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Rajasthan: सरकारी योजनाओं में करोड़ों की ठगी उजागर, ई-मित्र संचालक गिरफ्तार, मास्टरमाइंड विक्रम से जुड़े तार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दौसा Published by: दौसा ब्यूरो Updated Sat, 22 Nov 2025 04:31 PM IST
सार

Dausa Crime: सिकराय में ई-मित्र संचालक की गिरफ्तारी के साथ सरकारी योजनाओं में करोड़ों की साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। मास्टरमाइंड विक्रम सैनी से जुड़े तारों की जांच जारी है। पुलिस ने कई दस्तावेज और संपत्तियों के प्रमाण जुटाए, अब तक 40 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
 

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Dausa Crime: E-Mitra operator arrested in case of fraud worth crores in govt schemes, mastermind Vikram Saini
आरोपी ई-मित्र संचालक को पुलिस ने किया गिरफ्तार - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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झालावाड़ पुलिस ने सरकारी योजनाओं में करोड़ों रुपये की साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए दौसा जिले के सिकराय में छापा मारकर एक ई-मित्र संचालक को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से कंप्यूटर, लैपटॉप और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। यह कार्रवाई पीएम किसान सम्मान निधि सहित कई योजनाओं में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद की गई। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार संचालक ठगी के मास्टरमाइंड विक्रम सैनी के संपर्क में था और उसी के निर्देश पर साइबर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था।

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तहसील कार्यालय के बाहर चल रही ई-मित्र दुकान से मिला ठगी का सुराग
झालावाड़ पुलिस की टीम ने सिकराय तहसील कार्यालय के बाहर पंचायत समिति की दुकानों में चल रही एक ई-मित्र दुकान पर छापा मारा। दुकान से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और रिकॉर्ड जब्त किए गए। संचालक को हिरासत में लेते हुए पुलिस सबूतों सहित उसे झालावाड़ लेकर रवाना हो गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संचालक ने क्षेत्र में सरकारी योजनाओं के नाम पर साइबर ठगी के कई मामलों में भूमिका निभाई है।
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विक्रम सैनी था फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड, 25 हजार का इनामी घोषित
पुलिस के अनुसार, इस ठगी का पूरा मास्टरमाइंड गीजगढ़ निवासी विक्रम सैनी था, जिसे हाल ही में जयपुर से पकड़ा गया। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। आरोपी सरकारी पोर्टल्स में खामियों का फायदा उठाकर अपात्र व्यक्तियों को लाभार्थियों की सूची में जोड़ता था और ओटीपी बायपास करने जैसे तकनीकी तरीकों से सरकारी धनराशि निकाल लेता था। वह सैकड़ों फर्जी आईडी बनाकर एजेंटों को बेचता और मोटी रकम वसूलता था।

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संगठित नेटवर्क के जरिए चल रहा था करोड़ों का फर्जीवाड़ा
जांच में सामने आया है कि रामावतार सैनी नामक व्यक्ति द्वारा अपात्र लाभार्थियों का डाटा एजेंटों और सब-एजेंटों की मदद से एकत्र किया जाता था। यह डाटा नरेश सैनी के जरिए विक्रम तक पहुंचाया जाता, जहां से फर्जीवाड़े की प्रक्रिया शुरू होती थी। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 40 से अधिक आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और कई संदिग्ध अभी जांच के दायरे में हैं।
 
मास्टरमाइंड के पास करोड़ों की संपत्ति, कई फ्लैट और दुकानें जब्त
झालावाड़ पुलिस जब गीजगढ़ पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। पुलिस ने भीड़ को हटाकर विक्रम सैनी की करोड़ों की प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज जब्त किए। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उसने फर्जीवाड़े से कमाई गई रकम से विभिन्न शहरों में मकान, फ्लैट, दुकानें और अन्य संपत्तियां खरीदी हैं, जिनमें कई संपत्तियां रिश्तेदारों के नाम पर भी दर्ज हैं। पुलिस पूरे नेटवर्क की गहन जांच में जुटी है।

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