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Budget 2025: बजट से नाखुश पंजाब-चंडीगढ़ के सांसद, मनीष तिवारी बोले-ये केंद्र का बजट है या बिहार का... पता नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sat, 01 Feb 2025 02:41 PM IST
सार
केंद्रीय बजट 2025 में पंजाब के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं, जिससे राज्य के किसानों और उद्योगों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कृषि, छोटे उद्योगों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की।
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सांसद हरसिमरत काैर बादल और मनीष तिवारी।
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में किसानों और उद्योगों को मजबूती देने के लिए कई बड़े एलान किए गए हैं। हालांकि पंजाब और चंडीगढ़ के सांसद बजट से नाखुश ही दिखे।
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय बजट पर कहा कि जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, उनके नाम सबसे ज्यादा लिए गए। बिहार फिर असम का नाम लिया गया। पंजाब का नाम भी नहीं लिया जहां किसान एमएसपी की गारंटी के लिए धरने पर बैठे हैं। किसानों की लड़ाई को बिल्कुल भी नहीं सुना गया, इसलिए मुझे दुख है।
वहीं चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मैं यह समझने में असफल रहा कि यह भारत सरकार का बजट था या बिहार सरकार का? क्या आपने केंद्रीय वित्त मंत्री के पूरे बजटीय भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम सुना है। जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें पूरे देश के लिए कुछ होना चाहिए। यह दुखद है कि जिस बैसाखी पर सरकार चल रही है उसे स्थिर रखने के लिए देश के बाकी हिस्सों के विकास को दांव पर लगा दिया गया है।
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शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय बजट पर कहा कि जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, उनके नाम सबसे ज्यादा लिए गए। बिहार फिर असम का नाम लिया गया। पंजाब का नाम भी नहीं लिया जहां किसान एमएसपी की गारंटी के लिए धरने पर बैठे हैं। किसानों की लड़ाई को बिल्कुल भी नहीं सुना गया, इसलिए मुझे दुख है।
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वहीं चंडीगढ़ के कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मैं यह समझने में असफल रहा कि यह भारत सरकार का बजट था या बिहार सरकार का? क्या आपने केंद्रीय वित्त मंत्री के पूरे बजटीय भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम सुना है। जब आप देश के बजट की बात करते हैं तो उसमें पूरे देश के लिए कुछ होना चाहिए। यह दुखद है कि जिस बैसाखी पर सरकार चल रही है उसे स्थिर रखने के लिए देश के बाकी हिस्सों के विकास को दांव पर लगा दिया गया है।
देश को डुबोने वाला बजट
वहीं कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि बजट में किसी वर्ग को कुछ नहीं मिला। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश का नाम तक नहीं लिया... किसानों के लिए कुछ भी नहीं। किसान धरने पर बैठे हैं, उनकी बात और एमएसपी की बात नहीं हुई, यह देश को डूबोने वाला बजट है।केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने गिनाई खासियतें
आम बजट पर केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि बजट में मध्य वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा। इसी तरह 36 जीवन रक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम्स ड्यूटी से पूरी तरह से छूट दी गई है, जिससे आवश्यक उपचारों तक पहुंच बढ़ गई है। बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी गई है, जिससे अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। कृषि उत्पादकता में वृद्धि पर विशेष फोकस किया गया। खासकर विशेष रूप से उच्च उपज वाली फसलें और कपास को प्रोत्साहन दिया गया है। भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय में 15-20% की महत्वपूर्ण वृद्धि, जिससे आधुनिक वंदे भारत ट्रेनों और सुरक्षा उपायों का मार्ग प्रशस्त होगा। बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की घोषणा की गई है, जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देना है।सीएम बोले-ये चुनावी बजट
वहीं सीएम भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में एक बार फिर पंजाब को अनदेखा किया गया। पंजाब के किसानों, नौजवानों को केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं दिया है। केंद्र द्वारा न तो किसानों को फसल पर MSP दी गई, न ही राज्य को किसी इंडस्ट्री के लिए पैकेज दिया गया। पंजाब को ऐसा कुछ नहीं दिया गया जो उसके आर्थिक और भविष्य में सुधार ला सके। यह बजट केवल चुनावी बजट है, जिसमें केवल बिहार राज्य के लिए ही घोषणा हैं। एक बार फिर बजट में केंद्र सरकार ने पंजाब और पंजाबियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। पर पंजाब को हम अपने बलबूते पर पैरों पर खड़े करके रहेंगे।बजट पर आम आदमी पार्टी पंजाब प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि बजट में बिहार, बिहार और सिर्फ बिहार है। लगता है चुनाव का मौसम आ गया है, तभी अचानक बिहार को सौगातों की बारिश हो रही है। पर सवाल यह है कि बाकी राज्यों का क्या होगा। क्या विकास सिर्फ चुनावी हितों के हिसाब से होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान का जिक्र नहीं है।पंजाब के उद्योगपतियों के लिए कुछ नहीं है। केंद्र को जवाब देना चाहिए कि पंजाब के रुके हुए फंड्स का हिसाब कौन देगा। उन्होंने कहा कि देश को राजनीतिक सौगातों की नहीं, जनहितकारी नीतियों की जरूरत है।