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पंजाब सरकार सख्त: बाढ़ के बीच मुनाफाखोरी नहीं होगी बर्दाश्त, आप विधायक धालीवाल ने व्यापारियों से किया संवाद
अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Sat, 13 Sep 2025 06:03 PM IST
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सार
आप विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने बाढ़ के बीच जमाखोरी को लेकर गांव-गांव में जाकर सख़्त जांच शुरू कर दी है। कई दुकानदारों पर केस दर्ज किए गए और लाइसेंस रद्द करने जैसी कार्रवाई की गई।

कुलदीप सिंह धालीवाल, आप विधायक
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
पंजाब में चल रहे संकट के बीच, राज्य सरकार ने ग्रामीण बाज़ारों में काला बाज़ारी के खिलाफ अपनी सख्त मुहिम को तेज़ कर दिया है। जैसे-जैसे बाढ़ से प्रभावित समुदाय वापस पटरी पर आने की कोशिश कर रहे हैं। आप विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल खुद गांवों में पहुंचे और अजनाला और आसपास के इलाकों में दुकानदारों व व्यापारियों से सीधे बात की। व्यस्त बाज़ारों के बीच खड़े होकर धालीवाल ने साफ शब्दों में संदेश दिया। ज़रूरी सामानों में मुनाफाखोरी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दुकानदारों को संबोधित करते हुए उन्होंने पंजाबी में कहा काला बाज़ारी से बचो। लोगों की तकलीफ न बढ़ाओ। अगर आप ऐसा करते हैं तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की मौज़ूदगी ने उनके इस संदेश को और मज़बूती दी।
उपभोक्ता शिकायतों के लिए हेल्पलाइन
कई मार्केट संघों को भी याद दिलाया गया कि अगर कोई भी जमाखोरी या ओवर रेटिंग करते पकड़ा गया तो तुरंत और कड़ी सज़ा मिलेगी। निरीक्षण के दौरान, धालीवाल ने आम लोगों की दिक्कतें भी सुनीं और व्यापारियों को सख्त चेतावनी दी कि ऐसे वक्त में उनका फर्ज है कि वे अपने समुदाय की रक्षा करें, न कि उनका शोषण। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक टीम लगातार छापेमारी करती रहेगी, और दुर्व्यवहार साबित होने पर दुकान का लाइसेंस रद्द, दुकान सील और शिकायत दर्ज की जाएगी। उपभोक्ता शिकायतों पर ध्यान देने के लिए 24x7 हेल्पलाइन भी शुरू की गई है।
इस तरह की निरंतर और सख्त कार्रवाइयों के कारण पूरे पंजाब में एक स्पष्ट संदेश गया है। धालीवाल के मौके पर पहुंचने और उनके सख्त रवैये को बाढ़ प्रभावित गांवों में काफी सराहा गया है, जिससे लोगों में भरोसा जागा है कि सरकार न्याय और जवाबदेही को पहली प्राथमिकता पर रख रही है। आने वाले दिनों में रूटीन पेट्रोलिंग और गुप्त जांच जारी रहेगी। धालीवाल की टीम ने एलान किया है कि चाहे कोई भी हो, काला बाज़ारी में लिप्त पाए जाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। यह लगातार चल रही मुहिम हर दुकानदार के लिए चेतावनी है कि इमानदारी और निष्पक्षता ही अब सबसे ज़रूरी है, खासतौर पर जब पंजाब के लोग मुसीबत में है।

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उपभोक्ता शिकायतों के लिए हेल्पलाइन
कई मार्केट संघों को भी याद दिलाया गया कि अगर कोई भी जमाखोरी या ओवर रेटिंग करते पकड़ा गया तो तुरंत और कड़ी सज़ा मिलेगी। निरीक्षण के दौरान, धालीवाल ने आम लोगों की दिक्कतें भी सुनीं और व्यापारियों को सख्त चेतावनी दी कि ऐसे वक्त में उनका फर्ज है कि वे अपने समुदाय की रक्षा करें, न कि उनका शोषण। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक टीम लगातार छापेमारी करती रहेगी, और दुर्व्यवहार साबित होने पर दुकान का लाइसेंस रद्द, दुकान सील और शिकायत दर्ज की जाएगी। उपभोक्ता शिकायतों पर ध्यान देने के लिए 24x7 हेल्पलाइन भी शुरू की गई है।
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इस तरह की निरंतर और सख्त कार्रवाइयों के कारण पूरे पंजाब में एक स्पष्ट संदेश गया है। धालीवाल के मौके पर पहुंचने और उनके सख्त रवैये को बाढ़ प्रभावित गांवों में काफी सराहा गया है, जिससे लोगों में भरोसा जागा है कि सरकार न्याय और जवाबदेही को पहली प्राथमिकता पर रख रही है। आने वाले दिनों में रूटीन पेट्रोलिंग और गुप्त जांच जारी रहेगी। धालीवाल की टीम ने एलान किया है कि चाहे कोई भी हो, काला बाज़ारी में लिप्त पाए जाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। यह लगातार चल रही मुहिम हर दुकानदार के लिए चेतावनी है कि इमानदारी और निष्पक्षता ही अब सबसे ज़रूरी है, खासतौर पर जब पंजाब के लोग मुसीबत में है।
ज़रूरी वस्तुओं की बढ़ रही कीमतें
किसान मज़दूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर ने चेतावनी दी कि अमृतसर समेत कई इलाकों में रोज़मर्रा की ज़रूरी वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। बाढ़ के बीच चारे, राशन और दवाइयों की जमाखोरी की शिकायतें बढ़ने लगी हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 550 रुपये वाला 25 किलो का चारा पैकेट अब दुकानों में 630 रुपये तक बेचा जा रहा है। यही हाल बचाव कार्यों में इस्तेमाल होने वाली नावों का है, जिनकी कीमतें दोगुनी और कभी-कभी तिगुनी तक वसूल की जा रही हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चंडीगढ़, रोपड़ और अमृतसर में नावों की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला। लकड़ी की नाव जो पहले 30 हजार रुपये में खरीदी जाती थी, अब 60 हजार रुपये में बेची जा रही है। फाइबर या रबर की नाव की कीमतें 30 से 40 हजार रुपये से बढ़कर 80 हजार रुपये तक पहुंच गई। वहीं, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर यही नाव 2.5 लाख रुपये तक बेची जा रही है। इसके अलावा जनरेटर, पेट्रोल और आवश्यक आपूर्ति की दरें तेज़ी से बढ़ाई जा रही हैं, जिससे बाढ़ प्रभावित लोग और मुश्किल में फंस रहे हैं।
दुकानदारों पर दर्ज हुए केस
इन्हीं हालातों को देखते हुए पंजाब सरकार ने ज़ीरो टॉलरेंस का रुख अपनाया है। कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा गांव-गांव में जाकर की गई सख़्त जांच के बाद कई दुकानदारों पर केस दर्ज किए गए और लाइसेंस रद्द करने जैसी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि रोज़ाना छापेमारी और गुप्त निरीक्षण जारी रहेंगे, ताकि कालाबाज़ारी करने वालों को बिल्कुल भी मौका न मिल सके।
इन तेज़ कार्रवाइयों और सख़्त रवैये की वजह से आम जनता में भरोसा बढ़ा है। लोग कह रहे हैं कि यह पहली बार है जब किसी सरकार ने बिना देर किए कालाबाज़ारी पर इतनी सख़्ती दिखाई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी टीम को इस बात के लिए सराहा जा रहा है कि उन्होंने सिर्फ़ चेतावनी तक सीमित न रहते हुए तुरंत कार्रवाई की और राहत शिविरों तक सस्ती दरों पर सामान पहुंचाने की व्यवस्था की। इसका स्पष्ट संदेश गया है कि मान सरकार आम आदमी की सरकार है जो न सिर्फ़ सुनती है बल्कि लोगों की तकलीफ़ों को दूर करने के लिए मौके पर जाकर काम करती है।
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