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Rajasthan News: दौसा के सबसे बड़े अस्पताल में सुरक्षा लापरवाही उजागर, फायर सिलेंडर खाली; पानी की सप्लाई बंद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दौसा Published by: दौसा ब्यूरो Updated Tue, 07 Oct 2025 04:54 PM IST
सार

Dausa News: दौसा के रामकरण जोशी चिकित्सालय में अग्निशमन व्यवस्था में भारी लापरवाही सामने आई। वार्डों में लगे फायर सिलेंडर 2022 से खाली हैं और पानी की सप्लाई बंद है। सीएमएचओ ने सुधार के निर्देश दिए, पर हालात चिंताजनक बने हैं।
 

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Rajasthan News: Safety lapses exposed at Dausa's largest hospital, fire cylinders empty; water supply cut off
वार्डों व अन्य जगहों पर लगे अग्निशामक यंत्र के सिलेंडर खाली - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जयपुर के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना के बाद भी दौसा जिला मुख्यालय का रामकरण जोशी चिकित्सालय सुरक्षा मानकों के प्रति बेपरवाह नजर आया। मंगलवार को जब अस्पताल की अग्निशमन और सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल की गई, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अस्पताल के विभिन्न वार्डों में लगे अग्निशामक सिलेंडर न केवल खाली पाए गए, बल्कि उन पर वर्ष 2022 की अंतिम रीफिल तिथि दर्ज थी। वहीं, पानी की फायर सप्लाई लाइनें भी बंद मिलीं।

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2022 से रीफिल नहीं हुए सिलेंडर, ट्रॉमा वार्ड में भी खाली मिले
पड़ताल में यह सामने आया कि अस्पताल के लगभग हर वार्ड में फायर सिलेंडर तो लगाए गए हैं, लेकिन रीफिलिंग वर्ष 2022 के बाद नहीं कराई गई। ट्रॉमा वार्ड, जो कि सबसे संवेदनशील और आपात स्थिति वाला विभाग है, वहां भी सिलेंडर खाली और अनुपयोगी अवस्था में लटके मिले। सिलेंडर पर लगी रीफिलिंग की तारीख तक मिट चुकी थी और किसी ने उन्हें दोबारा भरवाने की जिम्मेदारी नहीं ली।
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जिला अस्पताल में बंद पानी सप्लाई लाइन
 
बंद पड़ी फायर लाइनें और निष्क्रिय व्यवस्था
अस्पताल के प्रवेश द्वारों, ओपीडी, आईसीयू और पोर्च में बड़े पाइपों के साथ फायर लाइन सिस्टम मौजूद है, ताकि आग लगने की स्थिति में पानी की सप्लाई तुरंत की जा सके। मगर जांच में पाया गया कि ये लाइनें लंबे समय से बंद पड़ी हैं और किसी ने उन्हें चालू कराने का प्रयास नहीं किया। पानी की मोटर और पाइपलाइन की मरम्मत भी नहीं कराई गई, जिससे आपात स्थिति में इनका उपयोग असंभव हो गया है।
 
प्रतिदिन चार हजार मरीज आते हैं इलाज के लिए
रामकरण जोशी चिकित्सालय जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। यहां मेडिकल, सर्जरी, जनाना, शिशु, अस्थि, आंख सहित कई वार्ड और आईसीयू संचालित हैं। अस्पताल में रोजाना करीब 4000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों और स्टाफ की मौजूदगी के बावजूद फायर सेफ्टी की बुनियादी तैयारी का अभाव गंभीर चिंता का विषय है।

जिला अस्पताल में बंद पानी सप्लाई लाइन

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जिम्मेदारों के पास जवाब नहीं
जब अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. मीणा से इस संबंध में सवाल किया गया, तो उन्होंने दावा किया कि अस्पताल में अग्निशमन के पुख्ता प्रबंध मौजूद हैं और फायर कर्मचारियों को नियमित जांच के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि जब ट्रॉमा वार्ड के खाली सिलेंडर के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वार्ड प्रभारी से जानकारी लेकर सिलेंडर तत्काल रीफिल कराए जाएंगे। साथ ही फायर सप्लाई लाइन और बिजली से जुड़ी दिक्कतों के समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखा गया है।
 
सुरक्षा इंतजामों की हकीकत पर उठे सवाल
एसएमएस अस्पताल की आग की घटना के बाद दौसा प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा तो की गई, लेकिन रामकरण जोशी चिकित्सालय में मिली लापरवाही से यह साफ है कि जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया। अग्निशमन यंत्रों की स्थिति और निष्क्रिय फायर लाइनें इस बात का संकेत हैं कि अस्पताल किसी बड़ी दुर्घटना के लिए तैयार नहीं है।
 

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