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मैकडी से एयरो सिटी को जाती सड़क की हालत खस्ता, गड्ढों में हिचकोले से कोई वाहन नहीं बचता
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जीरकपुर। शहर में सबसे ज्यादा बजट से गमाडा की ओर से बनाई गई जीरकपुर के मैकडी चौक से 200 फुट चौड़ी इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड वीआईपी सिटी की पहचान है जो कि पीआर-77 के नाम से जानी जाती है और भविष्य में यह मोहाली को पंचकूला को जोड़ेगी। जब यह बनकर तैयार हुई थी तो इसके दोनों ओर सौंदर्यीकरण के साथ इसके बीच में बने डिवाइडर को भी बहुत खूबसूरत तरीके से सजाया गया है।
लेकिन इसके बनने के करीब 7-8 महीने के बाद से ही यह सड़क विवादों में रही है, क्योंकि पहली बार हुई बारिश के दौरान जीरकपुर के मैकडी चौक से गांव छत के लाइट प्वाइंट को होते हुए इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर जाती यह रोड कई जगह से धंस गई थी और साथ ही कई जगह से सड़क की बजरी उखड़ गई थी। इसके बाद से ही इसकी हालत खस्ता बनी हुई है और इस पर बने गड्ढों पर कई बार पैचवर्क भी करवाया गया है। लेकिन इस बरसात में इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड पर जगह-जगह गड्ढे बनने से इसकी हालत खस्ता हो गई है। यहां मरम्मत नहीं होने से तकरीबन सभी वाहनों को इन गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है और वाहन चालक मजबूरन इन गड्ढों से हिचकोले लेते गुजर रह हैं। यह सड़क पूरे ट्राइसिटी के लोगों के लिए काफी अहम है और मोहाली से दिल्ली आने-जाने वाले वाहन चालकों के लिए यह चंडीगढ़ बाईपास का काम करती है।
जानकारी के मुताबिक गमाडा की ओर से करोड़ों रुपये खर्च कर जीरकपुर से खरड़ तक 200 फुट चौड़ी पीआर-7 रोड का निर्माण किया गया था। इसके बनने के साथ मोहाली, खरड़ के रास्ते पंजाब और रोपड़ के रास्ते हिमाचल आने-जाने वाले और मोहाली से दिल्ली आने-जाने वाले राहगीरों को भारी राहत मिली थी। इस सड़क से पहले वाहन चालकों को चंडीगढ़ से होकर दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में आना-जाना पड़ता था। जबकि इस सड़क का निर्माण होने के बाद अब वाहन चालकों को चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि वह बाहर से बाहर ही इस सड़क से अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं। इस सड़क पर हर समय पर भारी यातायात रहता है। इस बरसात के मौसम के में हुई बारिश के कारण इस सड़क पर जगह-जगह पानी जमा होने से इससे भारी संख्या में वाहनों की आवाजाही के कारण यहां सड़क के दोनों ओर जगह-जगह दर्जनों बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जो बारिश का पानी भर जाने के बाद वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते और वाहन इन गड्ढों से हिचकोले लेते हुए निकलने से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इतना ही नहीं एयरो सिटी की अंदरूनी सड़कों की हालत भी काफी खस्ता है और जगह-जगह बने गड्ढों में बारिश का पानी भरा होने से इनसे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
बता दें कि यह सड़क चौड़ी होने के कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार काफी तेज होती है और अचानक गड्ढे दिखाई नहीं देते। इस कारण यहां हादसों का खतरा बना रहता है। स्थानीय लोगों ने मांग करते कहा कि प्रशासन को समय रहते इन गड्ढों की मरम्मत करवा देनी चाहिए।
बरसात का मौसम खत्म होते ही मरम्मत होगी
यह शहर की अहम सड़क है और इस पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट होने के कारण इसकी अलग पहचान है। इस सड़क की मरम्मत करने के लिए संबंधित विभाग गमाडा से बातचीत की जाएगी। उम्मीद है कि बरसात का मौसम है खत्म होते ही गमाडा इसकी मरम्मत शुरू कर देगा। जिससे लोगों की परेशानी दूर होगी। - गिरीश वर्मा, कार्यकारी अधिकारी, नगर काउंसिल।
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लेकिन इसके बनने के करीब 7-8 महीने के बाद से ही यह सड़क विवादों में रही है, क्योंकि पहली बार हुई बारिश के दौरान जीरकपुर के मैकडी चौक से गांव छत के लाइट प्वाइंट को होते हुए इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर जाती यह रोड कई जगह से धंस गई थी और साथ ही कई जगह से सड़क की बजरी उखड़ गई थी। इसके बाद से ही इसकी हालत खस्ता बनी हुई है और इस पर बने गड्ढों पर कई बार पैचवर्क भी करवाया गया है। लेकिन इस बरसात में इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड पर जगह-जगह गड्ढे बनने से इसकी हालत खस्ता हो गई है। यहां मरम्मत नहीं होने से तकरीबन सभी वाहनों को इन गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है और वाहन चालक मजबूरन इन गड्ढों से हिचकोले लेते गुजर रह हैं। यह सड़क पूरे ट्राइसिटी के लोगों के लिए काफी अहम है और मोहाली से दिल्ली आने-जाने वाले वाहन चालकों के लिए यह चंडीगढ़ बाईपास का काम करती है।
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जानकारी के मुताबिक गमाडा की ओर से करोड़ों रुपये खर्च कर जीरकपुर से खरड़ तक 200 फुट चौड़ी पीआर-7 रोड का निर्माण किया गया था। इसके बनने के साथ मोहाली, खरड़ के रास्ते पंजाब और रोपड़ के रास्ते हिमाचल आने-जाने वाले और मोहाली से दिल्ली आने-जाने वाले राहगीरों को भारी राहत मिली थी। इस सड़क से पहले वाहन चालकों को चंडीगढ़ से होकर दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में आना-जाना पड़ता था। जबकि इस सड़क का निर्माण होने के बाद अब वाहन चालकों को चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि वह बाहर से बाहर ही इस सड़क से अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं। इस सड़क पर हर समय पर भारी यातायात रहता है। इस बरसात के मौसम के में हुई बारिश के कारण इस सड़क पर जगह-जगह पानी जमा होने से इससे भारी संख्या में वाहनों की आवाजाही के कारण यहां सड़क के दोनों ओर जगह-जगह दर्जनों बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जो बारिश का पानी भर जाने के बाद वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते और वाहन इन गड्ढों से हिचकोले लेते हुए निकलने से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इतना ही नहीं एयरो सिटी की अंदरूनी सड़कों की हालत भी काफी खस्ता है और जगह-जगह बने गड्ढों में बारिश का पानी भरा होने से इनसे पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
बता दें कि यह सड़क चौड़ी होने के कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार काफी तेज होती है और अचानक गड्ढे दिखाई नहीं देते। इस कारण यहां हादसों का खतरा बना रहता है। स्थानीय लोगों ने मांग करते कहा कि प्रशासन को समय रहते इन गड्ढों की मरम्मत करवा देनी चाहिए।
बरसात का मौसम खत्म होते ही मरम्मत होगी
यह शहर की अहम सड़क है और इस पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट होने के कारण इसकी अलग पहचान है। इस सड़क की मरम्मत करने के लिए संबंधित विभाग गमाडा से बातचीत की जाएगी। उम्मीद है कि बरसात का मौसम है खत्म होते ही गमाडा इसकी मरम्मत शुरू कर देगा। जिससे लोगों की परेशानी दूर होगी। - गिरीश वर्मा, कार्यकारी अधिकारी, नगर काउंसिल।