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पुष्कर पशु मेला: कल से शुरू होगा देसी-विदेशी संस्कृति और आध्यात्मिक यात्रा का संगम, जानें इस बार क्या है खास

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अजमेर Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Fri, 01 Nov 2024 02:30 PM IST
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सार

राजस्थान के अजमेर जिले में 2 नवंबर से विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले का आगाज़ होने जा रहा है। देशभर से पशु मालिक ऊंट, घोड़े आदि पशुओं की प्रदर्शनी और प्रतियोगिताओं में भाग लेने पुष्कर पहुंचेंगे, वहीं मेले का आकर्षण ऊंट नृत्य, घोड़ा नृत्य और ऊंट सजाओ जैसी प्रतियोगिताएं भी होंगी।

Ajmer: Pushkar cattle fair will start from Saturday
पुष्कम में मेले की तैयारी। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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अगर आप भी देसी विदेशी संस्कृति को एक साथ देखना चाहते हैं तो पुष्कर मेले में आने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि अजमेर के पुष्कर में लगने वाले सबसे बड़े पशु मेले की शुरुआत कल 2 नवंबर को होने वाली है। इस पुष्कर पशु मेले में पूरे भारत से पशु मालिक अपने-अपने पशु यहां लेकर आते हैं और उनके खरीद फरोख्त के साथ पशु विभाग द्वारा होने वाले विभिन्न पशु प्रतियोगिता में भाग भी लेते हैं। जिनको देखने के लिए देसी ही नई विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में पुष्कर के मेला मैदान में आते हैं।

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विभिन्न प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशुओं में मेले में पर्यटन विभाग की ओर से मेले में आने वाले पशुओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा जिसमें ऊंट नृत्य, घोड़ा नृत्य, ऊंट सजाओ प्रतियोगिता, घोड़ा, ऊंट दौड़ प्रतियोगिताओं के अलावा अन्य प्रतियोगिताएं भी पुष्कर मेला मैदान में आयोजित की जाएगी।
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2 नवंबर से होगी पुष्कर पशु मेले की शुरुआत

धार्मिक यात्रा निकलेगी 12 नवंबर को
देवस्थान विभाग के द्वारा निकाली जाने वाली धार्मिक यात्रा के लिए गायत्री शक्ति पीठ, उदासीन आश्रम, ब्रह्मा कुमारी, गरीब नवाज दरगाह के साथ विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है। आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल एकादशमी 12 नवम्बर को गायत्री शक्ति पीठ शुरू होगी। इसका समापन पशु मेला मैदान में होगा। यह यात्रा पशु मेले के शुभारम्भ का संकेत मानी जाती है। यात्रा अपने पुराने रूट से निकाली जाएगी। 

झांकियों का प्रदर्शन होगा
उपखण्ड अधिकारी पुष्कर गौरव कुमार मितल ने बताया कि यह आध्यात्मिक यात्रा पुष्कर मेले के शुभारम्भ का प्रतीक है। इस बैठक में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, ट्रस्ट तथा गणमान्य लोगो से यात्रा के सम्बन्ध में सुझाव आमंत्रित किए गए। उन्होंने कहा कि इस यात्रा को समपन्न करने में आम जन, संस्थाएं तथा ट्रस्ट की भागीदारी महत्वपूर्ण है। इस यात्रा को सभी विभाग समन्वय से कार्य करके भव्य बनाएंगे तथा सभी धर्म सद्भाव से कार्य करेंगे। यात्रा में झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। हर वर्ष की भांति यह यात्रा शान्ति निकाली जाएगी। 

2 नवंबर से होगी पुष्कर पशु मेले की शुरुआत

2005 में हुआ था शुभारंभ
इस आध्यात्मिक यात्रा का प्रारम्भ 2005 में हुआ था। उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी विभाग समन्वय से काम करेंगे। यात्रा के दौरान विभिन्न संस्थानों द्वारा पुष्प वर्षा की जाएगी। यात्रा को आध्यात्मिक स्वरूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान निकाली जाने वाली झांकियों का आकार ज्यादा नहीं होना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि नगर परिषद पुष्कर साफ-सफाई तथा पानी की व्यवस्था करेगा। पुलिस प्रशासन को यात्रा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश प्रदान किए। पुलिस प्रशासन के द्वारा यात्रा के दौरान अतिरिक्त जाब्ता लगाकर मार्गों की बैरिकेडिंग की जाएगी। ब्रह्मा कुमारी संस्थान के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनके द्वारा झांकी निकालने के साथ स्टॉल भी लगाए जाएंगे। इस अवसर पर देव स्थान विभाग के सहायक आयुक्त गिरीश कुमार, पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि के साथ विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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