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पंचायत का फैसला: पंजाब के इस गांव में बाहरी लोगों की एंट्री बैन, शादी नहीं कर सकेंगे युवक-युवती; क्या है वजह?
संवाद न्यूज एजेंसी, बरनाला (पंजाब)
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Wed, 17 Sep 2025 02:59 PM IST
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सार
बरनाला की एक पंचायत ने प्रवासियों को लेकर कड़ा फैसला लिया है। पंचायत प्रतिनिधियों व गांव के लोगों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है कि उनके गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूर्व प्रतिबंध रहेगा।

प्रस्ताव पारित करते पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पंजाब के बरनाला की एक पंचायत ने ऐसा प्रस्ताव पास किया है कि जिसमें बाहरी (दूसरे राज्यों) के लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। बरनाला के गांव कट्टू की ग्राम पंचायत ने यह कड़ा फैसला लिया है। गांव कट्टू की पंचायत ने गांव निवासियों की सहमति से प्रवासियों के पूर्ण बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया है। गांव की महिला सरपंच के पति करनैल सिंह सहित पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों की एक बड़ी सभा में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है।

पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि बीते दिनों होशियारपुर में एक प्रवासी व्यक्ति ने चार साल के बच्चे की हत्या की घटना को अंजाम दिया था। इसके अलावा बरनाला की तपा मंडी में एक प्रवासी ने अपने ही साथी का कत्ल कर दिया था। इन दोनों घटनाओं को देखते हुए गांव कट्टू की पंचायत ने गांव में प्रवासियों की एंट्री बैन कर दी है। ताकि उनके गांव में ऐसी घटनाएं न हों।
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इसके अलावा गांव में पहले से रह रहे प्रवासियों की सारी जानकारी एकत्रित की जा रही है। गांव में प्रवासियों का कोई भी पहचान पत्र और आधार कार्ड नहीं बनाया जाएगा और गांव में प्रवासियों के प्रवेश पर पूरी रोक रहेगी। अगर फसल के सीजन के दौरान गांव में प्रवासी आते हैं तो जो भी गांववासी उन्हें गांव में लाएगा, उसके लिए वही जिम्मेदार होगा।
इसके अलावा पंचायत ने अन्य फैसले भी लिए हैं, जिनमें गांव में रहने वाले युवक और युवती आपस में शादी नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने या पति-पत्नी (लिव इन) की तरह रहने वालों का गांव में पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति गांव के साझे पंचायत स्थल, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, गुरु घर, पंचायत घर, खेल मैदान या किसी अन्य पंचायत स्थल को नुकसान पहुंचाता है, तो उसका भी बहिष्कार किया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव पूरे गांव की सहमति से ग्राम पंचायत और ग्रामीणों द्वारा पारित किए गए हैं ताकि गांव के लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।