Punjab Flood: बाढ़ से दो और मौतें, अबतक 55 की जान गई; राहत-बचाव व पुनर्वास के लिए उच्चस्तरीय बैठक आज
बाढ़ प्रभावित पंजाब में प्रभावित लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। वीरवार को सूबे में अलग-अलग जिलों में दो लोगों की मौत हुई है। बाढ़ से अबतक 55 लोगों की जान जा चुकी है।

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बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या 55 हो चुकी है। वीरवार को फाजिल्का और मानसा जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। पठानकोट में लापता हुए लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चला है। आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने यह जानकारी दी। पानी भले ही उतरने लगा है लेकिन बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 2214 हो गई है जबकि प्रभावित व्यक्तियों की संख्या 3,88,508 तक पहुंच गई है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। सीएम आवास पहुंचने के साथ ही मान ने बाढ़ पीड़ितों के बचाव, राहत एवं पुनर्वास के लिए शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुला ली है। इसमें मुआवजा, चिकित्सकीय सुविधाएं व वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। सीएम मान ने बुधवार को छोटे किसानों का कर्जा माफ करने के भी संकेत दिए थे, जिस पर बैठक में सभी विभागों से रिपोर्ट मांग सकते हैं। बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के डिप्टी कमिश्नर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे, जबकि सचिव और मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के निवास पर व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा ने पूरे प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। हालांकि प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावित आबादी के बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए बड़े स्तर पर कार्य कर रही है। इन नाजुक परिस्थितियों के दौरान राहत प्रदान करने के लिए कई कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। पूरे प्रदेश के सभी विभागों को तालमेल से काम करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संकट के इस समय में प्रभावित लोगों तक अधिक से अधिक मदद पहुंचाई जा सके।
सौंद की सक्षम पंचायतों से अपील-बाढ़ प्रभावितों के लिए फंड दें
पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य करवाने के लिए सक्षम पंचायतों से मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आई बाढ़ के कारण हजारों गांव प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में तत्काल राहत की आवश्यकता है। बाढ़ के कारण गांवों में जमा मलबा और मृत पशुओं का तुरंत निस्तारण आवश्यक है। इसके साथ पंचायतों के बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की मरम्मत भी करवाई जानी है।
उन्होंने कहा कि बहुत सी पंचायतों के पास उनकी जमीन अधिग्रहीत होने के कारण करोड़ों रुपये की राशि बैंकों में एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के रूप में जमा है। पंचायतें इन फंडों में से कुछ राशि बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत कार्यों के लिए देती हैं तो यह कदम बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए मानवता के आधार पर एक महत्वपूर्ण पहल होगी। उन्होंने अपील की कि इस उद्देश्य के लिए पंचायतें अपनी जमीन अधिग्रहण के एवज में प्राप्त राशि की एफडी में रखी गई रकम में से मूल राशि का 5 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ राहत कार्यों के लिए दें।