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Jaisalmer News: पर्यावरण प्रेमी की हत्या मामला, 48 घंटे बाद समझौते और बुलडोजर एक्शन के बाद शांत हुए ग्रामीण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जैसलमेर
Published by: जैसलमेर ब्यूरो
Updated Fri, 05 Sep 2025 05:06 PM IST
सार
गुरुवार देर रात प्रशासन और ग्रामीणों के बीच छह सूत्रीय समझौता होने के बाद गतिरोध खत्म हुआ। प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर आरोपियों की अवैध दुकानें और 150 बीघा सरकारी जमीन से कब्जा हटाया। शुक्रवार सुबह खेत सिंह का शव पैतृक गांव पहुंचा, जहां हजारों लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर नम आंखों से विदाई दी।
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लाठीचार्ज।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर के डांगरी गांव में पर्यावरण प्रेमी खेत सिंह की निर्मम हत्या के बाद भड़की तनावपूर्ण स्थिति आखिरकार 48 घंटे बाद शांत हुई। तीन दिन तक गांव गुस्से और आक्रोश की आग में सुलगता रहा। धरना-प्रदर्शन, आगजनी और पथराव के बीच गुरुवार देर रात प्रशासन और ग्रामीणों के बीच समझौता होने के बाद गतिरोध समाप्त हुआ। शुक्रवार सुबह जैसे ही खेत सिंह का पार्थिव शरीर बाड़मेर से उनके पैतृक गांव डांगरी पहुंचा, पूरा गांव शोक में डूब गया। हजारों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।
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हत्या के बाद गांव में तनाव, हालात बेकाबू
मंगलवार रात हुई हत्या के बाद डांगरी गांव में माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था। ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी, मुआवजा और अवैध कब्जों को हटाने की मांग को लेकर अड़े थे। गुरुवार को विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। आक्रोशित भीड़ ने आरोपियों के घरों पर हमला किया, गाड़ियां जलाईं और पथराव किया। हालात बिगड़ने पर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जोधपुर रेंज के आईजी राजेश मीणा, बाड़मेर और जैसलमेर के एसपी सहित भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
6 सूत्रीय मांगों पर बनी सहमति
लंबी बातचीत के बाद प्रशासन और ग्रामीण प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी। जिन प्रमुख मांगों को मान लिया गया, उनमें शामिल मांगी खेत सिंह को पर्यावरण प्रेमी का दर्जा दिया जाए और उनकी याद में मूर्ति स्थापित की जाए। परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी, मृतक परिवार को उचित मुआवजा सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और कठोर कानूनी कार्रवाई, आरोपियों के अवैध कब्जे और अतिक्रमण को हटाया जाए और गिरफ्तार किए गए निर्दोष प्रदर्शनकारियों को छोड़ा जाए। सहमति बनने के बाद ही ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया और अंतिम संस्कार के लिए हामी भरी।
बुलडोजर एक्शन: आरोपियों की दुकानों और जमीन से कब्जा हटाया
समझौते के तुरंत बाद प्रशासन ने एक्शन लेते हुए हत्या के आरोपियों लाडू खान, जमाल खान और खेते खान की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई शुरू कर दी। देर रात प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर पांच अवैध दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, आरोपियों ने लगभग 150 बीघा सरकारी भूमि पर तारबंदी कर खेती कर रखी थी। प्रशासन ने इस अतिक्रमण को भी हटाकर सरकारी जमीन को मुक्त कराया। ग्रामीणों ने गांव में जहां-जहां भी अवैध कब्जे हैं, उन पर भी कार्रवाई की मांग रखी है।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे खेत सिंह का शव बाड़मेर मोर्चरी से डांगरी पहुंचा। उनके घर से शुरू हुई अंतिम यात्रा में हजारों की भीड़ उमड़ी। हर कोई उन्हें पर्यावरण रक्षक के रूप में याद कर रहा था। जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी सहित कई जनप्रतिनिधि अंतिम यात्रा में शामिल हुए। कुछ ही देर बाद गांव के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
नेताओं के बयान और आरोप-प्रत्यारोप
डांगरी हत्याकांड पर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी शुक्रवार सुबह डांगरी पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने इशारों-इशारों में कांग्रेस नेता हरीश चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपणायत का चोला पहनकर संवेदनाओं पर राजनीति करने वाले लोगों से सावधान रहना होगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री और मुस्लिम धर्मगुरु सालेह मोहम्मद ने घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि गुनाह की सजा सिर्फ गुनहगारों को मिलनी चाहिए, पूरे परिवार या समुदाय को नहीं। प्रशासन को निष्पक्ष जांच करनी होगी। साथ ही उन्होंने बाड़मेर के नेताओं पर भड़काऊ भाषण देकर युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया।
गांव में सुरक्षा व्यवस्था सख्त
जुम्मे की नमाज और मुस्लिम समाज के पर्व बराफात को देखते हुए प्रशासन ने गांव में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। डांगरी की मस्जिद के बाहर भी पुलिस बल तैनात किया गया है। जैसलमेर एसपी अभिषेक शिवहरे ने कहा कि शांति बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है।