Jhalawar School Accident: डोटासरा का सरकार पर हमला, बोले- हादसा नहीं, सिस्टम की लापरवाही से हुई बच्चों की मौत
डोटासरा ने हादसे को ‘सिस्टम द्वारा की गई हत्या’ करार दिया और कहा कि यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने मुआवजे की राशि को भी नाकाफी बताते हुए सरकार की संवेदनहीनता की आलोचना की।

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राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपोलीदी में सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत गिरने से सात बच्चों के मौत के मामले में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने झालावाड़ पहुंचकर घायल बच्चों से मुलाकात की। घायल बच्चों के परिजनों से भी हादसे की जानकारी ली। साथ ही डोटासरा ने घायल बच्चों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के झालावाड़ नहीं आने और हादसे में घायल बच्चों से नहीं मिलने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि क्या सीएम को झालावाड़ आने में डर लगता है? उनके पास हेलिकॉप्टर की सुविधा है वो प्रदेश में दूसरे जिलों में जाकर कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, लेकिन झालावाड़ जिले में इतना बड़ा हादसा हो गया वो यहां तक भी नहीं आए।

डोटासरा ने कहा कि जबसे भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बने वो प्रदेश के दूसरे में जिलों में जाकर मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं और हेलिकॉप्टर से घूम रहे हैं, लेकिन मैं उनको बताना चाहता हूं कि जहां पर शिक्षा अर्जित की जाती है वो भी एक मंदिर ही है, लेकिन सीएम यहां नहीं आए। इससे साफ पता लगता है उनपर आलाकमान का कितना दवाब है। वो सिर्फ वहीं करते हैं जो दिल्ली से उनको आदेश मिलता है।
डोटासरा ने भी ये भी कहा कि सीएम साहब झालावाड़ के लोग काफी अच्छे हैं। आपको इन लोगों से डरने की जरूरत नहीं है। बच्चों के परिवारों की पीड़ा सुनने का उनके पास समय नहीं है। प्रदेश में सरकार किसी की भी हो। उनकी प्राथमिकता स्कूल के बच्चे होने चाहिए। यहां से ही हमारा कल का भारत निकलेगा।
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अंत्येष्टि में भी पुराने टायरों का इस्तेमाल क्यों
डोटासरा ने ये भी कहा कि हादसे के बाद सरकार ने जो मुआवजा दिया हुआ है, वो नाकाफी है। अगर सही मायनों में देखा जाए तो ये मुआवाजा है ही नहीं। सरकार की प्राथमिकता में हाल-चाल पूछना नहीं है। मुआवजे की बात तो बहुत बड़ी है। वहीं जिन बच्चों की मौत हुई उनके अंतिम संस्कार को लेकर भी डोटासरा ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को घेरा और कहा कि बच्चों की अंत्येष्टि भी प्रशासन ने ढंग से नहीं करवा सका। इससे बड़ा दुर्भाग्य उन परिवारों के लिए और कोई हो नहीं सकता। यहां के प्रशासन की ऐसी क्या मजबूरी हो गई, जो अंत्येष्टि में भी पुराने टायरों का इस्तेमाल करना पड़ा। ये जो हादसा है, यह हमें जिंदगी भर झकझोर कर रखेगा।
डोटासरा का सिस्टम पर हमला
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि सिस्टम की लापरवाही से ही इतना बड़ा हादसा हो गया। ये हादसा नहीं है ये बच्चों की हत्या है जो कि सिस्टम ने की है। इस हादसे से हर कोई स्तब्ध रह गया। सरकार यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि उनकी लापरवाही से यह हादसा हो गया। यह सभी पार्टियों के लिए गंभीर प्रश्नचिह्न है कि हमारे स्कूलों में हमारे बच्चे 70 साल बाद भी सुरक्षित नहीं हैं। जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उनको राजनीति से ऊपर उठकर यह सोचना चाहिए कि इस तरीके के हादसों की भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं हो। जो बच्चे चले गए, उनके मां-बाप पर क्या बीती होगी। यह वहीं जान सकते हैं। डोटासरा ने कहा कि इस मामले में विधानसभा में चर्चा करेंगे और सरकार से जवाब मांगा गया कि आखिर हादसे के बाद सरकार ने इन बच्चों के परिवारों और प्रदेश के अन्य जर्जर स्कूलों के लिए क्या किया है?