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Flood in Punjab: बाढ़ के कारण पाकिस्तान बह गए हजारों पशु, मुआवजे के लिए अब करना होगा ये काम

मोहित धुपड़, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Wed, 17 Sep 2025 03:26 PM IST
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सार

पंजाब में बाढ़ ने सभी जिलों के ग्रामीण इलाकों को प्रभावित किया है मगर सीमा के साथ सटे जिलों खासकर गुरदासपुर, फिरोजपुर, अमृतसर, फाजिल्का इत्यादि में तबाही सबसे ज्यादा हुई है।  

Punjab flood Cattle washed away in Pakistan owners must submit affidavits before receiving compensation
अपने जानवर को पानी में बहने से बचाता किसान - फोटो : संवाद/फाइल
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विस्तार
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पंजाब में आई बाढ़ की वजह से किसानों के बहुत से पशु सीमा पार पाकिस्तान की ओर बह गए हैं। इन पशुओं का अब कोई अता-पता नहीं है। इस वजह से किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। 

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हालांकि पंजाब सरकार ने पशु पालकों को राहत देने के लिए मुआवजे का एलान किया हुआ है मगर उन पशु पालकों को मुआवजे के आवेदन के साथ शपथ पत्र भी देना होगा।

पंजाब में बाढ़ ने सभी जिलों के ग्रामीण इलाकों को प्रभावित किया है मगर सीमा के साथ सटे जिलों खासकर गुरदासपुर, फिरोजपुर, अमृतसर, फाजिल्का इत्यादि में तबाही सबसे ज्यादा हुई है। यहां गांवों में जहां ग्रामीणों के घरों और फसलों को काफी क्षति पहुंची है, वहीं सीमाओं पर तैनात बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) की चौकियों व अन्य ढांचों को भी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ में बीएसएफ की 100 से अधिक चौकियां क्षतिग्रस्त हुई हैं जबकि गुरदासपुर, फिरोजपुर और अमृतसर में ही लगभग 30 किलोमीटर से अधिक भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगी फेंसिंग को नुकसान हुआ है।

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बहुत से जानवरों की हुई माैत

अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भी फेंसिंग पानी में बह गई। सीमाओं से सटे इन्हीं इलाकों के गांवों में बाढ़ के उफान के चलते ग्रामीणों के जानवर क्षतिग्रस्त फेंसिंग से पार पाकिस्तान की ओर बह गए। पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि सैलाब में उतरकर इन पशुओं को बचा पाना मुमकिन नहीं था। बहुत से जानवरों ने तो बाढ़ के दौरान दम तोड़ दिया। इनमें गाय, भैंसें, बकरी, बैल, घोड़े व मुर्गियां इत्यादि शामिल हैं। इस दौरान करीब 3.60 लाख पशुधन का नुकसान हुआ है।


हालांकि पंजाब सरकार ने पशुधन के नुकसान के लिए मुआवजे का एलान कर रखा है। इनमें गाय-भैंस के लिए 37500 रुपये और बकरी के लिए 4 हजार रुपये शामिल हैं। अन्य जानवरों के लिए भी मुआवजा तय है। इनमें उन ग्रामीणों को मुआवजे के आवेदन के साथ यह शपथपत्र भी देना होगा कि उनके जानवर पाकिस्तान की ओर बह गए हैं। ऐसे पशुओं के वापस मिलने की संभावना न के ही बराबर है।

सरकार मुआवजा जरूर देगी

वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा बताते हैं कि कई पशु फेंसिंग टूटने से सीमा पार बह गए हैं, अब उनके बारे में कोई सूचना नहीं है। सरकार ऐसे पशुओं का भी मुआवजा जरूर देगी। बस एक औपचारिकतावश ऐसे पशुपालकों से शपथ पत्र ले लिया जाएगा जिसमें वे अपने पशुधन के सीमा पार बह जाने का दावा करेंगे।

पशुओं के कंकाल का निस्तारण बड़ी चुनौती

गांवों में बाढ़ का पानी उतर रहा है और बर्बादी के निशान उभर रहे हैं। इसी में कई क्षेत्रों में उन पशुओं के कंकाल मिल रहे हैं, जो बाढ़ में बहकर मर गए। मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते हैं। इन पशुओं के कंकाल का निस्तारण अब बड़ी चुनौती है, क्योंकि इनसे बीमारियों का खतरा है। इसके लिए सरकार व्यवस्था करेगी। इन कंकालों का निस्तारण प्राथमिकता के साथ कराया जाएगा।

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