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Bikaner News: छह बार डसा, फिर भी कम नहीं हुआ प्यार, अब तक 30 हजार सांपों को बचा चुके हैं गोविंदसर के श्याम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बीकानेर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Thu, 08 Aug 2024 02:43 PM IST
सार
श्याम का कहना है कि सांप वन्य परिस्थिति के संतुलन का का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अज्ञानता में लोग उन्हें देखते ही मार देते हैं। मैंने अभी तक कई कोबरा सांप पकड़े हैं और उन्हें दूर ले जाकर सुरक्षित स्थान पर छोड़ देता हूं।
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गोविंदसर के श्याम स्नेक मैन।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सांप का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों को मानो सांप सूंघ जाता हैं। उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जहरीले सांपों से भी नहीं डरते।बल्कि वो उन्हें आसानी से काबू कर लेते हैं। ग्रामीण इलाकों में आज भी सांपों की इतनी दहशत होती के किसान इन्हें देखते ही मार देते है। आज हम आपको मिलवा रहे हैं सांपों के एक मित्र से जो कि इन खतरनाक और जहरीले सांपों को पलभर में काबू कर लेता है।
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बीकानेर के कोलायत तहसील के छोटे से गांव गोविंदसर के रहने वाले श्याम गोविंदसर बारिश के इस मौसम में बेहद व्यस्त रहते हैं, क्योंकि इस मौसम में सांप अपने बिल से बाहर रहते हैं। उन्हें आसपास के इलाकों से दिनभर में सैकड़ों फोन आते हैं। फोन करने वाले की लोकेशन पर पहुंचकर श्याम गोविन्द सर किसानों के खेत-खलिहान में निकलने वाले जहरीले सांपों को सुरक्षित पकड़ कर जंगल में छोड़ देते हैं।
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श्याम बचपन से ही सांप पकड़ते आ रहे हैं। यह कार्य उन्होंने अपने पिता से सीखा है। श्याम अब तक अनगिनत सांपों को पकड़ चुके हैं। श्याम का कहना है कि सांप वन्य परिस्थिति के संतुलन का का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अज्ञानता में लोग उन्हें देखते ही मार देते हैं। मैंने अभी तक कई कोबरा सांप पकड़े हैं और उन्हें दूर ले जाकर सुरक्षित स्थान पर छोड़ देता हूं। बेजुबान जानवरों के प्रति श्याम का इतना प्रेम है कि वे सांपों के साथ-साथ सैकड़ों गाय, हिरण, नीलगाय, मोर, बाज का रेस्क्यू कर चुके हैं।
अपने पापा से सीखा सांप पकड़ना
स्नेक रेस्क्युअर श्याम गोविंद सर ने बताया कि 2012 मेरे पापा सांप पकड़ते आ रहे हैं। उस समय हम लोग छोटे-छोटे थे। उनको ऐसा करते देख कर मुझे सांपों से लगाव सा हो गया। पिता से सांपों को काबू करना सीखकर अब तक सैकड़ों जहरीले सांपों को रेस्क्यू कर चुका हूं। उन्होंने बताया कि जहरीले सांप को पकड़ते वक्त वे छः बार स्नेकबाइट का शिकार होना पड़ा था। अगर समय रहते इलाज मिल जाए तो स्नेक बाइट के बाद भी जान बच सकती है। श्याम अपने खर्चे पर इन जानवरों का रेस्क्यू करते हैं। श्याम इन जानवरों के लिए एक रेस्क्यू सेंटर की स्थापना करना चाहते हैं।
श्याम के सोशल मीडिया पर एक मिलियन फोलोवर्स
श्याम ने शौकिया तौर पर सांपों के रेस्क्यू ऑपरेशन के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे, जिसके बाद लोगों ने भी श्याम के जीव रक्षा की मुहिम का साथ दिया। आज फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर श्याम के एक मिलियन से ज्यादा फालोवर्स हैं।
बड़ा रेस्क्यू सेंटर खोलना चाहते हैं श्याम
श्याम के अनुसार वे घायल, बेसहारा जानवरों के लिए रेस्क्यू सेंटर खोलना चाहते हैं, जहां इन जानवरों का इलाज हो सके और वे भयमुक्त होकर रह सकें।