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त्योहारी सीजन का असर: पंजाब के जीएसटी कलेक्शन में भारी बढ़ोतरी, पिछले साल छुआ था 1981 करोड़ का आंकड़ा

अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़ Published by: नवीन दलाल Updated Sun, 03 Nov 2024 10:10 AM IST
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सार

जीएसटी, एक्साइज और वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) सरकार के राजस्व में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन जीएसटी लागू होने से आय के कई स्रोत केंद्र के पास चले गए हैं। इस कारण पंजाब सरकार को फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

Effect of festive season, Huge increase in Punjab GST collection, last year it touched figure of 1981 crores
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Istock
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विस्तार
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पंजाब में इस बार त्योहारी सीजन में अर्थिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिला है। इसके चलते अक्तूबर माह में प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है और इसमें पिछले साल इसी महीने के मुकाबले 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अक्तूबर 2024 में 2211 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन दर्ज किया गया है, जबकि अक्तूबर 2023 में यह कलेक्शन 1981 करोड़ रुपये था। माल और सेवा कर (जीएसटी) पेट्रोल और शराब को छोड़कर अन्य पर वसूला जाता है।

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इसी तरह सितंबर के मुकाबले में भी जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी हुई है। सितंबर 2024 में 4 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 1933 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन हुई थी, जबकि अक्तूबर महीने में इसमें 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह पंजाब की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं, क्योंकि कोरोना काल के दौरान प्रदेश की अर्थव्यवस्था को काफी झटका लगा था और इस दौरान जीएसटी कलेक्शन में भी गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन जिस तरह से अब लगातार जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, यह प्रदेश के लिए राहत की खबर है।
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पड़ोसी राज्य हरियाणा के जीएसटी कलेक्शन में भी वृद्धि हुई है। हरियाणा का जीएसटी कलेक्शन जहां पिछले साल अक्तूबर में 8716 करोड़ रुपये था, वहीं इस बार यह बढ़कर 10,045 करोड़ रुपये हो गया है, जो 15 फीसदी वृद्धि दर्शाता है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन में गिरावट दर्ज की गई है। अक्तूबर 2023 में हिमाचल का जीएसटी कलेक्शन जहां 885 करोड़ दर्ज किया गया था, वहीं इस बार यह कम होकर 867 करोड़ हो गया है।
पंजाब सरकार को फंड की कमी

बता दें कि जीएसटी, एक्साइज और वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) सरकार के राजस्व में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन जीएसटी लागू होने से आय के कई स्रोत केंद्र के पास चले गए हैं। इस कारण पंजाब सरकार को फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि सूबा सरकार ने वित्त आयोग के समक्ष भी प्रदेश को विशेष पैकेज देने की मांग की थी। इसके अलावा पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने भी पिछले महीने मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में भी जीएसटी के अतिरिक्त सेस का पंजाब के साथ ही सभी राज्यों में उचित वितरण किए जाने की मांग की थी।

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