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राजस्थान विधानसभा: सत्ता पक्ष ने डोटासरा को सदन से परमानेंट बाहर निकालने की मांग की, स्पीकर बोले सदन तय करे
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: अरविंद कुमार
Updated Tue, 25 Feb 2025 03:39 PM IST
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सार
कांग्रेस विधायकों के निलंबन को लेकर राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच विवाद और गहरा हो गया है। सत्ता पक्ष ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सदन से परमानेंट निकालने की मांग रखी। वहीं, स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि डोटासरा पर सदन में उनके लिए अपशब्द बोले। इसलिए वे सदन के सदस्य बने रहने योग्य नहीं है।

राजस्थान विधानसभा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
इंदिरा गांधी पर टिप्पणी को लेकर राजस्थान विधानसभा में मचा सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। सुबह कांग्रेस विधायक अपने निलंबित साथियों के साथ विधानसभा में घुसने की कोशिश करते हुए सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए। इसके बाद वे विधानसभा के गेट पर ही धरने पर बैठ गए। दोपहर एक बजे तक धरना देने के बाद कांग्रेस विधायक विधानसभा से चले गए। लेकिन सदन में विवाद और गहराता नजर आ रहा है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने डोटासरा को परमानेंट सदन से निकालने की मांग रख दी। सरकार के मंत्री मदन दिलावर और बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने डोटासरा को सदन से बर्खास्त करने की मांग रखी।

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वहीं, स्पीकर वासुदेव देवनानी सदन में कार्यवाही के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने कहा- मैं तो एक छोटा कार्यकर्ता था, कॉलेज में पढ़ता था, सोचा भी नहीं था कि यहां तक पहुंचूंगा, लेकिन आप लोगों ने पहुंचाया। उन्होंने कहा कि सदन में जो बोला गया वह बहुत गंभीर और अपमान जनक है। एक दल का प्रदेशाध्यक्ष भाषण करे, इन शब्दों को मैं दोहरा नहीं सकता। अखबारों में सबने पढ़ा है। वह शब्द सदन के अंदर ही कहे गए हैं, चाहे सदन की कार्यवाही चल रही हो चाहे नहीं चल रही हो।
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लेकिन सदन में बोले जाने वाले शब्द बहुत गंभीर हैं और अपमानजनक हैं। मेरा अपमान नहीं हुआ है। इस आसन का अपमान हुआ है। अब यदि हम इस आसन का अपमान चाहते हैं तो निश्चित रूप से इस बात को मैं स्पष्ट करना चाह रहा हूं कि जो कुछ सदस्य ने कहा क्या करेंगे आप लोग यह सदन तय करे। लेकिन ऐसा व्यक्ति सदन के सदस्य बने रहने योग्य नहीं है। अब उसके लिए क्या किया जाए, क्या नियम है सदन को तय करना है।
आरएलडी विधायक ने गतिरोध खत्म करने की मांग रखी
वहीं, आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग ने सरकार और स्पीकर से गतिरोध खत्म करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी विधायक भी आसन पर चढ़े हैं। इसलिए इस गतिरोध को खत्म करने की मांग रखी। गहलोत बोले, किरोड़ीलाल मीणा के फोन टैपिंग के आरोपों पर सरकार ने जवाब नहीं दिया। इससे गतिरोध बना। अब यह जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। स्पीकर का व्यवहार भी बहुत हैरान जनक है। विधानसभा में माफी मांगने वालों की भावना देखी जाती है। सदन में नेता प्रतिपक्ष और डोटासरा ने खेद प्रकट कर दिया। लगता है उनकी नियत खराब है और वे सदन नहीं चलने देना चाहते।
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल बोले
वे सदन को हाईजैक करना चाहते हैं। राजस्थान की जनता सब कुछ देख रही है। ऐसा कौन सा जनहित का मुद्दा है, जिस पर उन्होंने सदन में गतिरोध बना रखा है।
गोविंद सिंह डोटासरा बोले
जब तक मंत्री की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से बाहर नहीं निकालते और माफी नहीं मंगवाते, हम सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे। हम अपना मुकाला सड़क पर लड़ेंगे।