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दहशत के साये में जिंदगी: सरहदी इलाकों से लोगों का पलायन जारी, दो माह का राशन भरा; सोलर लाइटों के काटे कनेक्शन
संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजपुर (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 09 May 2025 01:05 PM IST
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सार
सरहद पर तनाव के बीच सीमावर्ती गांवों के लोगों में दहशत बढ़ने लगी है। लोगों ने संभावित युद्ध के मद्देनजर अपनी तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं।

सरहदी इलाकों से लोगों का पलायन
- फोटो : संवाद

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विस्तार
पाकिस्तान की ओर से अमृतसर में दागी गईं मिसाइल की घटना को देखते हुए लोगों में दहशत का माहौल है। मोहल्लों में लगी सोलर लाइटों के कनेक्शन काट दिए गए हैं, ताकि ब्लैकआउट के दौरान इसकी लाइटें जले नहीं।
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इसके अलावा सरहदी गांव के लोगों का दूसरे दिन भी पलायन जारी है। भारत-पाकिस्तान के बीच हालात ज्यादा बिगड़ते देख लोगों ने दो-दो माह का राशन खरीदकर घरों में रख लिया है।
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हुसैनीवाला बाॅर्डर की तरफ बसे गांव के लोग दूसरे दिन भी अपना कीमती घरेलू सामान लेकर सुरक्षित जगहों पर जाते हुए देखे गए हैं। ग्रामीण रेशम सिंह का कहना है कि बच्चों और घर का कीमती सामान लेकर सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं। उनका गांव टेंडी वाला सरहद से सटा हुआ है। उसने बताया कि गांव गट्टी राजोके व झुग्गे हजारा सिंह वाला से भी बहुत से ग्रामीण सामान लेकर सुरक्षित जगहों पर जा चुके हैं। शहर के लोगों ने अमृतसर में हमले की घटना को देख गली-मोहल्लों में लगी सोलर लाइटों के कनेक्शन काट दिए हैं, ताकि ब्लैकआउट के समय ये जलती न रहें।

उधर, ममदोट निवासी जोगिंदर सिंह का कहना है कि सरहद पर खराब होते हालात को देखते हुए दो-दो माह का राशन खरीद कर घरों में रख लिया है। जंग छिड़ती है तो अपना कीमती सामान लेकर सुरक्षित जगह पर चले जाएंगे। अभी उन्हें कोई खतरा नजर नहीं आ रहा। हुसैनीवाला बाॅर्डर पर जो गांव बसे हैं वो सतलुज दरिया पार हैं इसलिए वहां के लोग गांव खाली कर रहे हैं।
वहीं, जलालाबाद से सटे सरहदी गांवों के लोग अपने घरों में ही बैठे हैं। ग्रामीण संतोष सिंह का कहना है कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। जब उन्हें जिला प्रशासन गांव खाली करने को कहेगा तब वे लोग गांव खाली करेंगे।