सरकारी सिस्टम की लापरवाही: लुधियाना में एंबुलेंस के इंतजार में चार घंटे जमीन पर तड़पता रहा बुजुर्ग, और फिर...
नहीं चाहिए ऐसा सरकारी सिस्टम, जिसकी लापरवाही किसी की जान के लिए आफत बन जाए। लुधियाना में सिविल अस्पातल में एक बुजुर्ग सरकारी एंबुलेंस के इंतजार में चार घंटे तक तड़पता रहा।

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सरकारी सिस्टम की ऐसी लापरवाही किसी की भी जान ले सकती है। पंजाब के लुधियाना में बेहद शर्मनाक घटना घटी है। यहां एक बुजुर्ग सरकारी एंबुलेंस के इंतजार में चार घंटे तक पड़ा रहा। लुधियाना सिविल अस्पताल में मंगलवार रात एक बुजुर्ग मरीज 108 एंबुलेंस के इंतजार में करीब चार घंटे तक जमीन पर पड़ा तड़पता रहा और डॉक्टरों ने उसे एंबुलेंस के आने तक बेड मुहैया करवाना या फिर सरकारी एंबुलेंस से दूसरे अस्पताल में भेजने का प्रबंध करना जरूरी नहीं समझा। परिजनों की तरफ से हेल्पलाइन नंबर पर कई फोन करने के बावजूद 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची और जरूरतमंद मरीज की मदद करने के बजाय ऑपरेटर भी फोन काटता रहा। इस घटना के बाद पंजाब में स्वास्थ्य सेवाएं सवालों के घेरे में है।

मरीज की हालत बिगड़ती देख परिवार ने मजबूर होकर ऑनलाइन एप से टैक्सी बुक की और उसे टैक्सी में डालकर चंडीगढ़ ले गए। पीड़ित मरीज की पहचान हैबोवाल निवासी छेदीलाल (65) के रूप में हुई, जोकि करीब 25 दिन पहले शिवपुरी इलाके में ई-रिक्शा पलटने की वजह से चोटिल हुआ था। उसके पैर की हड्डी टूट गई थी। हादसे के बाद राहगीरों ने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया था। यहां पर डॉक्टरों ने मंगलवार की शाम छेदीलाल को पीजीआई रेफर कर दिया, लेकिन उसे चंडीगढ़ ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं दी। पीड़ित के पारिवारिक सदस्यों ने 108 एंबुलेंस को कई फोन किए, लेकिन वह भी नहीं आई।
मरीज का परिवार एंबुलेंस के लिए सिविल अस्पताल में इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। उधर, चलने फिरने में लाचार मरीज काफी देर तक जमीन पर पड़ा तड़पता रहा। परिवार ने थक हारकर ऑनलाइन एप से टैक्सी बुक की और देर रात किसी तरह से टैक्सी का इंतजाम करके बुजुर्ग को चंडीगढ़ ले गए। हालांकि इस दौरान अस्पताल परिसर में सरकारी एंबुलेंस सहित 108 एंबुलेंस भी खड़ी थी, लेकिन इसके बावजूद मरीज की मदद नहीं की गई।