंचेगी और इस सफर के साथ मानो इतिहास पूरा चक्र पूरा करता दिखाई दे रहा है।

शहर के पुराने हिस्से में स्थित गुरुद्वारा छठी पातशाही में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। कश्मीरी पंडित, सिख और मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंचे और भाईचारे का अनोखा दृश्य देखने को मिला। स्थानीय निवासियों के अनुसार यह आयोजन कश्मीर घाटी में शांति, सौहार्द और साझा सांस्कृतिक विरासत के संदेश को मजबूत कर रहा है। शबद-कीर्तन की धुनों से पूरा परिसर गुंजायमान रहा और लोगों के चेहरों पर लंबे समय बाद उत्साह और अपनापन साफ झलकता दिखा।

बारामूला निवासी 65 वर्षीय राजिंदर सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि मेरा बचपन इसी गुरुद्वारे में बीता है। मैं पिता जी के साथ यहां आता था, तब गुरुद्वारा बहुत छोटा था। धीरे-धीरे यह भव्य रूप में विकसित हुआ। आज अपनी ही मिट्टी से आनंदपुर साहिब तक नगर कीर्तन जाते देखना मेरे लिए गर्व और भावनाओं से भरा पल है।

श्रीनगर के निवासी जोहन रहमान कहा कि यह आयोजन घाटी की साझी संस्कृति का प्रतीक है। हम बचपन से ही गुरुद्वारों में आते-जाते रहे हैं। हमारे यहां सिखों के साथ हमेशा अपनापन रहा है। हालात एक समय बिगड़े तो लोग आने से कतराने लगे लेकिन जैसे-जैसे शांति लौटी, वैसे ही गुरुद्वारों की रौनक भी लौट आई। आज यहां से इतनी बड़ी यात्रा निकलना हमारे लिए गर्व और खुशी का क्षण है। यह भव्य नगर कीर्तन बुधवार सुबह श्रीनगर स्थित गुरुद्वारा छठी पातशाही से रवाना होगा और विभिन्न पड़ावों से होता हुआ पंजाब के आनंदपुर साहिब तक पहुंचेगा। इस यात्रा को लोग गुरु तेग बहादुर जी की मानवता की रक्षा वाली विरासत और कश्मीर–पंजाब के ऐतिहासिक संबंधों को फिर से जोड़ने वाला प्रतीक मान रहे हैं।








 
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