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Jaisalmer News: सामने आया मोहनगढ़ डबल मर्डर केस का सच, हरियाणा से आरोपी गिरफ्तार, CCTV फुटेज से हुआ पर्दाफाश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जैसलमेर Published by: जैसलमेर ब्यूरो Updated Thu, 23 Oct 2025 06:47 PM IST
सार

दीपावली पर हुए मोहनगढ़ डबल मर्डर केस में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। तकनीकी साक्ष्यों, मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसटीआई ने आरोपी को सिरसा, हरियाणा से गिरफ्तार किया।

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Jaisalmer News: Key Suspect in Mohangarh Double Murder Nabbed from Haryana, CCTV Footage Cracks Case
व्यापारी की हत्या करने वाला आरोपी हरियाणा से गिरफ्तार
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विस्तार
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मोहनगढ़ मंडी में दीपावली की रात घटित व्यापारी और उसके मुनीम की दोहरी हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। लगातार छह दिन तक बिना रुके चली जांच, 600 किलोमीटर क्षेत्र की पड़ताल और 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान गुरप्रीत सिंह, निवासी पंजाब के रूप में हुई है।

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पुलिस के अनुसार वारदात के बाद आरोपी व्यापारी की ऑल्टो कार और नगदी लेकर फरार हो गए थे। तकनीकी साक्ष्यों, मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग के आधार पर आरोपी की गतिविधियों को ट्रैक करते हुए आखिरकार एसआईटी ने उसे सिरसा, हरियाणा से पकड़ लिया।
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क्या था मामला?

गौरतलब है कि 20 अक्टूबर की रात मोहनगढ़ कस्बे की मंडी के पास स्थित दुकान में बीकानेर के व्यापारी मदनलाल सारस्वत (45) और उनके मुनीम रेवंतराम (38) की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। दोनों के गले धारदार हथियार से रेते गए थे। अगले दिन सुबह दुकान के बाहर दोनों के शव मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी।

लोगों ने जब पुलिस को सूचना दी तो मौके पर पहुंची टीम ने खून के धब्बे, जूतों के निशान और टायरों के मार्क्स जैसे कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए। इसके साथ ही घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी कब्जे में ली गई।

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21 अक्टूबर को मृतक व्यापारी के बेटे पंकज सारस्वत ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया और जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार को सौंपी।

टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और खुफिया इनपुट्स के आधार पर गहन जांच शुरू की। पुलिस ने 600 किलोमीटर के दायरे में 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले। इसी दौरान उन्हें एक महत्वपूर्ण सुराग मिला, जिसमें एक सफेद ऑल्टो कार घटना की रात मोहनगढ़ मंडी से निकलते हुए कैमरे में दिखाई दी थी। कार की नंबर प्लेट से पुष्टि हुई कि यह वही गाड़ी थी, जो व्यापारी मदनलाल के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पुलिस ने गाड़ी की मूवमेंट को ट्रैक किया, जो जैसलमेर से हनुमानगढ़ की दिशा में जाती पाई गई।

रास्ते में आने वाले कई टोल नाकों, ढाबों और पेट्रोल पंपों की फुटेज खंगालने पर पुलिस को एक अहम क्लू मिला। हनुमानगढ़ के एक पेट्रोल पंप पर वही कार दिखाई दी, जिसमें एक युवक पेट्रोल भरवाता नजर आया। चेहरा साफ नजर आने के बाद फेस रिकोग्निशन टेक्निक की मदद से पुलिस ने उस युवक की पहचान गुरप्रीत सिंह के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने गुरप्रीत सिंह के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल्स और लोकेशन रिकॉर्ड खंगाले, जिससे पता चला कि वारदात से दो दिन पहले वह जैसलमेर में ही रुका हुआ था। जांच में यह भी सामने आया कि उसने घटना से पहले एक नया सिम कार्ड खरीदा था, जो हत्या की रात तक सक्रिय पाया गया।

इन सब सबूतों के आधार पर पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी मानते हुए दबिशें शुरू कीं। आखिरकार पुलिस को सूचना मिली कि वह हरियाणा के सिरसा इलाके में छिपा हुआ है। इसके बाद जैसलमेर पुलिस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से व्यापारी की ऑल्टो कार, कुछ नकदी, और खून के धब्बों वाले कपड़े बरामद किए हैं। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने हत्या की बात स्वीकार की है।

पुलिस के अनुसार हत्या के पीछे पैसों के लेनदेन और निर्माण कार्य से जुड़े विवाद का एंगल सामने आया है। बताया जा रहा है कि व्यापारी मदनलाल ने अपने घर और दुकान के निर्माण का ठेका कुछ मजदूरों को दिया था, जिनमें से कुछ पंजाब के रहने वाले थे। मदनलाल ने काम पसंद न आने पर बीच में ही ठेका रद्द कर दिया था। हालांकि जितना काम हुआ था, उसका भुगतान कर दिया गया था, लेकिन मजदूर पूरी रकम की मांग पर अड़े रहे। इसी विवाद के चलते हत्या की साजिश रची गई मानी जा रही है।

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स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि वारदात से कुछ दिन पहले ठेकेदार और मजदूर मंडी में मदनलाल की दुकान पर आए थे, जहां उनके बीच कहासुनी हुई थी। उन लोगों को आखिरी बार 20 अक्टूबर की दोपहर दुकान के पास देखा गया था लेकिन उस रात के बाद से वे गायब हैं। पुलिस ने इन संदिग्ध मजदूरों की तलाश में चार अलग-अलग टीमें गठित की हैं, जो बीकानेर, श्रीगंगानगर और पंजाब के अलग-अलग इलाकों में दबिश दे रही हैं।

एसपी बोले- जल्द होगा खुलासा

जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि हत्या की योजना कब और कहां बनाई गई और क्या किसी स्थानीय व्यक्ति की भूमिका इसमें थी। एसपी ने कहा कि हमारे लिए यह केवल हत्या का नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश का मामला है। आरोपी से पूछताछ में कई तथ्य सामने आ रहे हैं और बहुत जल्द हम बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार करेंगे।

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