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अंतिम इच्छा पूरी: घर के पास ही सुपुर्द-ए-खाक हुए उस्ताद पूरण शाहकोटी, दिलजीत दोसांझ ने लिखा भावुक पोस्ट

संवाद न्यूज एजेंसी, जालंधर (पंजाब) Published by: अंकेश ठाकुर Updated Tue, 23 Dec 2025 04:35 PM IST
सार

उस्ताद शाहकोटी का सोमवार को 72 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। मंगलवार को उन्हें उनकी इच्छा के अनुसार घर के पास सुपुर्द-ए-खाक किया गया।

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Master Saleem father Ustad Pooran Shahkoti was laid to rest near his home in Jalandhar
सुपुर्द-ए-खाक हुए उस्ताद पूरण शाहकोटी - फोटो : संवाद
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विस्तार
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मशहूर बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम के पिता और महान संगीत उस्ताद पूरण शाहकोटी को उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप देओल नगर स्थित उनके घर के पास ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उस्ताद शाहकोटी की इच्छा थी कि उन्हें श्मशान घाट न ले जाया जाए। उनके जनाजे में सैकड़ों लोग और पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री की नामचीन हस्तियां शामिल हुईं। उस्ताद पूरण शाहकोटी को अंतिम विदाई देने के लिए सलीम के निवास पर पंजाबी संगीत जगत की बड़ी हस्तियां पहुंचीं। इनमें कलेर कंठ, जी-खान, राय जुजार, नवराज हंस, अफसाना खान, गुरलेज अख्तर, जसविंदर दयालपुरी, माशा अली, बूटा मोहम्मद सहित कई कलाकार शामिल रहे।
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मास्टर सलीम ने मीडिया से अपील की थी कि अंतिम रस्मों और सुपुर्द-ए-खाक की वीडियोग्राफी न की जाए, जिसके चलते मीडिया को बाहर ही रुकने को कहा गया। उस्ताद शाहकोटी का सोमवार (22 दिसंबर) को 72 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
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गुरु के जाने पर भावुक हुए शागिर्द
जैसे ही उस्ताद शाहकोटी के निधन की खबर फैली, उनके शागिर्द और मशहूर सिंगर हंसराज हंस तुरंत घर पहुंचे और गुरु के जाने पर भावुक होकर रो पड़े। सिंगर राय जुजार ने कहा कि उस्ताद बहुत सॉफ्ट बोलते थे, डांट में भी उनका प्यार छिपा होता था। उन्होंने इंडस्ट्री को बड़े-बड़े कलाकार दिए हैं, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती।

फकीरों जैसा था उस्ताद का स्वभाव
सूफी सिंगर मुकेश इनायत ने कहा कि उस्ताद पूरण शाहकोटी का जाना इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। उनका व्यवहार बिल्कुल फकीरों जैसा था और वह हर किसी को अच्छा गाने और अच्छा इंसान बनने की सीख देते थे। कलेर कंठ ने कहा कि उस्ताद के साथ बिताए पल हमेशा याद रहेंगे, वह संगीत के प्रति पूरी तरह समर्पित थे।

मंत्री मोहिंदर भगत ने दी श्रद्धांजलि
कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने कहा कि उस्ताद शाहकोटी ने संगीत के माध्यम से पंजाब का नाम देश-दुनिया में रोशन किया। उन्होंने हंसराज हंस, मास्टर सलीम जैसे कलाकारों को मंच दिया। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणादायक रहा है।

एक युग का अंत: शागिर्दों और कलाकारों ने जताया शोक
उस्ताद पूरण शाहकोटी के शागिर्दों में हंसराज हंस और जसबीर जस्सी जैसे नाम शामिल रहे। जस्सी ने कहा कि गुरु का जाना सबसे बड़ा दुख होता है। पंजाबी सिंगर व अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने इंस्टाग्राम पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि उस्ताद ने अपनी पूरी जिंदगी म्यूजिक इंडस्ट्री को समर्पित कर दी, ऐसी रूहें बार-बार जन्म नहीं लेतीं।

सुरों की सदी शांत हो गई- मास्टर सलीम
पिता के निधन पर भावुक होते हुए मास्टर सलीम ने कहा, “एक सुरों और संगीत की पूरी सदी आज शांत हो गई। वह सिर्फ मेरे पिता नहीं, बल्कि महान कलाकार, गुरु और दार्शनिक थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती।”

उन्होंने गूंगों को बोलना सिखाया -हंसराज हंस
वहीं हंसराज हंस ने कहा- वह हमारे माई-बाप थे, जिन्होंने गूंगों को बोलना सिखाया। आज जो कुछ भी हासिल किया, वह उस्ताद शाहकोटी साहब की बदौलत है। गुरलेज अख्तर ने उन्हें “असली लीजेंड” बताते हुए कहा कि आधी पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री उन्हीं की देन है। मोहब्बत और सुरों के उस्ताद पूरण शाहकोटी अपनी उस्तादी की खुशबू छोड़कर चले गए, लेकिन उनका संगीत और शागिर्दों में बसाया गया हुनर हमेशा जिंदा रहेगा।
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