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अंता उपचुनाव: टिकट वितरण से तय होगी भाजपा-कांग्रेस की हार और जीत, त्रिकोणीय मुकाबले से किसको फायदा ?
सार
Anta by-election: अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए 11 नवंबर को मतदान और 14 को परिणाम घोषित होंगे। कांग्रेस से प्रमोद भाया की दावेदारी तय मानी जा रही है, जबकि भाजपा में नाम तय नहीं। निर्दलीय नरेश मीणा से मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना बढ़ी है।
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भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप-प्रत्यारोप
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान की एकमात्र रिक्त बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। निर्वाचन आयोग के अनुसार 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना होगी। इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
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कोर्ट की सजा से रिक्त हुई सीट
यह सीट भाजपा के कंवरलाल मीणा के अयोग्य घोषित होने के बाद रिक्त हुई थी। कंवरलाल मीणा को 20 साल पुराने एसडीएम को धमकाने के मामले में अदालत से सजा मिलने पर 1 मई को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
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अंता सीट पर पिछला चुनाव कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और भाजपा के कंवरलाल मीणा के बीच कड़ा मुकाबला रहा था, जिसमें भाजपा को जीत मिली थी। अब निर्वाचन आयोग ने 13 अक्तूबर को अधिसूचना जारी करने की घोषणा की है। अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,26,227 मतदाता हैं, जिनमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिलाएं और 4 अन्य मतदाता शामिल हैं।
कांग्रेस में भाया की दावेदारी लगभग तय, भाजपा में मंथन जारी
कांग्रेस खेमे में तीन बार विधायक रह चुके प्रमोद जैन भाया का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। वहीं भाजपा में उम्मीदवार चयन को लेकर मंथन जारी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रभुलाल सैनी का नाम प्रमुख रूप से चर्चा में है, जबकि आनंद गर्ग, नंदलाल सुमन और अंता प्रधान प्रखर कौशल भी दावेदारों की सूची में शामिल हैं।
निर्दलीय नरेश मीणा से बन सकता है मुकाबला त्रिकोणीय
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि छात्र राजनीति से उभरकर चर्चा में आए नरेश मीणा इस चुनाव का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। हाल ही में उनकी कांग्रेस नेताओं से नजदीकियां बढ़ी हैं, लेकिन यदि उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर सकते हैं।
ऐसी स्थिति में चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में बदल सकता है, जिससे भाजपा को मीणा वोट बैंक में नुकसान उठाना पड़ सकता है, जबकि कांग्रेस को गुर्जर समाज के समर्थन पर असर पड़ सकता है। नरेश मीणा सचिन पायलट को अपना आदर्श मानते हैं। माना जा रहा है कि यदि पार्टी ने नरेश की अनदेखी की, तो मीणा बेल्ट में पायलट समर्थकों का असंतोष देखने को मिल सकता है।
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भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू
उपचुनाव की घोषणा के साथ ही दोनों प्रमुख दलों में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि भजनलाल सरकार ने दो वर्षों में जनहित के ऐतिहासिक कार्य किए हैं। सड़क, जल, बिजली, रोजगार और किसान राहत जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। भाजपा ने दो साल में वह किया जो कांग्रेस पांच साल में नहीं कर सकी।
वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार करते हुए कहा कि राजस्थान की जनता भाजपा शासन से परेशान है। कांग्रेस जनता के बीच जाकर सरकार की नाकामियों को उजागर करेगी। अंता की जनता निश्चित रूप से कांग्रेस को आशीर्वाद देगी।
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