Khatu Shyam: पुजारी सेवक महासंघ का द्वितीय प्रांतीय महाधिवेशन 18-19 सितंबर को, यह बिल लागू करने को रखेंगे मांग
Khatu Shyam: मुख्य संयोजक महंत मोहन सिंह दास महाराज ने कहा कि श्याम बाबा की पावन भूमि पर यह आयोजन पुजारियों के कल्याण की दिशा में ठोस कदम होगा। यह महाधिवेशन सनातन धर्म की रक्षा और पुजारियों की मजबूती का प्रतीक बनेगा।

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विश्वप्रसिद्ध धार्मिक स्थल खाटू श्याम जी, सीकर में पुजारी सेवक महासंघ की ओर से द्वितीय प्रांतीय महाधिवेशन का आयोजन 18 और 19 सितंबर 2025 को किया जाएगा। यह महाधिवेशन श्री श्याम चेरिटेबल ट्रस्ट, जयपुर वालों की धर्मशाला (राजकीय अस्पताल के पास) में संपन्न होगा। इस आयोजन में राजस्थान प्रांत के लगभग 5000 पुजारियों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, गुजरात सहित अन्य राज्यों से भी पुजारी प्रतिनिधि भाग लेंगे।

महाधिवेशन का मुख्य उद्देश्य मंदिरों और उनमें सेवा-पूजा करने वाले सेवायत/पुजारियों की समस्याओं पर मंथन करना है। आयोजकों का कहना है कि वर्तमान समय में पुजारियों को आर्थिक, प्रशासनिक और सुरक्षा संबंधी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के अराजकीय मंदिरों के पुजारी भगवान की पूजा-अर्चना के लिए भी संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।
इस महाधिवेशन में सरकार और संबंधित विभागों के समक्ष कई प्रमुख मांगें रखी जाएंगी। इनमें अराजकीय भूमिहीन मंदिरों के सेवायत/पुजारियों को प्रतिमाह 30,000 रुपये की सहायता राशि, राजस्थान सेवायत/पुजारी कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन और सभी पुजारियों को वंशानुगत वार्षिकी राशि 10,000 रुपये प्रतिमाह देने जैसी मांगें प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त पुजारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सहकारी फसल ऋण, पॉली हाउस, फार्मपोंड और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी जैसी सुविधाएं किसानों की भांति उपलब्ध कराने की भी मांग की जाएगी।
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साथ ही सेवायत/पुजारी प्रोटेक्शन बिल लागू करने, ग्रामीण मंदिरों के पट्टे वंशानुगत पुजारियों को देने, अराजकीय मंदिरों को निशुल्क बिजली-पानी उपलब्ध कराने और मंदिर संपत्ति विवादों के समाधान के लिए 'मंदिर ट्रिब्यूनल' गठित करने की भी मांग उठाई जाएगी। पुजारियों के कल्याण हेतु विशेष कोष की स्थापना पर भी जोर दिया जाएगा।
महाधिवेशन के दौरान जयपुर से मेट्रो मास हॉस्पिटल द्वारा चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्य संयोजक महंत मोहन सिंह दास महाराज ने कहा कि श्याम बाबा की पावन भूमि पर यह आयोजन पुजारियों के कल्याण की दिशा में ठोस कदम होगा। यह महाधिवेशन सनातन धर्म की रक्षा और पुजारियों की मजबूती का प्रतीक बनेगा।
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