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Hanumangarh: दूसरे दिन भी हालात तनावपूर्ण, बवाल के डर से 30 परिवारों ने घर छोड़ा; किसानों ने क्या चेतावनी दी?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हनुमानगढ़ Published by: शबाहत हुसैन Updated Thu, 11 Dec 2025 11:45 AM IST
सार

Hanumangarh: हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्टरी को लेकर दूसरे दिन भी तनाव बना रहा। हिंसा के बाद पुलिस बल तैनात है, इंटरनेट बंद है और डर के चलते 30 परिवार घर छोड़ चुके हैं। किसान गुरुद्वारे में जुटकर आगे की रणनीति तय कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर

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Hanumangarh Farmer Protest Tense Situation Continues as Farmers Issue Warning Rajasthan News in Hindi
हनुमानगढ़ में बवाल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हनुमानगढ़ जिले में गुरुवार का दिन भी तनावपूर्ण बना रहा, यहां किसानों और विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी कि निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्टरी के खिलाफ उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। किसान सुबह से ही तिब्बी के पास स्थित गुरुद्वारे में जुटने लगे, वहीं दूसरी ओर इलाके में इंटरनेट सेवाएं लगातार दूसरे दिन भी बंद रहीं। फैक्टरी के पास रहने वाले करीब 30 परिवार डर की वजह से अपने घर छोड़कर जा चुके हैं।

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बता दें कि बुधवार को तब हिंसा भड़क गई जब सैकड़ों किसानों ने राठीखेड़ा गांव स्थित ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड के निर्माण स्थल पर धावा बोल दिया। उन्होंने फैक्टरी की दीवार तोड़ दी और दफ्तर तथा कई वाहनों में आग लगा दी। जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज और आँसू गैस का प्रयोग किया, जिससे किसानों का गुस्सा और भड़क गया। उन्होंने एक पुलिस जीप समेत दर्जनभर से अधिक वाहनों को फूंक दिया। हिंसा में 50 से अधिक लोग, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, घायल हुईं।

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कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के सिर में चोट आई और उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। बुधवार को हालात को देखते हुए स्कूल, कॉलेज और बाज़ार बंद रहे। हनुमानगढ़ कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने बताया कि एथेनॉल प्लांट को सभी ज़रूरी स्वीकृतियां मिल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यह फैक्टरी 2022 में राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान स्वीकृत हुई थी। भूमि रूपांतरण से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक सभी अनुमतियां मिल चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण महापंचायत की अनुमति दी गई थी, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए फैक्ट्री की ओर बढ़ गए। लोगों ने कानून हाथ में लिया। इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई की जा रही है। तिब्बी और राठीखेड़ा में पुलिस, आरएसी और होमगार्ड के अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं। गुरुवार को दुकानें खुल गईं और हालात सामान्य दिखे, लेकिन किसान गुरुद्वारे में जमा होते रहे। दोपहर में आगे की रणनीति तय करने के लिए किसानों की बैठक होनी है। कई घायल महिलाएं भी गुरुद्वारा सिंह सभा में रातभर रुकी रहीं। कांग्रेस, सीपीआई(एम) और हरियाणा-पंजाब के किसान संगठनों के नेता आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।
 

 

 

इधर, फैक्टरी हटाओ संघर्ष समिति के नेता रवजोत सिंह ने कहा कि झड़प में 70 से अधिक लोग घायल हुए। 100 से ज्यादा किसान रातभर गुरुद्वारे में रुके रहे और सुबह भी किसान पहुंच रहे हैं। कांग्रेस नेता शबनम गोडारा ने कहा कि हिंसा के लिए पूरी तरह प्रशासन जिम्मेदार है। किसानों ने सिर्फ लिखित आश्वासन मांगा था कि निर्माण रोका जाएगा, लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज कर प्रशासन ने हालात बिगाड़े। उन्होंने रोजगार की बात कर लोगों को गुमराह किया।



किसान संगठनों का कहना है कि जब तक पर्यावरण मंजूरी और स्थानीय निवासियों की सहमति नहीं मिलती, फैक्टरी नहीं चलने दी जाएगी। वहीं, चंडीगढ़ स्थित ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड, जो अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट बना रही है, उनका कहना है कि यह परियोजना केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम को बढ़ावा देगी।

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