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Patiala News: पंजाब में पराली जलाने के मामले 4,600 पार
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अमर उजाला ब्यूरो
पटियाला। पंजाब में लगातार पराली जल रही है। बुधवार को 155 नए मामले सामने आने से यह आंकड़ा 4,662 तक पहुंच गया है। मौजूदा सीजन में अब तक 930 नोडल व सुपरवाइजर अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी हो चुके हैं।
बता दें कि जिन अफसरों को नोटिस जारी हुए है, उनमें से एक भी अफसर के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। इन अफसरों को सूचना मिलने के बावजूद संबंधित खेत में पहुंच कर आग बुझाने के लिए समय रहते कार्रवाई न करने के लिए नोटिस जारी हुए हैं। 930 में से केवल 13 अफसरों के खिलाफ सीएक्यूएम एक्ट के सेक्शन 14 के तहत प्रोसीक्यूशन एक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू की है लेकिन किसी भी अधिकारी को अब तक न तो चार्जशीट किया गया है और न ही सस्पेंड किया गया है। इनमें कपूरथला से 116 अफसर, बरनाला से 100 अफसर, फिरोजपुर से 91, अमृतसर से 90, तरनतारन से 86, जालंधर से 83, मालेरकोटला से 75, गुरदासपुर से 69, संगरूर से 62, पटियाला से 60, मानसा से 31, मुक्तसर से 22, एसएएस नगर से 20 और एसबीएस नगर से 9 अधिकारी मुख्य रूप से शामिल हैं।
मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई खराब श्रेणी में रहा :
बुधवार को पंजाब में पराली जलाने के 155 मामले सामने आए। यह पिछले साल 12 नवंबर को केवल 83 मामले आए थे। इस समय अवधि तक 2024 में पंजाब में पराली जलाने के कुल मामले 7112 हुए थे। 2023 में यह संख्या 24717 थी। इससे साफ है कि पंजाब में इस बार पराली कम जल रही है लेकिन नवंबर माह में लगातार ज्यादा पराली जलने से मामलों में इजाफा होने से हवा प्रदूषित हो रही है। बुधवार को मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई खराब श्रेणी में रहा, जो 282 दर्ज किया गया। जबकि छह शहरों का एक्यूआई यलो जोन में रहा। इनमें बठिंडा का एक्यूआई 190, खन्ना का 173, अमृतसर का 167, जालंधर का 159, लुधियाना का 146 और पटियाला का 125 दर्ज किया गया। सबसे अधिक 683 मामले जिला संगरूर, तरनतारन जिले से 662, फिरोजपुर से 494, अमृतसर से 311 मामले, बठिंडा से 321, मानसा से 275, मुक्तसर से 306, पटियाला से 225, कपूरथला से 133, लुधियाना से 182, फाजिल्का से 193, फरीदकोट से 116, बरनाला से 96, मालेरकोटला से 88, जालंधर से 78,, फतेहगढ़ साहिब से 43, एसएएस नगर से 29, होशियारपुर से 16 मामले सामने आए। बुधवार को सबसे अधिक पराली फाजिल्का में जली और यहां 31 नए मामले सामने आए। 11 नवंबर तक 1843 मामलों में 97 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जिसमें से 45 लाख 1 हजार रुपये की वसूली कर ली गई है। इसके साथ ही 1483 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। 1758 रेड एंट्री की गई हैं।
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पटियाला। पंजाब में लगातार पराली जल रही है। बुधवार को 155 नए मामले सामने आने से यह आंकड़ा 4,662 तक पहुंच गया है। मौजूदा सीजन में अब तक 930 नोडल व सुपरवाइजर अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी हो चुके हैं।
बता दें कि जिन अफसरों को नोटिस जारी हुए है, उनमें से एक भी अफसर के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। इन अफसरों को सूचना मिलने के बावजूद संबंधित खेत में पहुंच कर आग बुझाने के लिए समय रहते कार्रवाई न करने के लिए नोटिस जारी हुए हैं। 930 में से केवल 13 अफसरों के खिलाफ सीएक्यूएम एक्ट के सेक्शन 14 के तहत प्रोसीक्यूशन एक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू की है लेकिन किसी भी अधिकारी को अब तक न तो चार्जशीट किया गया है और न ही सस्पेंड किया गया है। इनमें कपूरथला से 116 अफसर, बरनाला से 100 अफसर, फिरोजपुर से 91, अमृतसर से 90, तरनतारन से 86, जालंधर से 83, मालेरकोटला से 75, गुरदासपुर से 69, संगरूर से 62, पटियाला से 60, मानसा से 31, मुक्तसर से 22, एसएएस नगर से 20 और एसबीएस नगर से 9 अधिकारी मुख्य रूप से शामिल हैं।
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मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई खराब श्रेणी में रहा :
बुधवार को पंजाब में पराली जलाने के 155 मामले सामने आए। यह पिछले साल 12 नवंबर को केवल 83 मामले आए थे। इस समय अवधि तक 2024 में पंजाब में पराली जलाने के कुल मामले 7112 हुए थे। 2023 में यह संख्या 24717 थी। इससे साफ है कि पंजाब में इस बार पराली कम जल रही है लेकिन नवंबर माह में लगातार ज्यादा पराली जलने से मामलों में इजाफा होने से हवा प्रदूषित हो रही है। बुधवार को मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई खराब श्रेणी में रहा, जो 282 दर्ज किया गया। जबकि छह शहरों का एक्यूआई यलो जोन में रहा। इनमें बठिंडा का एक्यूआई 190, खन्ना का 173, अमृतसर का 167, जालंधर का 159, लुधियाना का 146 और पटियाला का 125 दर्ज किया गया। सबसे अधिक 683 मामले जिला संगरूर, तरनतारन जिले से 662, फिरोजपुर से 494, अमृतसर से 311 मामले, बठिंडा से 321, मानसा से 275, मुक्तसर से 306, पटियाला से 225, कपूरथला से 133, लुधियाना से 182, फाजिल्का से 193, फरीदकोट से 116, बरनाला से 96, मालेरकोटला से 88, जालंधर से 78,, फतेहगढ़ साहिब से 43, एसएएस नगर से 29, होशियारपुर से 16 मामले सामने आए। बुधवार को सबसे अधिक पराली फाजिल्का में जली और यहां 31 नए मामले सामने आए। 11 नवंबर तक 1843 मामलों में 97 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जिसमें से 45 लाख 1 हजार रुपये की वसूली कर ली गई है। इसके साथ ही 1483 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। 1758 रेड एंट्री की गई हैं।